Bihar:पूरे बिहार में नगर चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज है.वार्ड पार्षद पद के उम्मीदवार हो या फिर सभापति व उपसभापति पद के उम्मीदवार, सभी लोग अपने अपने तरीके से गोटी सेट करने में लगे हुए हैं.इस बीच नगर चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर भी सामने आई है.खबर के मुताबिक हाईकोर्ट ने उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें बिहार निर्वाचन आयोग ने यह कहा था तीन व तीन से अधिक संतान वाले लोग चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.यही
नहीं सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के आदेश को निरस्त करते हुए पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब 3 या 3 से अधिक बच्चे वाले भी नगर निकाय का चुनाव लड़ सकते हैं.
जानिए क्या है नियम:- दरअसल बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 के मुताबिक अगर किसी नागरिक को 4 अप्रैल, 2008 के बाद तीसरा, चौथा या इससे अधिक संतानें हुई हैं, तो वह नगरपालिका निर्वाचन में अभ्यर्थी नहीं हो सकता है. चुनाव लड़ने के लिए उन्हें अधिकतम दो संतान ही होने चाहिए. अगर एक ही बार में जुड़वां या इससे ज्यादा संतान होने से संतानों की संख्या बढ़ी है, तो यह नियम उन पर लागू नहीं होगा. बताते चलें कि चुनाव आयोग ने पटना जिले के नौबतपुर नगर परिषद क्षेत्र के नगर पंचायत अध्यक्ष सरयुग मोची, वार्ड 2 के पार्षद विजय पासवान तथा वार्ड-6 की वार्ड पार्षद पूनम देवी को तीन बच्चा रहने पर अयोग्य करार दिया गया था. आयोग के इस फैसले को पटना हाईकोर्ट में सभी ने चुनौती दी थी. पार्षदों का कहना था कि कानून लागू होने के पूर्व से ही उन्हें तीन बच्चे थे.उनकी ओर से विद्यालय परित्याग प्रमाण पत्र सहित कई दस्तावेज पेश कर बताया गया कि कानून लागू होने के पूर्व वे तीन बच्चे के माता-पिता थे.जिसके बाद कोर्ट ने पार्षदों की ओर से पेश दलील एवं दस्तावेज को सही करार देते हुए आयोग के आदेश को निरस्त कर दिया. इसका अर्थ यह हुआ कि अगर आप 2008 से पहले तीन बच्चों के पिता हैं तो आप नगर निकाय का चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन 2008 के बाद अगर तीसरी संतान के पिता बने हैं पर यह नियम लागू नहीं होता है.