बरबीघा के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया बट सावित्री पूजा, महिलाओं ने की विशेष पूजा

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Sheikhpura: बरबीघा प्रखंड के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में सोमवार को सुहागिनों ने पति की लम्बी उम्र और सुख शांति के लिए वट वृक्ष की पूजा अर्चना की. जगह जगह नव विवाहिताओं में वट सावित्री पूजा को लेकर खास उत्साह दिखने को मिला. पूजा के दौरान महिलाओं ने वट वृक्ष को आम, लीची मौसमी फल अर्पित करते हुए कच्चे सूत से बांधते हुए परिक्रमा किया.

पूजा के बाद पंडित जी द्वारा कही गई वट सावित्री कथा भी महिलाओं द्वारा सुनी गई. ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन पड़ने वाले इस पर्व में सुहागिन महिलाओं ने पूजा की थाली सजाकर वट वृक्ष की  परिक्रमा की और फल-फूल चढ़ाकर सुख-समृद्धि और पति की लंबी आयु की कामना किया. व्रत के बारे में बाबा पंचबदन स्थान कुसेढ़ी के मुख्य पुजारी पंडित नवल किशोर झा ने बताया कि ज्येष्ठ अमावस्या तिथि को हिन्दू महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं.



शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत रखकर वट वृक्ष के नीचे सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करने से पति की आयु लंबी होती है और संतान सुख प्राप्त होता है. मान्यता यह भी है कि इसी दिन सावित्री ने यमराज के चुंगल से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी. उसी दिन से यह पर्व चलन में आया. बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु व महेश का वास माना जाता है. व्रत कर रही महिलाएं पाक पंचायत के मुखिया संगीता कुमारी, कविता देवी, कोमल कुमारी,आदि ने बताया कि इस व्रत में महिलाएं वट वृक्ष को सावित्री के रुप में मानती है. पुरानी मान्यता के अनुसार, बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु व महेश का वास माना जाता है. इसलिए लोग वर्षों से इसे देव वृक्ष मानते आ रहे हैं. लोगों का मानना है कि इस वट वृक्ष के पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. महिलाओं ने बांस की टोकरी में सप्त धान, गेहूं, चावल, तेल, कांगनी समेत अन्य सामाग्री लेकर वट वृक्ष के नीचे बैठ कर पहले ब्रह्मा सावित्री और फिर सत्यवान सावित्री की पूजा किया.

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