बरबीघा:-शेखपुरा के जिलाधकारी सावन कुमार का जिले के विभिन्न विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार पर कार्रवाई बदस्तूर जारी है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायती राज व्यवस्था के बाद अब जिले में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध तरीके से दाखिल खारिज पर डीएम की पैनी नजर पड़ी. जांच पड़ताल के दौरान इसकी भेंट रिटायरमेंट के दिन ही एक राजस्व कर्मचारी चढ़ गए.जिलाधिकारी के जनता दरबार में
मिली शिकायत के बाद बरबीघा प्रखंड के विवादित राजस्व कर्मचारी रामविलास सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.इसके अलावा अंचल कार्यालय के नाजिर प्रसेनजीत कुमार को भी निलंबित कर दिया गया है. दोनों के ऊपर जमीन की दाखिल खारिज को लंबित रखने के साथ-साथ दाखिल खारिज के दौरान मोटी रकम वसूलने का आरोप लगाया गया है. जनता दरबार में की गई शिकायतों के अनुसार दोनों लगातार दाखिल खारिज में मोटी राशि का डिमांड करते थे. डिमांड के अनुसार राशि नहीं देने के बाद दाखिल खारिज को या तो रद्द कर दिया जाता था या फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता था. सूत्रों के मुताबिक दिन भर दोनों के कार्यालय में जमीन के दलालों का अड्डा भी लगा रहता था.जमीन के दलाल नाजिर के कार्यालय के बगल वाले कुर्सी पर बैठकर अपने मनमर्जी तरीके से दाखिल खारिज का काम करवाते थे.यही नहीं कई बार किसी की जमाबंदी को दूसरे के नाम पर चढ़ा देने का आरोप भी दोनों के ऊपर लगातार लगते रहता था. बताते चलें कि रामविलास सिंह 31 मई को है सेवानिवृत होने वाले थे.हालांकि ऐसा माना जा रहा की पैरवी और पहुंच के दम पर फिर से उनकी सेवा में 2 साल विस्तार कर दिया गया था. विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रामविलास सिंह के ऊपर जिलाधिकारी विभागीय कार्रवाई करके उन्हें नौकरी से भी बर्खास्त कर सकते हैं. वही अंचल कार्यालय का गहनता से जांच पड़ताल करने के बाद कई और राज खुलने की भी उम्मीद जताई जा रही है.