Desk: बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. नीतीश कैबिनट ने जाति आधारित जनगणना को हरी झंडी दे दी है. गुरुवार को बिहार मंत्रिमंडल की महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसमें बिहार में जातिगत जनगणना के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया. सबसे अहम बात यह है कि राज्य सरकार अपने खर्च पर यह जनगणना कराएगी. केंद्र सरकार की ओर से किसी तरह की वित्तीय मदद नहीं मिलेगी. बता दें कि बुधवार को प्रदेश में जाति आधारित जनगणना कराने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इसमें राजद समेत तमाम राजनीतिक दलों के साथ ही भाजपा के नेता भी शामिल हुए थे. सर्वदलीय बैठक में प्रदेश में जातिगत जनगणना कराने पर आम सहमति बनी थी. इसके बाद 2 जून को बिहार कैबिनेट की अहम बैठक हुई, जिसमें जातिगत जनगणना कराने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई.
बिहार मंत्रिमंडल की हुई अहम बैठक में जातिगत जनगणना को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. नीतीश सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश सरकार अपने संसाधनों के बूते पर राज्य में जाति आधारित जनगणना कराएगी. बता दें कि इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई में बिहार के प्रमुख दलों के नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिला था. सीएम नीतीश ने बताया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री से राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत जनगणना कराने का अनुरोध किया था. बुधवार को पटना में इस मसले पर हुई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सर्व सहमति से प्रदेश में जाति आधारित जनगणना कराने की बात स्वीकार की थी. सीएम नीतीश ने बैठक के बाद सभी दलों के नेताओं के साथ मीडिया से भी मुखातिब हुए थे. उन्होंने कहा था कि जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक भी किया जाएगा, ताकि आमलोगों को भी इसको लेकर सूचना रहे.
बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बिहार कैबिनेट द्वारा लिए गए फैसलों की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जातिगत जनगणना कराने पर 500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. यह राशि आकस्मिकता निधि से खर्च की जाएगी, जिसकी मंजूरी कैबिनेट ने दे दी है. जाति आधारित जनगणना का काम फरवरी 2023 तक चलने का अनुमान जताया गया है. मुख्य सचिव ने बताया कि जिलाधिकारी को इस प्रक्रिया का नोडल अधिकारी बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग और जिला पदाधिकारी ग्राम पंचायत स्तर के अधिकारी और अन्य विभागों के तहत काम करने वाले कर्मचारियों की सेवा इसके लिए ले सकेंगे. जातिगत जनगणना के तहत आर्थिक स्थिति का सर्वेक्षण करने का प्रयास भी किया जाएगा. बिहार सरकार में मंत्री नीरज कुमार बबलू ने नीतीश कैबिनेट के फैसलों को लेकर अहम जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप की जयंती को पटना में राजकीय समारोह के साथ मनाने का निर्णय लिया गया है. प्रदेश की राजधानी पटना में महाराणा प्रताप की आदमकद प्रतिमा भी लगाई जाएगी. प्रतिमा लगाने के लिए जगह का चयन जल्द ही किया जाएगा.