Sheikhpura: जिले के तेजतर्रार जिला अधिकारी सावन कुमार का विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण लगातार जारी है. इसी कड़ी में सोमवार की देर संध्या 10:00 बजे अचानक वे बरबीघा रेफरल अस्पताल का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए. अस्पताल में प्रवेश करने से पहले अपनी गाड़ी और गार्ड को मुख्य दरवाजे के ठीक पहले सड़क किनारे खड़ी कर अस्पताल में प्रवेश किया.
साधारण वेशभूषा में देखकर एक पल के लिए मुख्य दरवाजे पर तैनात गार्ड भी धोखा खा गया और उन्हें वहीं रोक दिया. गार्ड ने जिलाधिकारी से कड़क आवाज में पूछा कौन है?और अस्पताल में क्या करने जा रहे हैं? जिलाधिकारी ने बिना परिचय दिए हुए इलाज कराने की बात कह अस्पताल के अंदर प्रवेश किया. मुख्य भवन में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले उन्होंने डॉक्टर को खोजा. गार्ड से पूछने पर पाया गया कि डॉक्टर साहब अपने चेंबर में आराम कर रहे हैं.
उधर गार्ड डॉक्टर को बुलाने के लिए चला गया इधर डीएम साहब चहल कदमी करते हुए अस्पताल के पहले तल्ले पर पहुंच गए. जिलाधिकारी ने जांच के दरमियान प्रसव कक्ष में प्रवेश करना चाहा लेकिन ड्यूटी पर तैनात नर्स पूनम कुमारी ने उक्त कक्ष में मर्दों के प्रवेश वर्जित होने की बात का उन्हें रोक दिया. इसी दरमियान एक अस्पताल कर्मी ने जिलाधिकारी को पहचान लिया उसके बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया.ड्यूटी पर तैनात डॉ रवि रंजन भागे भागे जिलाधिकारी के पास पहुंच गए. पुनः नीचे पहुंचकर जिलाधिकारी ने बारी-बारी से अस्पताल के सभी विधि व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने अस्पताल के प्रभारी डॉ फैसल अरशद को भी खोजा लेकिन वह कैंपस से गायब पाए गए.जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जाहिर किया.नियमानुसार अस्पताल के प्रभारी को अस्पताल के कैंपस में लगातार रहना होता है.लेकिन विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब से डॉक्टर फैसल अरशद प्रभारी बने हैं,अक्सर वे सिर्फ रोस्टर के अनुसार ड्यूटी करके अपने बिहार शरीफ स्थित घर चले जाते हैं.वहीं जिलाधिकारी के आवश्यक निरीक्षण से प्रभारी के अलावा अन्य कर्मियों में भी हड़कंप मचा हुआ है.हालांकि थोड़ी देर के बाद जिलाधिकारी जांच उपरांत वापस चले गए. इस वजह से मीडिया कर्मियों को कोई विशेष जानकारी नहीं मिल पाई. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि अस्पताल के प्रभारी समेत कई कर्मियों पर गाज गिर सकती है.