Barbigha:-बरबीघा रेफरल अस्पताल अपने बेहतर चिकित्सा पद्धति के लिए जिले के साथ-साथ अब दूसरे जिले के लोगों के लिए भी भरोसे का प्रतीक बन गया है. इसका जीता जागता नमूना सोमवार को उस समय देखने को मिला जब लखीसराय में चाय बनाते वक्त आग की लपेट से झुलसी महिला को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल बरबीघा में भर्ती कराया गया. आग लगी
कि इस घटना में लखीसराय जिला के कछियाना गांव निवासी परमानंद पांडे की पत्नी माला देवी लगभग आधे से अधिक जल गई थी.परिजनों ने बताया कि अगर वह लखीसराय डिस्ट्रिक्ट अस्पताल मरीज को ले जाते, तो शायद इलाज के अभाव में उसकी मौत हो जाती है. इसलिए परिजनों ने महिला को बेहतर इलाज के लिए बरबीघा के किसी निजी अस्पताल में नहीं बल्कि रेफरल अस्पताल बरबीघा में भर्ती कराया.अस्पताल में कार्यरत डॉ साकेत भारती ने भी परिजनों के भरोसे पर खरा उतरते हुए महिला का बेहतर प्राथमिक उपचार किया और उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया. परिजनों ने बताया कि महिला घर में गैस पर चाय बना रहे थी. चाय बनाते वक्त महिला की साड़ी ने आग पकड़ लिया और जब तक लोग आग पर काबू पाते तब तक वह बुरी तरह से झुलस गई. गरीब ब्राह्मण परिवार से होने के कारण किसी बड़े अस्पताल में ना जाकर परिजन सीधे बरबीघा रेफरल अस्पताल भरोसे के साथ पहुंच गए. घायल महिला के परिजनों को बरबीघा अस्पताल में दिखाने के लिए सर्वा गांव निवासी विजय पांडे ने प्रोत्साहित किया था. रेफर होने के बाद दो दिन पहले ही लोजपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रहे मधुकर कुमार उर्फ डॉक्टर साहब द्वारा दिए गए एसी एंबुलेंस से उसे पावापुरी पहुंचाया गया. आज अगर मधुकर कुमार द्वारा दिए गए एंबुलेंस अस्पताल में नहीं रहता तो शायद महिला की मौत अस्पताल में ही हो जाती.