जाते जाते शेखपुरा में खेला कर गए जिला शिक्षा पदाधिकारी रंजीत पासवान, पत्र जारी कर इस्लामिया स्कूल प्रबंधन समिति को दिया अहम निर्देश

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Sheikhpura: जिले में पिछले कुछ महीनों से इस्लामिया स्कूल का खूब जिक्र हो रहा है. शंबिल हैदर एक ऐसे शख्स हैं जिनपर लगातार ये आरोप लगाया जा रहा है कि पिछले 22 साल से वो सचिव के पद पर जमे हुए हैं और खूब वित्तीय अनियमितता कर रहे हैं. इन सब के बीच बड़ी खबर ये है कि ट्रांसफर से पहले रंजीत पासवान ने एक पत्र जारी कर गजब का मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है.



दरअसल इस्लामिया के प्रबंधन समिति पर एक और गुट की नजर है. वो चाहता है कि इस पर टोटल कंट्रोल उसका हो इस कारण इस्लामिया स्कूल में खूब पॉलिटिकल वॉर चल रहा है. एक तरफ शंबिल हैदर हैं जो करीब 22 साल से एक ही पद पर बने हुए हैं जबकि नियम के मुताबिक हर तीन साल में सचिव का चुनाव होना होता है लेकिन शंबिल हैदर को सचिव की कुर्सी से इतना मोहब्बत है कि वो इसे छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहे हैं हालांकि कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि उस कुर्सी पर बैठने से मलाई इतनी मिलती है कि कोई क्यों उस कुर्सी को छोड़ना चाहेगा.

वहीं दूसरी तरफ शिक्षा पदाधिकारी ने ट्रांसफर से पहले एक पत्र जारी कर इस्लामिया प्रबंधन को निर्देश दिया है कि 24 घंटा के अंदर नए सिरे से सचिव का चुनाव कराया जाए. अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार विद्यालय के सचिव पद पर कब्जे को लेकर शह और मात का खेल शुरू हो गया है. दरअसल जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा चिट्ठी जारी करने से कुछ दिन पहले ही एक प्रेस विज्ञप्ति विद्यालय के विवादित सचिव संबिल हैदर द्वारा जारी किया गया था. प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव पद पर उनकी नियुक्ति में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं थी और उसको लेकर स्थानीय अखबारों में समाचार भी प्रकाशित हुआ था. लेकिन अब जिला शिक्षा पदाधिकारी के पत्र ने विद्यालय प्रबंधन समिति में भूचाल ला दिया है.हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि इस तरह के पत्र को जारी करने का अधिकार शिक्षा पदाधिकारी को नहीं है.

लोजपा नेता इमाम गजाली के शिकायत पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने किया कार्रवाई

जारी पत्र के अनुसार शेखपुरा जिले के दिग्गज लोजपा नेता इमाम गजाली सहित अन्य द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ शिकायत पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपा गया था. पत्र में यह आरोप लगाया गया था कि संबिल हैदर अनैतिक तरीके से वर्ष 2011 से ही सचिव पद पर बने हुए हैं. इस दौरान एक बार भी विद्यालय में बैठक करके निष्पक्ष तरीके से सचिव पद का चुनाव नहीं कराया गया. इमाम गजाली ने संबिल हैदर को राजनीतिक संरक्षण मिलने की बात पूर्व में कही थी.पत्र के अनुसार संबिल हैदर द्वारा पिछले 22 वर्षों से विद्यालय में सदस्य रहते हुए कई बार वित्तीय अनियमितता भी किया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इन शिकायतों की आलोक में ही पत्र जारी करके 24 घंटे के अंदर सचिव पद का चुनाव कराने के साथ-साथ इन सभी बातों का जांच करवाने का आदेश दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के अनुसार विद्यालय के लाखों रुपए के संसाधन का दुरुपयोग प्रभारी प्रधानाध्यापक एवं सचिव की मिलीभगत से किया गया है.

 

समय सीमा समाप्त होने के बाद भी सचिव का नहीं हुआ चुनाव मामला गरम

जारी पत्र में यह जिक्र किया गया है कि विद्यालय प्रबंधन समिति का कार्यकाल 3 वर्ष पूर्व होने के बाद भी प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा नए सचिव का चुनाव के लिए ना तो इस उच्च अधिकारियों को प्रतिवेदन दिया गया ना ही नए सिरे से चुनाव कराने की कोशिश की गई. अनुमान लगाया जा रहा है कि विद्यालय प्रबंधन समिति में बदलाव होने के साथ ही एक बहुत बड़ा घोटाला सामने आ सकता है. इस घोटाले पर पर्दा पड़ा रहे इसी को लेकर राजनीतिक संरक्षण के तहत हर बार सचिव का चुनाव प्रत्यक्ष रुप से नहीं हो पाता है. अब देखना दिलचस्प होगा कि जिला शिक्षा पदाधिकारी के जारी पत्र का विद्यालय प्रबंधन समिति पर क्या असर पड़ता है, और क्या कुछ बदलाव हो पाता है. बताते चलें कि पूर्व में भी विद्यालय के 4 शिक्षकों ने सचिव के ऊपर गंभीर आरोप लगाया था. जिसके बाद जिले में भूचाल मच गया था. वहीं इस मामले को लेकर लोजपा नेता इमाम गजाली भी वर्षों से लगातार आवाज उठाते रहे हैं. इमाम गजाली ने बताया कि सत्ता की ताकत और मिलीभगत के कारण आज तक विद्यालय प्रबंधन समिति के चुनाव को लेकर ना तो जिलाधिकारी ने न ही जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कोई ठोस पहल किया. लेकिन जब तक विद्यालय प्रबंधन समिति का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से नहीं होगा तब तक वे आवाज उठाते रहेंगे

 

सचिव को देना चाहिए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा निष्पक्ष जांच में करना चाहिए सहयोग

इस मामले के बाद लोग दबी जुबान यह कहने लगे हैं कि गंभीर आरोपों के बाद सचिव संबिल हैदर को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. सचिव को इस्तीफा देकर विभाग द्वारा निष्पक्ष जांच में सहयोग करके अपने आप को दोषमुक्त साबित करने का प्रयास करना चाहिए. लेकिन इतनी बार आरोप लगने के बाद भी सचिव पद से इस्तीफा नहीं देना यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है.खैर यह विभागीय जांच का मामला है जो निष्पक्ष तरीके से होना चाहिए.चुकी विद्यालय के 4 शिक्षकों ने खुले मंच से संबिल हैदर पर कुछ महीने पहले कई गंभीर आरोप लगाए थे. उस समय भी जिले में इस बात को लेकर बवाल मचा था. लेकिन आज तक किसी प्रकार का कोई विभागीय जांच नहीं हो पाया.

 

 

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