Barbigha:-बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के गंगटी गांव में नियमित टीकाकरण के बाद एक बच्ची की मौत की अफवाह उड़ा दी गई. दरअसल बुधवार को गांव में धर्मवीर यादव की दो वर्षीय बच्ची अनन्या कुमारी की पटना के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई. बच्ची की शव जब घर लाया गया तब गांव में लोग कुछ दिन पूर्व आशा कर्मी द्वारा टीका देने के बाद तबीयत बिगड़ने और फिर मौत होने की
बात कह हंगामा करने लगे.दरअसल बच्ची को एक जुलाई को विभिन्न प्रकार के नियमित बीमारियों से बचाने का टीका आशा कर्मी द्वारा दिया गया था.टीका पड़ने के 2 दिन बाद बच्ची की तबीयत बिगड़ गई.बच्ची का इलाज ग्रामीण चिकित्सक से करवाने के बाद बिहारशरीफ के डॉ श्याम नारायण के पास ले जाया गया. स्थिति गंभीर होने पर उसे पटना रेफर किया गया जहां बुधवार की सुबह उसकी मौत हो गई.वही बच्ची की पिता ने गांव पहुंचकर टीका देने के बाद बच्ची की मौत की बात बताई तब अन्य नवजात के
माता-पिता भी घबरा गए. कई अन्य लोगों ने भी टीका देने के बाद अपने अपने बच्चे की बीमार होने की बात कह हंगामा करने लगे.दरअसल टीका देने के बाद अन्य बच्चों को भी बुखार के साथ-साथ टीका वाले स्थान पर सूजन जैसा दिखाई पड़ रहा था.हालांकि जानकारी मिलने के बाद बरबीघा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ फैसल अरशद ने तत्परता दिखाई.गांव पहुंचकर अन्य तथाकथित बीमार बच्चों को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल बरबीघा लाया.मौके पर सिविल सर्जन डॉ पृथ्वीराज और डीपीएम श्याम कुमार निर्मल भी बच्चों का हाल-चाल लेने के लिए अस्पताल पहुंचे.कई स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के जांच के बाद सभी बच्चों का स्वास्थ्य ठीक पाया गया जिसके बाद डॉक्टर के साथ-साथ परिजनों ने भी राहत की सांस ली.वहीं सिविल सर्जन ने बच्ची की मौत के बारे में जांच पड़ताल करने के बाद बताया कि वह अन्य बीमारी से भी ग्रसित थी. उसका इलाज शेखपुरा मुख्यालय स्थित एक आरएमपी डॉक्टर से चल रहा था.जांच के क्रम में मृतक बच्ची के दिमाग में इंफेक्शन की बात भी सामने आई है. उन्होंने बताया कि एक वाइल से कुल 5 बच्चों को टीका दिया गया था. अगर टीका देने के बाद कोई परेशानी होती तो सिर्फ एक बच्ची को नहीं बल्कि पांचो बच्चों को होती. चुकी बच्चे पहले से बीमार थी और टीका लगने के बाद थोड़ा बहुत बुखार आना स्वाभाविक बात है.इसलिए परिजनों को लगा कि टीका देने के कारण ही बच्ची की मौत हुई जो पूरी तरह से निराधार है. वह अस्पताल में इलाज के लिए लाए गए सभी बच्चों को उपचार के बाद घर भेज दिया गया.