Sheikhpura: साइबर क्राइम पर लगातार प्रहार होने के बावजूद तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर साइबर अपराधी लोगों को लूटने में लगे हैं. गुरुवार को बरबीघा से ठगी का एक ऐसा मामला सामने आया जो सुनकर लोग सन्न रह गए. इस बार ठगों ने शराबबंदी कानून को हथियार बनाते हुए करोड़ों रुपयों का चूना लोगों को लगा दिया. मद्य निषेध विभाग में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर बरबीघा के भदारथी गांव निवासी पंकज सिंह और सर्वा गांव निवासी मंजू देवी नामक महिला ने करोड़ों की ठगी की घटना को अंजाम दिया. इसमें से अब तक आठ लोगों ने लिखित तौर पर दो दो-दो लाख रुपया नौकरी के नाम पर देने का आरोप लगा चुकी है. आठो लोगों ने मई महीने में ही एसपी कार्तिकेय शर्मा को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई थी. अब एसपी कार्तिकेय शर्मा ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आवेदन को बरबीघा थाना फॉरवर्ड किया और जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है. इस तरह का मामला सामने आते ही बरबीघा सहित पूरे जिले में हड़कंप मच गया है. ठगों ने शेखपुरा जिले के साथ-साथ दूसरे जिले सहित दूसरे राज्य के लोगों को भी ठगी का शिकार बनाया है.
क्या है मामला
दरअसल पंकज सिंह और मंजू देवी नामक शख्स ने मद्य निषेध का फर्जी कार्यालय शेखपुरा और बरबीघा में खोलकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर थकी करना शुरू किया. ठग दारू का अड्डा पकड़वाने के नाम पर लोगों को अपने जाल में फंसाते हुए नौकरी के नाम पर मोटी वसूली करता है. मामले का खुलासा पहली बार मई महीने में अंजली देवी और फरजाना खातून नामक दो महिलाओं ने किया था. गुरुवार को थाने पहुंची अंजली कुमारी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह बनाकर पंकज सिंह भोली भाली महिलाओं को ठगी का शिकार बना रहा है. कुछ महीने के अंदर पंकज सिंह बरबीघा में अपना ऑफिस कई बार बदल चुका है. पंकज सिंह मंजू देवी के जरिए महिलाओं से संपर्क करके नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहा है. मंजू देवी वही महिला है जो वर्ष 2021 के अक्टूबर महीने में सैकड़ों महिलाओं से लोन दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर ली थी. पंकज सिंह ने सबसे पहले जनवरी 2022 में 8 महिलाओं से दो-दो लाख रुपया लिया था. ₹8000 प्रति महीना वेतन पर अपने गांव और आसपास के क्षेत्र में शराब की भट्टी की जानकारी इकट्ठा कर देने के लिए गार्ड के रूप में नौकरी दी गई थी. यही नहीं सभी को फर्जी नियुक्ति पत्र भी जारी किया गया था. नियुक्ति पत्र में शर्त रखी गई थी कि तीन महीने लगातार काम करने पर नौकरी स्थाई हो जाएगी. तीन महीने से अधिक समय तक काम करने के बाद भी इन सभी को वेतन नहीं दिया गया. जब सभी लोग वेतन मांगने के लिए फर्जी ऑफिस में पहुंचे तो उनके साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया. इसके बाद एसपी के पास लिखित शिकायत देने के बाद मामले का भंडाफोड़ हो गया.
अब तक ये सभी हुई ठगी का शिकार
नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का शिकार हुई महिलाओं में से शेखपुरा के गिरहिंडा मोहल्ला निवासी मोहन पासवान की पत्नी अंजली देवी तथा पुत्री शीतल कुमारी, इसी मोहल्ला का निवासी सूरज कुमार झारखंड राज्य के धनबाद के शिव शंकर मोहल्ला निवासी धर्मवीर पासवान की पत्नी खुशी कुमारी, पटना के घोसवारी थाना क्षेत्र अंतर्गत मालपुर गांव निवासी राजेश पासवान की पत्नी मनीषा कुमारी, तथा गौरहारी गांव निवासी आकाश कुमार नालंदा जिला के हरगामा गांव निवासी फरजाना खातून, और लखीसराय के बीरपुर थाना क्षेत्र के गिरधरपुर गांव निवासी आकाश कुमार शामिल है.
क्या कहते हैं अधिकारी
मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि उन्हें मामले की अभी तक पूरी जानकारी नहीं है. मामले की पूरी तहकीकात करवाई जा रही है. मामला सत्य पाया जाने पर दोनों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई किया जाएगा. वह स्थानीय स्तर पर मामले को देख रहे बरबीघा थाना के सब इंस्पेक्टर अमलेश कुमार ने बताया पुलिस पूरी तत्परता के साथ मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है. जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.