Sheikhpura: मद्य निषेध विभाग में विभिन्न पदों पर नौकरी दिलाने के नाम पर हुए ठगी मामले में आखिरकार रविवार को बरबीघा थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई. इस मामले में भदरथी गांव के पंकज सिंह सर्वा गांव के मंजू देवी तथा बरबीघा झंडा चौक निवासी मुन्ना टेलर सहित आधा दर्जन अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. ठगी का शिकार हुई शेखपुरा जिले के गिरहिण्डा मोहल्ला निवासी अंजली देवी के लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज किया गया है. बरबीघा के प्रभारी थाना अध्यक्ष सुनील दत्त ने बताया कि पुलिस द्वारा काफी जांच पड़ताल करने के बाद मामला दर्ज किया गया है. जल्द ही आरोपियों को पकड़ कर जेल भेजने का काम किया जाएगा. पुलिस की इस कार्रवाई से शेखपुरा लाइव की खबर पर भी मुहर लग गई.
क्या है मामला
दरअसल पंकज सिंह और मंजू देवी नामक शख्स ने मद्य निषेध का फर्जी कार्यालय शेखपुरा और बरबीघा में खोलकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करना शुरू किया था. मामले का खुलासा तब हुआ था जब कई महीनों तक नौकरी करने के बाद एक भी शख्स को वेतन नहीं मिला. इसका खुलासा पहली बार मई महीने में अंजली देवी और फरजाना खातून नामक दो महिलाओं ने किया था. इन महिलाओं को जब ठगी होने का शक हुआ था तब पंकज सिंह से वापस पैसा मांगने पहुंची थी. इस दौरान फरजाना खातून के साथ बेरहमी से मारपीट भी किया गया था. यही नहीं महिलाओं ने आरोप लगाया कि मामले का भंडाफोड़ करने पर हत्या करवाने तक की धमकी दी गई थी. हालांकि हिम्मत जुटाकर मई महीने में ही अंजली कुमारी और फरजाना खातून ने एसपी को आवेदन दिया था.
एसपी कार्यालय से आवेदन बरबीघा पहुंचने के बाद और पूरी तरह से तहकीकात के बाद पुलिस ने आखिरकार मुकदमा दर्ज कर लिया. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों मुख्य आरोपी बरबीघा में किराए का ऑफिस बंद करके फरार बताए जा रहे हैं. यही नहीं मामले में अभी तक जिन आठ लोगों ने ठगाने की बात स्वीकारी वे सभी अंजली कुमारी के ही परिवार और सगे संबंधी हैं. बताते चलें कि मंजू देवी वही महिला है जो वर्ष 2021 के अक्टूबर महीने में सैकड़ों महिलाओं से लोन दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर ली थी.