Sheikhpura: इन दिनों सोशल मीडिया में लगातार देखा जा रहा है कि सूबे के अलग अलग स्कूलों में जाकर पत्रकार लाइव रिपोर्टिंग कर रहे हैं. इस दौरान जो बातें सामने निकलकर आ रही है वो बेहद चिंतनीय है. किसी स्कूल में शिक्षक वक्त पर नहीं आ रहे हैं. किसी स्कूल में शिक्षक वक्त से पहले स्कूल में ताला जड़कर जा रहे हैं. कहीं शौचालय की स्थिती खराब है कहीं मिडडे मिल की हालत खस्ता है. इन सब के बीच एक बात हर जगह कॉमन देखी जा रही है कि शिक्षक लगातार पत्रकार से सवाल कर रहे हैं आपको स्कूल में आने का परमिशन किसने दिया है. ऐसे में एक अजीब सी स्थिती उत्पन्न पत्रकारों के लिए भी हो गई है कि आखिर परमिशन लेकर और शिक्षक को सूचना देकर यदि स्कूल जाया जाए तो क्या सच्चाई दिखाई जा सकेगी. क्योंकि सूचना देने के बात इतना तो तय है कि व्यवस्था दुरूस्त कर ली जाएगी और पत्रकार के जाने के बाद यथावत स्थिती बनी रहेगी. ऐसे में पत्रकार जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है क्या वो सच दिखा पाएगा.
दरअसल आज जिले के बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के गंगटी गांव के मध्य विद्यालय में भी ऐसी ही स्थिती उत्पन्न हो गई. वहां लंच के दौरान पत्रकार ने दिखाना चाहा कि स्कूल में बच्चों को कैसा खाना मिल रहा है. पत्रकार के साथ वहां के कुछ ग्रामीण भी स्कूल चले गए इतने में वहां एक शिक्षक पत्रकार पर भड़क गए और कहा कि आपके पास परमिशन है क्या…आप स्कूल में बिना इजाजत के नहीं घुस सकते हैं. काफी हॉट टॉक होने के बाद पत्रकार स्कूल से बाहर आ गए वहां गांव वालों ने बताया कि इस स्कूल में ऐसा ही चलता है. यहां कोई सुनने वाला नहीं है. इस मामले को लेकर जब डीएम साहब से मुलाकात का समय लेकर शेखपुरा लाइव के रिपोर्टर और एक चैनल के रिपोर्टर ने बात की तो डीएम साहब ने कहा कि ऐसा कोई ऑर्डर नहीं है कि पत्रकार स्कूल नहीं जा सकता है. पत्रकार को भी इतना ख्याल जरूर रखना है कि वो अपना आईडी कार्ड लेकर ही रिपोर्टिंग करें. साथ हीं उन्होंने ये आश्वासन भी दिया कि एक प्रेस रिलीज जारी कर सभी स्कूलों में इस बात की सूचना दी जाएगी की पत्रकारों के साथ बदसलूकी ना की जाए. बातचीत के दौरान डीएम साहब ने कहा कि सभी को बेहतरी के लिए ही काम करना है इसलिए सभी अच्छे से काम करें.
वैसे इस मामले में एक खबर ओडिशा सरकार से जुड़ी है जिसके मुताबिक ओडिशा में पत्रकारों की एंट्री स्कूलों में नहीं है. इस मामले में 12 जुलाई को देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है और पत्रकारों को किसी भी सार्वजनिक संस्था में जाने से रोका नहीं जा सकता. शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, “स्कूल परिसर में पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी लगाना अनुचित है. एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्कूल एक सार्वजनिक प्रतिष्ठान (पब्लिक प्लेस) है।” धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि मीडिया को बच्चों की पढ़ाई में खलल नहीं डालनी चाहिए लेकिन इस तरह से मीडिया और पत्रकारों के स्कूलों में जाने पर रोक लगाना गलत है. स्कूल एक सार्वजनिक संस्था है वहां पत्रकार खबर की जानकारी लेने जा सकते हैं.