डीआरसीसी के प्रबंधक पर केवाईपी संचालकों ने घूस मांगने का लगाया आरोप..पैसा नहीं देने पर संबंधित सेंटर के छात्रों का नहीं किया जा रहा वेरिफिकेशन

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बरबीघा:- जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र यानी कि डीआरसीसी के प्रबंधक की मनमानी इन दिनों चरम सीमा पर पहुंच गई है.वेरीफिकेशन के नाम पर छात्रों से वसूली करते करते प्रबंधक ने अब केवाईपी सेंटर संचालकों को मोटी रकम घुस के तौर पर देने का फरमान जारी कर दिया है.बरबीघा के आधा दर्जन से अधिक केवाईपी सेंटर संचालकों ने प्रबंधक पर आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी

को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है.इस संबंध में सेंटर संचालक छोटू कुमार, हरिओम कुमार, दीपक गुप्ता, कुणाल कुमार, अरुण कुमार सहित अन्य ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार कुशल युवा कार्यक्रम के तहत कंप्यूटर का प्रशिक्षण लेने वाले छात्र छात्राओं को जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र से सभी कागजातों का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य है.वेरिफिकेशन करवाने के लिए सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं जिला मुख्यालय स्थित केंद्र पर पहुंचते है.लेकिन संध्या 5:00 तक छात्र-छात्राओं को लाइन में खड़ा करने के बाद भी उनका वेरिफिकेशन नहीं किया जाता है. संचालकों ने आरोप लगाया कि प्रत्येक विद्यार्थी से ₹200 घूस के तौर पर मांगी जाती है यही नहीं अब सेंटर संचालकों से भी 20 से 25 हज़ार रुपए घुस के तौर पर मांगा जा रहा है. प्रबंधक रंजीत कुमार भगत ने सेंटर संचालकों को साफ लहजे में कहा कि राशि की भुगतान नहीं होने पर आपके सेंटर के विद्यार्थियों का वेरिफिकेशन नहीं किया जाएगा. मामले को लेकर शुक्रवार को ही सेंटर संचालकों ने जिलाधिकारी को आवेदन सौंपकर न्याय की गुहार लगाई थी.वहीं विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीएम ने आवेदन पर संज्ञान लेते हुए डीडीसी से इस मामले की जांच भी करवा ली है. आरोपों की पुष्टि होने के बाद जल्द ही डीआरसीसी के प्रबंधक के ऊपर जिलाधिकारी द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.



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