सरकारी विद्यालय में अनुपस्थित होना छात्र को पड़ा महंगा..शिक्षिका ने किया प्रताड़ित चार दिनों से नहीं आ रहा होश

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बरबीघा:-प्रखंड क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मलीलचक में छठी वर्ग के छात्र को अनुपस्थित होना काफी महंगा पड़ा.अगले दिन विद्यालय की शिक्षिका ने इतना प्रताड़ित किया कि वह अब जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. छात्र पिछले चार दिन से अस्पताल में भर्ती है.उसे अच्छे से होश भी नहीं आ रहा है.बच्चे के माता-पिता लगातार रोए जा रहे हैं.वही रविवार को इस घटना को लेकर शिक्षिका के विरुद्ध

प्राथमिकी दर्ज करने के लिए बरबीघा थाने में आवेदन भी दिया गया है.घटना के संबंध में छात्र के पिता संजीत राम ने बताया कि बुधवार को घरेलू कारणों से उसका पुत्र रौशन कुमार विद्यालय नहीं गया था.गुरुवार को जब वह पुनः विद्यालय पहुंचा तो अनुपस्थिति को लेकर एक शिक्षिका सीता देवी ने सजा के तौर पर उसे तीन सौ बार उठक बैठक करने का फरमान सुना दिया. शिक्षिका की डर से छात्र दो सौ बार उठक बैठक करते-करते अचानक बेहोश होकर विद्यालय में ही गिर गया. बच्चे के बेहोश होते ही स्कूल में अफरा-तफरी मच गई. स्थिति को भांपते हुए विद्यालय के एक अन्य शिक्षक सुबोध पांडे ने छात्र को अपने कंधे पर लादा और उसे चुपचाप घर पर ले जाकर छोड़ दिया. खेतों में काम कर रहे माता-पिता सूचना मिलते ही तुरंत घर पहुंचे. घटना के बाद जब छात्र के परिजन विद्यालय पहुंचकर हंगामा करने लगे तब सीता देवी ने इलाज करवाने की बात कह उसे एक स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर के यहां भर्ती करवा दिया. जब छात्र की स्थिति बिगड़ गई तब उसे बरबीघा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. पीड़ित पिता ने बताया कि उसे होश तो आता है, लेकिन पांच से दस मिनट के बाद फिर से बेहोश हो जाता है.दूसरी तरफ शिक्षिका ने छात्र के परिजनों को हो हल्ला करने पर छात्र का नाम स्कूल से काट देने का भी धमकी दिया है. मामले को लेकर बरबीघा थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया गया है. मामले को लेकर थाना अध्यक्ष सुनील दत्त ने बताया कि रविवार होने के कारण वह विद्यालय में जाकर जांच पड़ताल नहीं कर पाए हैं. सोमवार को विद्यालय खुलते ही मामले की जांच पड़ताल की जाएगी. मामला सत्य पाया जाने पर दोषी शिक्षिका के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए उचित कार्यवाई किया जाएगा.



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