Desk: बिहार में हुए सत्ता परिवर्तन की कहानी का अंदरुनी हिस्सा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रेस से साझा किया. बुधवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ललन सिंह ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर मुरली मनोहर जोशी जैसे लोगों ने एनडीए का गठन किया था. तब एक बार भी कुछ समस्या नहीं आई. लेकिन आज क्या हो रहा है राजग में? ललन सिंह के साथ प्रेस वार्ता में जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, के साथ-साथ संजय झा और अशोक चौधरी भी मौजूद थे. इनके अलावा जदयू के तमाम प्रवक्ता भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे.
ललन सिंह ने कहा कि भाजपा ने हमारी पार्टी के खिलाफ काम किया है. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश की याद दिलाई. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में क्या हुआ, हमारे विधायक को तोड़ दिया. वह भी तब जब हमने समर्थन का फैसला किया था. भाजपा ने अरुणाचल में विधायक को क्यों तोड़ा?
ललन सिंह ने बताया कि कल पार्टी के सभी विधायक और एमएलसी के साथ-साथ पार्टी के तमाम सांसदों को लेकर एक बैठक हुई. बैठक में सभी ने एक सुर में कहा की 2020 के विधानसभा चुनाव में हमारे समर्थन से भाजपा जीती. लेकिन उसने हमारी पार्टी के खिलाफ ही काम किया. ललन सिंह के मुताबिक, नीतीश कुमार ने तमाम लोगों की बातें सुनीं और तभी फैसला हुआ कि भाजपा के साथ अब नहीं रहना है. ललन सिंह ने कहा कि 2019 में भाजपा को लोकसभा में जेडीयू की जरूरत थी. तब आपने मदद ली. लेकिन 2020 में हमारी ही पार्टी के एक नेता को अपनी पार्टी में मिला कर षड्यंत्र किया. लोजपा से टिकट दिला कर जेडीयू को हराने का काम किया. ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार तो 2020 में मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे. लेकिन उन्हें भाजपा के लोगों ने जबर्दस्ती मुख्यमंत्री बनाया. ललन सिंह ने कहा कि 2005 में जेडीयू के विधायक ज्यादा थे, लेकिन हमने कभी नहीं कहा कि भाजपा छोटा भाई है. 2010 में जेडीयू के पास 118 सीटें थीं. वह अकेले सरकार बना सकती थी, लेकिन हमने भाजपा को बराबर का सम्मान दिया. 2017 से 2020 तक कौन बड़ा भाई था, यह किसी से छुपा हुआ नहीं है. हमने कभी नहीं कहा कि बिहार में जेडीयू बड़ा भाई है.
ललन सिंह ने भाजपा के ‘जनमत वाले बयान’ को आड़े हाथ लेते हुए पूछा कि 2017 में क्या हुआ? तब जनमत का अपमान नहीं हुआ था? अटल जी और आडवाणी जी ने जिस NDA का निर्माण किया था, वो आज कहां है? ललन सिंह ने कहा कि देश में तनाव पैदा करके विकास नहीं होता है. ललन सिंह ने याद दिलाया कि भाजपा ने 2 करोड़ को रोजगार देने की बात कही थी. कहां गया रोजगार? 4 साल के लिए अग्निवीर बना रहे हैं, उसके बाद क्या होगा. उन्होंने कहा कि चार लोग नीतीश जी को भाजपा के साथ ले गए थे. उनमें से एक आरसीपी सिंह थे. संजय झा भी एक थे सलाह देने वालों में. हरिवंश जी भी सलाह देने वालों में थे लेकिन दो लोग हमारे साथ रहे लेकिन दो लोग चले गए. आरसीपी सिंह को बेहद करीबी माने जाने के बारे में ललन सिंह ने कहा कि वे जेडीयू के खिलाफ बिहार प्रभारी से मिलकर पार्टी के खिलाफ षडयंत्र कर रहे थे. ललन सिंह बिहार भाजपा प्रभारी से मिलकर जेडीयू को कमजोर कर रहे थे. सुशील मोदी की बयानबाजी को लेकर ललन सिंह ने कहा कि वे नीतीश जी के मित्र रहे हैं. इसी वजह से भाजपा ने उनके साथ ठीक नहीं किया. लेकिन हमलोग उनके खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे. अगर उनके कुछ बोलने से उनका कुछ भला हो जाए तो हमें कुछ एतराज नहीं है. ललन सिंह ने कहा कि भाजपा विश्वासघाती पार्टी है. उस पर विश्वास नही किया जा सकता है. 2020-22 तक बीजेपी के साथ रहने के सुशील मोदी के बयान पर ललन सिंह ने कहा कि नीतीश जी ने पूरी कोशिश की साथ निभाने की. लेकिन भाजपा के छुटभैया नेताओं ने जो बयान दिए इसी वजह से बातें अलगाव की दिशा में बढ़ीं.