Sheikhpura: बरबीघा नगर क्षेत्र के झंडा चौक पर स्थापित बड़की देवी जी का विसर्जन करने से पहले भव्य आरती किया गया. आरती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हर साल की भांति इस बार भी भाजपा की प्रदेश मंत्री तथा नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड की स्वतंत्र निदेशिका डॉक्टर पूनम शर्मा शामिल हुई. इस दौरान पूरे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं की मौजूदगी में माता की आरती उतारी गई. जय दुर्गे के नारों से घंटो तक पूरा झंडा चौक इलाका गुंजायमान होता रहा. श्रद्धालुओं के चेहरे पर माता से बिछड़ने की चिंता साफ नजर आ रही थी. आरती के बाद जैसे ही माता की मूर्ति विसर्जन के लिए मां की प्रतिमा को कहारों ने अपने कंधे पर उठाया तो सभी की आंखें नम हो गई. इस दौरान डॉ पूनम शर्मा ने मां दुर्गा से समस्त क्षेत्रवासियों के साथ-साथ प्रदेश वासियों के लिए सुख और समृद्धि का कामना किया. उन्होंने कहा कि मां के जैसा दूसरा रिश्ता इस संसार में कोई नहीं है. माता रानी अपनी सभी भक्तों पर कृपा दृष्टि बनाए रखें.
बरबीघा में मूर्ति विसर्जन की रही है अनोखा परंपरा
बरबीघा में दशहरा के खत्म होने के बाद दुर्गा मां की मूर्ति विसर्जन की भी एक अनोखी परंपरा रही है. मान्यताओं के अनुसार यहां सबसे पहले बल्कि देवी जी को 16 कहारों के द्वारा पूरे नगर भर में भ्रमण कराया जाता है. इससे पहले माता की भव्य आरती उतारी जाती है.भ्रमण के दौरान ही बरबीघा के पुरानी शहर में बड़की देवी जी मझली देवी जी और छुटकी देवी जी का अद्भुत मिलन होता है. इस भव्य मिलन को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग वहां मौजूद रहते हैं. मिलन के दौरान माता के ऊपर भक्तों के द्वारा लगातार पुष्प वर्षा की जाती है. अगले दिन सुबह में बड़की देवी जी को विसर्जन के लिए गांधी सरोवर के पास ले जाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जैसे-जैसे माता की प्रतिमा सरोवर के पास पहुंचने लगती है वैसे वैसे उनका वजन बढ़ता जाता है. मानो उन्हें भी अपने भक्तों और पुत्रों से बिछड़ने का मोह सता रहा हो. बड़की देवी जी के विसर्जन बाद ही शहर के अन्य पंडालों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन शुरू होता है.