सगी बहू ही खा गई सास की सरकारी नौकरी..बहू से झगड़ा करना सास को पड़ा भारी कारण जानकर चौक जाएंगे आप

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बरबीघा:-सगी बहू के साथ भेदभाव करना एक शिक्षिका सास को काफी महंगा पड़ा.बहू के शिकायत के बाद विभागीय जांच के उपरांत शिक्षिका सास को अपनी नौकरी गंवानी पड़ गई. दरअसल यह मामला जिले के शेखोपुर सराय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मध्य विद्यालय किशनपुर से जुड़ा हुआ है.इस विद्यालय में एक शिक्षिका उर्मिला कुमारी फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे पिछले कई वर्षों से बहाल थी.फर्जी सर्टिफिकेट के बारे में खुद उसकी बहू डॉक्टर रिंकू कुमारी के द्वारा पर्दाफाश किया गया



जिला शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया चिट्ठी

था. अपनी सास को नौकरी से हटाने के लिए डॉक्टर रिंकू कुमारी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था.इसका वजह घरेलू झगड़ा को माना जा रहा है.डॉक्टर रिंकू कुमारी ने आरोप लगाया था कि शिक्षिका उर्मिला कुमारी का इंटर का शैक्षणिक सत्र 1984-86 जबकि शिक्षक प्रशिक्षण का सत्र 1985-87 है. आरोपों के अनुसार उर्मिला कुमारी ने इंटर करने के दौरान ही शिक्षक प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट ले लिया था. दोनों सर्टिफिकेट को जारी करते हुए डॉक्टर रिंकू कुमारी ने विभाग को कई बार आवेदन लिखा था. लेकिन हर बार पैसे और पहुंच के दम पर मामला दब जाता था. लेकिन इस बार डॉक्टर रिंकू कुमारी ने डीएम सावन कुमार के जनता दरबार में आवेदन देते हुए चेतावनी दिया था कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे. डॉक्टर रिंकू कुमारी का यह रूप देखकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए थे.इसके बाद विभाग के अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए डीएम के जनता दरबार में दिए गए आवेदन के आलोक में उन्हें सेवा मुक्त करने का आदेश पारित कर दिया. इसके बाद डीपीओ ने अंतिम कार्रवाई करते हुए शिक्षिका उर्मिला कुमारी को आखिरकार सेवा मुक्त कर दिया. बहु द्वारा अपनी सास पर कराई गई इस कार्रवाई की चर्चा क्षेत्र में जोर-शोर से हो रही है.

मां और बेटे के जन्म तिथि में महज 10 वर्ष का अंतर

डॉक्टर रिंकू कुमारी ने आरोप लगाया कि विवादित शिक्षिका उर्मिला कुमारी और उसके बेटे के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में भी महज 10 वर्ष का अंतर है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र के अनुसार उर्मिला कुमारी का जन्म तिथि  6 अप्रैल 1968 है. जबकि उर्मिला कुमारी के पुत्र समीरण कुमार का जन्म तिथि 30 जनवरी 1978 दर्ज है. प्रमाण पत्रों के हिसाब से उर्मिला कुमारी महज 10 वर्ष की उम्र में ही मां कैसे बन गई थी. डॉक्टर रिंकू कुमारी ने आरोप

मां और बेटे का शैक्षणिक प्रमाण पत्र का सर्टिफिकेट

लगाया कि नौकरी लेने के लिए मेरी सास उर्मिला कुमारी ने सभी तरह के फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाए थे.उन्होंने बताया कि उर्मिला कुमारी कि उनके सरकारी पति के सर्विस बुक में असली जन्म तिथि वर्ष 1955 अंकित है.

 

 

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