बरबीघा: शहर के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान संत मेरीस इंग्लिश स्कूल में ‘बिहार केसरी’ श्री बाबू की 135वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर संस्थान के प्राचार्य प्रिंस पी जे ने कहा कि श्रीबाबू ने लगभग 45 वर्ष के सक्रिय राजनीतिक जीवन में जिस निर्भिकता, साहस, स्वाभिमान, व्यक्तिगत ईमानदारी और चुनौतियों को अवसर के रूप में देखने वाले युगद्रष्टा चिंतक की तरह काम किया। वह भारतीय इतिहास और राजनीति में
अखिल भारतीय स्तर पर स्मरण करने योग्य है। राष्ट्रीय स्वाधीनता आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़े हुए होने के कारण वे जनता की अपेक्षा और उसके दुख दर्द को समझने वाले उदार हृदय नेता थे। बिहार केसरी की उपाधि से सम्मानित श्रीबाबू के नाम से जनता के बीच जो लोकप्रियता उनको हासिल हुई। वह दुर्लभ है। वह भविष्य दृष्टा राजनीतिक चिंतक थे। उन्होंने अपने समय में ही बिहार के राजनीतिक भविष्य को लेकर जो भविष्यवाणी की, उसका प्रमाण बाद में देखने को मिला। मैं चाहता हूँ इनके विचारों को वर्तमान की पीढ़ी अध्ययन करें। इसी को ध्यान में रखते हूँ संत मेरीस स्कूल के प्रांगण में श्री बाबू के प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इस मौके पर संस्थान के सभी शिक्षक एवं शिक्षिका मौजूद थी।