बिहार:- बिहार की माटी से दूर होने व अपनी दहलीज छोड़ने के बाद भी इनके संस्कार जिंदा हैं. माटी की महक को महसूस करने के साथ दुनिया में बिखरने की ख्वाहिश भी इनके दिलों में जवां है.बिहार ही नहीं दुनियाभर में ग्लोबल हो चुके छठ महापर्व के महात्म्य को लंदन में फैलाने की जोरदार तैयारी चल रही थी. लंदन में रह रहे बिहारी लोगों का समूह द्वारा यूके कनेक्ट के तहत धूमधाम
से विदेश में भी लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा मनाया गया. वहीं, लंदन व आसपास में रह रहे बिहारियों को इस महापर्व में भागीदार बनाने की तैयारी पहले से भी हो रही है.पहली बार लंदन के सभी बिहारियों के घरों में छठ के प्रसाद पहुंचाए गए थे. संध्या अर्घ्य के दिन हजारों की संख्या में ठेकुआ बनाने का प्रबंध किया गया था. लंदन में रहने वाले राजीव सिंह, डॉ. बिरेंद्र राय, विजय राय एवं निशांत नवीन छठ को खास बनाने में जुटे थे. छठ व्रत में भले ही इनका परिवार सात समंदर पार ब्रिटेन में है,
लेकिन यहां से जाने के बाद भी वे अपनी परंपरा को संजोए हुए है. बिहारी कनेक्ट (यूके) के प्रेसिडेंट डॉ. उदेश्वर सिंह बताते हैं कि वे अपने बच्चों में भारतीय संस्कार व बिहार को जिंदा रखना चाहते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी इसको अपने में बरकरार रखे. बिहारी कनेक्ट के ऋषिकांत बताते हैं कि छठ प्रकृति के प्रति समर्पण भाव को दर्शाता है.
इस वर्ष आयोजकों द्वारा सभी व्रतियों के लिए एक रिसॉर्ट में रहने का प्रबंध किया गया था. और जो श्रद्धालु इस पर्व को देखने आ रहे है उनके लिए आसपास के होटल बुक किये गए थे. पूजा की अधिकतम सामग्री भारत से मंगवाई गई थी.मिट्टी के चूल्हे और दीये बनवाए गए थे.
लंदन के अगल-बगल के गांव में भी लकड़ी जलाकर घर को गर्म रखा जाता है. इसलिए गांव में जाकर लकड़ी का जुगाड़ किया गया था.
वहीं, गांव से लंदन में मिट्टी के चूल्हे व दीये भी बनवाकर लाया गया था. बिहारी कनेक्ट के कैप्टन ओम प्रकाश, अजय कुमार व संदीप गुप्ता कहते हैं कि कोशिश है कि लंदन के लोग बिहार की सामूहिकता को छठ के जरिए देख व महसूस कर सकें. समाजवादी नेता शिव कुमार सिंह ने बताया कि लंदन में रहकर भी बिहार की कमी इस बार महसूस नहीं हुई. बिहार कनेक्ट के तहत सभी तरह के इंतजाम छठ व्रती महिलाओं के लिए किया गया था जो काफी सराहनीय पहल रहा.”