
Barbigha:-बरबीघा से इस वक्त बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है जहां हेपेटाइटिस बी के नाम पर अवैध वसूली को लेकर डीएम ने कड़ी कार्रवाई करते हुए एनजीओ के दो कर्मचारियों को पुलिस के हवाले करने का आदेश दिया है. दरअसल नगर क्षेत्र के माउर ग्राम में शिविर लगाकर गुरुवार को 10 वर्ष से ऊपर के लोगों को कथित तौर पर सरकारी निर्देशानुसार हेपेटाइटिस बी का सुई दिया जा रहा. सुई देने के पहले स्थानीय आशा कर्मी की मदद से रजिस्ट्रेशन के

नाम पर ₹10 लिया गया. गुरुवार को शिविर लगाकर सुई देने के नाम पर ₹50 प्रति व्यक्ति लेने का काम किया जा रहा था. प्रभात खबर के संवाददाता ने मौके पर पहुंचकर जब जांच पड़ताल किया तो बताया गया कि सिविल सर्जन के आदेश पर सुई देने के बदले पैसे लिए जा रहे थे. बतौर सीएस ने इसके लिए एनजीओ जीवन सहयोग को एक चिट्ठी भी जारी किया था.




जबकि स्वास्थ्य विभाग बिहार सरकार द्वारा इस प्रकार का कोई आदेश निर्गत ना करने की बात पता चली है.खुद हेपेटाइटिस बी के नाम पर पैसा लेने की जानकारी जिले के जिलाधिकारी सावन कुमार को भी नहीं थी.स्थानीय एनजीओ के कर्मियों ने जब सीएस की चिट्ठी का हवाला दिया तो इस बात को लेकर संवाददाता ने सिविल सर्जन से बात की और वह तुरंत इस बात से मुकर गए कि उसने किसी प्रकार का कोई आदेश पैसा लेने के लिए दिया है.इसके बाद प्रभात खबर के संवाददाता ने जिलाधिकारी से बात किया तो उन्होंने तुरंत कहा कि इस तरह का कोई आदेश नहीं है. हेपेटाइटिस बी के नाम पर सुई देने के बदले पैसा लेना सरासर गलत बात है.सुई देने के नाम पर ₹50 की वसूली की जा रही है इस बात की जानकारी मिलते ही डीएम ने तुरंत प्रखंड विकास पदाधिकारी को फोन किया और संबंधित कर्मचारी को पकड़कर f.i.r. करवाने का निर्देश दे दिया. बताते चलें कि सरकार ने हेपेटाइटिस बी
का तीन खुराक प्रत्येक व्यक्ति को देने के लिए योजना बनाया है.लेकिन ऐसे व्यक्ति को देने का प्रावधान है जो ज्यादातर स्वास्थ्य विभाग में कार्य करते हैं.इसी योजना का दुरुपयोग जिले के सिविल सर्जन पृथ्वीराज द्वारा किए जाने का मामला प्रतीत हो रहा है. देखना होगा कि जिले के जिलाधिकारी अब इस मामले पर सिविल सर्जन को लेकर क्या कार्यवाई करते हैं.
