
बरबीघा:-जिले के बरबीघा प्रखंड कार्यालय के सभागार भवन में बाल संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक में बच्चों के संरक्षण से संबंधित कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुआ.प्रखंड सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बरबीघा के प्रखंड बिकास पदाधिकारी भरत सिंह ने कहा कि समाज में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी के बिना बाल संरक्षण द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी

योजनाओं को धरातल पर उतारा नहीं जा सकता.लिहाजा जनप्रतिनिधियों को आगे बढ़कर काम करना होगा. इस अवसर पर बाल संरक्षण समिति के सचिव सीडीपीओ तृप्ति सिंहा, जिला बाल संरक्षण इकाई के बाल संरक्षण अधिकारी सचिदानंद कुमार ,सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास, कविता कुमारी ,विजय पासवान ,अमित कुमार ,जितेंद्र पांडे,मुखिया दीपक सिंह स्वयं सेवी संस्थान से बिनोद कुमार, दीपक गुप्ता और मो आरिफ हुसैन आदि ने भाग लिया.बैठक में विभिन्न पंचायतों के निर्वाचित मुखिया एवं सेव द चिल्ड्रन तथा एएचडी संस्था के संयोजक ने भी बाल संरक्षण समिति की बैठक में अपने विचार रखें. बैठक में परवरिश योजना ,प्रयोजन योजना, कन्या विवाह योजना ,दत्तक ग्रहण पर विस्तार से चर्चा किया गया.बैठक में योजनाओं की सही जानकारी सीडीपीओ तृप्ति सिंहा के द्वारा नहीं दिए जाने पर जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति दर्ज कराई.वही विभाग के कई योजनाओं की सही जानकारी नहीं दे पाने के कारण सदस्यों ने जनप्रतिनिधियों के सामने खेद भी प्रकट किया.यही नही जनप्रतिनिधियों ने बैठक के बारे में सही समय पर सूचना नहीं देने को लेकर भी आपत्ति जताई.जनप्रतिनिधियों ने कहा कि अगर बैठक में सभी मुखिया की भागीदारी होती तो बाल संरक्षण की
कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी हर पंचायत तक पहुंच पाती. इस बीच जिला बाल संरक्षण इकाई के सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास में जनप्रतिनिधियों को परवरिश योजना का लाभ दिलाने के लिए अनाथ बच्चों ,कुष्ठ रोग पीड़ित बच्चों, तथा एचआईवी से पीड़ित बच्चों की सूची जिला बाल संरक्षण कार्यालय तक उपलब्ध कराने की सलाह दी. ताकि उसे प्रतिमाह ₹1000 की प्रोत्साहन राशि 18 वर्ष की उम्र पूरी होने तक दी जा सके.बैठक में निर्णय लिया गया कि अगले त्रीमासिक बैठक में प्रखंड के सभी जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित हो इसके लिए पदेन सचिव सीडीपीओ को जबाबदेही दी गयी है.


