बरबीघा:-रेफरल अस्पताल बरबीघा में एक बार फिर से लापरवाही का मामला सामने आया है.इस बार आरोप बरबीघा के केवटी ओपी थाना के प्रभारी हरेंद्र कुमार सिंह ने लगाया है. मामले को लेकर उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दिन में पुलिस द्वारा शराब के नशे में धुत एक शराबी को गिरफ्तार किया गया था. हाजत में बंद आरोपी रात्रि में करीब 12:00 बजे के आसपास अचानक उल्टी करने लगा.इसके बाद हरेंद्र कुमार सिंह के आदेश पर कैदी को
इलाज के लिए रेफरल अस्पताल बरबीघा ले जाया गया.थाना प्रभारी के अनुसार कैदी को ले जाने वाले एएसआई ने बताया कि रात्रि में ड्यूटी पर एक महिला कर्मचारी तैनात थी.उन्हें कैदी को लगातार हो रही उल्टी के बारे बताया गया.लेकिन महिला कर्मचारी ने बताया कि अभी अस्पताल में उल्टी का इलाज करने में प्रयोग आने वाला सुई या दवाई उपलब्ध नहीं है. इतने बड़े अस्पताल में उल्टी की दवाई नही होने की बात सुनकर पुलिस के अधिकारी भी सन्न रह गए. हालांकि तुरंत पुलिस अपने निजी वाहन से कैदी को लेकर शेखपुरा सदर अस्पताल गई. सदर अस्पताल शेखपुरा की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पहुंचते ही डॉक्टर ने तत्परता दिखाते हुए कैदी का समुचित इलाज किया. इस बात को लेकर केवटी ओपी प्रभारी हरेंद्र कुमार सिंह ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि जब हम जैसे लोगों के रात्रि में सुविधा नहीं मिलती है तब आम लोगों का क्या होता होगा. वही इस संबंध में अस्पताल के स्वास्थ्य प्रबंधक राजन कुमार ने बताया कि उनके द्वारा लगाया गया आरोप सरासर गलत है. ड्यूटी में रात्रि में दंत चिकित्सक अनमोल कुमार तैनात थे.कैदी को लेकर पहुंचे अधिकारी कैदी को भर्ती करने के लिए अस्पताल पर दबाव बना रहे थे. ड्यूटी पर तैनात महिला कर्मचारी ने कैदी भर्ती रहने तक पुलिसकर्मी से भी अस्पताल में उपस्थित रहने का अनुरोध किया था.इसी बात से नाराज होकर पुलिसकर्मी कैदी को लेकर सदर अस्पताल चले गए थे. मामले को लेकर के केवटी ओपी प्रभारी से डॉक्टर साहब की फोन पर बात भी हुई थी.हालांकि केवटी ओपी प्रभारी का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन झूठ बोल रहा है.उनका किसी भी डॉक्टर से टेलीफोन पर बात नहीं हुआ है. सुविधा नहीं मिलने के कारण ही कैदी को लेकर सदर अस्पताल ले जाया गया था. अपनी कमियों को छुपाने के लिए अस्पताल प्रबंधन मनगढ़ंत कहानी बना रहा है. अगर केवटी ओपी प्रभारी के आरोपों को सच माना जाए तो यह कहा जा सकता है कि रेफरल अस्पताल में ऊंची दुकान फीकी पकवान वाली कहावत चरितार्थ हो रही है.