जयंती पर श्रद्धा पूर्वक याद किए गए लाला बाबू, कई सम्मानित शख्स रहे मौजूद

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Sheikhpura: महान शिक्षाविद, स्वतंत्रता सेनानी और बरबीघा विधानसभा के पहले विधायक रहे कृष्ण मोहन प्यारे सिंह उर्फ लाला बाबू को उनकी जयंती पर श्रद्धा पूर्वक याद किया गया. स्थानीय एसकेआर कॉलेज में स्थापित उनकी प्रतिमा के समक्ष सत्येंद्र नारायण सिंह के द्वारा पूजा अर्चना कर हवन का आयोजन किया गया.

मौके पर उपस्थित एसकेआर कॉलेज के प्राचार्य डॉ नवल प्रसाद, प्रो. वीरेंद्र पांडे, प्रो.यूपी दास ,प्रो. शशि रंजन,संतोष कुमार,अशोक कुमार के अलावा गणमान्य शिक्षाविद लोगों ने लाला बाबू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया. इस अवसर पर एसकेआर कॉलेज के प्राचार्य ने कहा कि लाला बाबू का जन्म 4 जनवरी 1901 ई० को बरबीघा प्रखंड क्षेत्र के तेऊस ग्राम में एक जमींदार परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम द्वंद बहादुर सिंह था. वे सबसे पहले 1933 में मुंगेर जिला पार्षद के सदस्य चुने गए थे. 1952 से 1957 तक बरबीघा विधानसभा क्षेत्र के पहले विधायक भी रहे. 1957 से 1958 तक राज्य सभा के सदस्य भी मनोनीत किए गए. 1958 के बाद अगले 12 वर्षों तक वे लगातार बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रहे थे. उन्होंने बताया कि लाला बाबू के द्वारा एसकेआर कॉलेज की स्थापना करने के साथ-साथ राज्य भर में 10 महाविद्यालयों और 6 विद्यालयों का निर्माण कराया था. दिनकर के शब्दों में, देशभक्ति का बान उनकी हड्डी तक विधा हुआ था.इसके अलावा लाला बाबू ने स्वतंत्रता के आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था.



स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कुल पांच बार उन्हें जेल भी जाना पड़ा था. उनके पैतृक गांव में उनके नाम से स्थापित हाई स्कूल में भी उनकी जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बरबीघा के एक निर्वाचित उपसभापति निधि कुमारी भी पहुंची थी. प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी विद्यालय प्रबंधन के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया गया.

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