दलित महिला ने परिवार सहित जिंदा जलाने का लगाया मनगढ़ंत आरोप, आरोपी पर पहले भी दर्ज हो चुका जो मुकदमा

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Sheikhpura: बरबीघा प्रखंड क्षेत्र के सर्वा पंचायत अंतर्गत लालू नगर गांव निवासी शैलेंद्र मांझी की पत्नी सीता देवी के द्वारा गांव के ही सुभाष राउत पूरे परिवार को जिंदा जलाने का आरोप लगाया गया है. मामले को लेकर जिलाधिकारी के पास गुरुवार को आवेदन भी दिया गया. हालांकि जांच पड़ताल में मामला पूरी तरह से मनगढ़ंत प्रतीत हो रहा है. दरअसल शैलेंद्र मांझी और सुभाष राउत के बीच बीते छठ पूजा के दौरान ही झगड़े की शुरुआत हुई थी. छठ पूजा के दरमियान नवंबर महीने में पहले शैलेंद्र मांझी ने सुभाष राउत और उसके परिवार पर मारपीट करने का आरोप लगाकर एससी एसटी के तहत मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद पुनः दिसंबर महीने में शैलेंद्र मांझी ने अपनी पुत्री के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में सुभाष राउत के छोटे पुत्र सहित दो गांव के अन्य युवकों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया था. इतना होने के बावजूद भी शैलेंद्र मांझी की पुत्री पुनः 13 दिसंबर को सुभाष राउत के घर अपने प्रेमी के पास जबरन चली गई थी. उस समय भी सुभाष राउत के परिवार ने लड़की को वहां से भगाने का पूरा प्रयास किया था. इधर 12 दिसंबर की रात्रि ही गुस्से में आकर शैलेंद्र मांझी ने अपने अन्य पड़ोसियों भोला मांझी,अशोक मांझी,तथा भुवनेश्वर मांझी के साथ मिलकर सुभाष राउत के घर में रात्रि में आग लगा दिया था. इस घटना में सुभाष रावत के घर में बंधा एक भैंस झुलस गया था जबकि एक पालतू कुत्ते की भी जलकर मौत हो गई थी.

वहीं घर में रखा अनाज कपड़ा सहित अन्य सामान भी जलकर राख हो गए थे. इसी बात को लेकर सुभाष राउत ने 13 दिसंबर को चारों के खिलाफ बरबीघा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया था. ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस घटना के बाद शैलेंद्र माझी ने खुद को बचाने के लिए अपने ही घर में दो दिन बाद आग लगा दी थी. शैलेंद्र मांझी 16 दिसंबर को सुभाष राउत पर पुनः तीसरी बार मुकदमा दर्ज करने के लिए बरबीघा थाने में पहुंचा था. लेकिन बरबीघा थाना अध्यक्ष सुनील दत्त ने उसकी मंशा भांप लिया और प्राथमिकी दर्ज करने से मना कर दिया.



थानाध्यक्ष सुनील दत्त ने बताया कि 3 जनवरी को वे स्वयं सुभाष राउत द्वारा किए गए केस का सुपर विजन करने के लिए गांव गए थे. जांच के दौरान घटना सत्य पाई गई थी. शैलेंद्र मांझी को इस बात की भनक लग गई कि अब उनके ऊपर भी पुलिस की कार्रवाई होगी. इसलिए वह खुद को बचाने के लिए गुरुवार को डीएम के पास झूठा आवेदन लेकर गया होगा. थानाध्यक्ष ने बताया कि पुलिस ने सभी मामलों में पूरी निष्पक्षता के साथ कार्य किया है. दोनों तरफ से दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.

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