पनहेसा गाँव मे हुए मनरेगा कार्य में मुखिया पर घोटाले का आरोप लग रहा बेबुनियाद डीएम को खुद पत्र लिखकर जांच का किया मांग

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शेखोपुरसराय:-शेखपुरा जिले के शेखोपुर सराय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मोहब्बतपुर पंचायत के पनहेसा गांव में मनरेगा के कार्य में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद हड़कंप मच गया था. इस कार्य में मुखिया के ऊपर घोटाला करने का आरोप लगाते हुए कई अखबारों ने भी इसे प्रमुखता से छापा था.लेकिन अब पंचायत के वर्तमान मुखिया राजीव कुमार इस मामले में खुलासा करते हुए जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले में पूरी तरह से जांच पड़ताल करने की मांग कर डाली है.

दरअसल इस गांव में 6 फीट ऊंचा अलंग पर मिट्टी भरने का काम किया गया था. लेकिन 6 फीट की जगह पर 3 फीट ही मिट्टी भरा गया और 3 फीट का घोटाला कर लिया गया.दो दिन पूर्व जिलाधिकारी जब खुद इस पंचायत में जांच के लिए पहुंचे थे तब इस मामले का खुलासा हुआ था.मामले में डीडीसी को जांच के आदेश दिए गए थे. डीडीसी द्वारा पहले तो मुखिया के द्वारा काम करवाने की जानकारी दी गई थी लेकिन जब वर्तमान मुखिया राजीव कुमार ने मोर्चा खोला तब मामला कुछ और ही प्रतीत होने लगा. मुखिया ने बताया कि यह कार्य पंचायत समिति के फंड से कराया जा रहा है.इससे पहले भी खुड़िया गांव में मनरेगा के कार्य में हुए घोटाले का बेखुद लिखित रूप से डीएम के पास शिकायत कर चुके हैं.वहां भी बाहर से मिट्टी लाकर अलंग पर भरना था.लेकिन किसान की फसल लगे खेतो से जबरन मिट्टी काटकर अलंग पर भर कर दिया गया था. इसके अलावा उन्होंने बताया कि पनहेसा गांव के मामले में भी उन्होंने डीएम साहब को व्हाट्सएप पर मैसेज के माध्यम से और लिखित रूप से शिकायत दर्ज करते हुए पूरी निष्पक्षता के साथ जांच करने का खुद मांग किया है.अगर वह इस कार्य में दोषी हैं तो उन्हे भी सजा दी जाय. मुखिया जी के पत्र देने के बाद अब इस मामले में पंचायत समिति सदस्य किरण देवी पंचायत रोजगार सेवक  बीरेश कुमार और प्रखंड मनरेगा प्रोग्राम पदाधिकारी की गर्दन फंसते नजर आ रही है. मुखिया ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम में पंचायत रोजगार सेवक और प्रखंड प्रोग्राम पदाधिकारी ने मिलीभगत करके इस तरह के कार्यों को अंजाम दिया है.इसमें पूर्व मुखिया की संलिप्तता होने का भी अंदेशा जताया गया है. उन्होंने बताया अधिकांश जगह मनरेगा का कार्य जेसीबी के माध्यम से किया जा रहा है.उनके शिकायत करने के बाद भी किसी प्रकार का कोई कार्यवाई जिले के वरीय पदाधिकारियों द्वारा नहीं किया जा रहा जो चिंता का विषय है. अब देखना है कि मुखिया के इस आरोप के बाद जिलाधिकारी इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं.



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