खाद की कालाबाजारी पर भाजपा प्रदेश मंत्री ने जताया रोष..कहा केंद्र से पर्याप्त आपूर्ति के बावजूद किसानों को नहीं मिल रहा खाद

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बरबीघा:-लाख प्रयास के बावजूद जिले में किसानों की समस्याएं खाद को लेकर कम होने का नाम नहीं ले रही है. बुधवार को भी बरबीघा प्रखंड कार्यालय के बिस्कोमान भवन में खाद को लेकर जमकर हंगामा हुआ.हंगामे के बीच खाद की स्थिति जानने के लिए भाजपा के प्रदेश मंत्री तथा नेशनल फ़र्टिलाइज़र लिमिटेड के स्वतंत्र निर्देशिका डॉक्टर पूनम शर्मा भी पहुंची.उनके समक्ष भी किसानों ने पुरजोर तरीके से खाद की किल्लत को लेकर विरोध दर्ज कराया.डॉक्टर पूनम शर्मा ने तुरंत डीएम को फोन लगा कर आपूर्ति के बावजूद किसानों को खाद मिलने में हो रही समस्याओं के त्वरित निदान के लिए आग्रह किया.

बिस्कोमान भवन के मैनेजर द्वारा खाद की कम आपूर्ति होने की भी बात बताई गई.इस पर पूनम शर्मा ने तुरंत नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड के सीएमडी से भी बात किया. इसके बाद खुद केंद्रीय उर्वरक मंत्री मनसुख मांडवीया ने भी डॉक्टर पूनम शर्मा को फोन किया.डॉक्टर पूनम शर्मा ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने पूरा डाटा उनके व्हाट्सएप पर भेजा और बताया कि बिहार सरकार को मांग के अनुरूप खाद की आपूर्ति की जा रही है. राज्य स्तर पर खाद की कालाबाजारी होने के कारण किसानों को खाद मिलने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.डॉक्टर पूनम शर्मा ने कहा कि इसके लिए नीतीश सरकार के साथ-साथ जिलाधिकारी और जिला कृषि पदाधिकारी जिम्मेदार है.हंगामे के बीच एक किसान ने बताया कि बिस्कोमान भवन की अपेक्षा डिस्ट्रीब्यूटर को अधिक खाद उपलब्ध कराया जाता है. डिस्ट्रीब्यूटर अपने कई सगे संबंधियों को खुदरा दुकान का लाइसेंस भी बट रखे हैं. यही नहीं दुकान से एक बोरा खाद लेने वाले किसान के नाम पर 10-10 बोरा तक रसीद काट दिया जाता है. इस तरह से किसान को एक बोरा खाद देकर शेष की कालाबाजारी कर दी जाती है.कालाबाजारी करने के कारण ऑनलाइन पोर्टल पर खाद समाप्त दिखाता है जबकि डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम में खाद का बोरा भरा पड़ा रहता है. खाद की किल्लत बताकर किसानों को फिर मनमाने तरीके से डिस्ट्रीब्यूटर से लेकर खुदरा दुकानदार खाद बेचते है. डॉक्टर पूनम शर्मा ने कहा कि अगर इस तरह की बात सच है तो यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है.खाद की किल्लत के समय जिलाधिकारी को खुद ऐसे बड़े डिस्ट्रीब्यूटर के गोदाम का औचक निरीक्षण करते हुए कालाबाजारी पर रोक लगाने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार खाद की कालाबाजारी रोकने में पूरी तरह से विफल है. अपनी नाकामी को छुपाने के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार पर आपूर्ति नहीं करने का ठीकरा फोड़ते रहती है.



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