बरबीघा में प्राइवेट स्कूलों में भी शुरू किया गया बैगलेस-डे..बच्चों के बीच पहल रहा सकारात्मक

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बरबीघा:-सीबीएसई से मान्यताप्राप्त बरबीघा के प्रतिष्ठित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डिवाइन लाइट पब्लिक स्कूल में ‘बैगलेस डे’ की शुरुआत की गई है.विद्यालय के प्राचार्य सुधांशु शेखर ने बताया कि बैगलेस डे को फिलहाल जूनियर क्लासेज में लागू किया गया है।

क्या है बैगलेस डे ?

नई शिक्षा नीति में कई नवीन प्रावधानों की चर्चा है जिनका क्रियान्वयन स्कूलों में धीरे-धीरे हो रहा है। इन्हीं प्रावधानों में एक रोचक प्रावधान “बैगलेस डे” का भी है। बैगलेस डे बच्चों को किताबों से मुक्त, उन्मुक्त वातावरण में विविध प्रकार की रोचक विधियों से पढ़ाने/सिखाने की व्यवस्था है जो बच्चों के तनावमुक्त, रचनात्मक शिक्षण की एक प्रभावी विधि के रूप में स्वीकृत की गई है।
उन्होंने बताया कि शुरुआती चरण में इसे जूनियर क्लासेज में क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके तहत तय किया गया है कि हर हफ़्ते का शनिवार ‘बैगलेस डे’ होगा जिसमें बच्चे बुक्स और नोटबुक्स के बिना ही विद्यालय आएंगे।



बैगलेस डे में क्या होगा ?

बैगलेस डे में बच्चों को बिना किताबों और कॉपियों के विविध एक्टिविटीज के माध्यम से पढ़ाया जाएगा, जैसे, ब्लैकबोर्ड एक्टिविटी, ओरल एक्टिविटी (मल्टीप्लिकेशन टेबल, वर्ड मीनिंग्स, वर्ड अन्त्याक्षरी, क्विज आदि), फाइन आर्ट्स, क्राफ्ट, पेपर ऑरिगमी, ड्रिल, कविता पाठ, कहानी कथन, स्पीकिंग प्रैक्टिस, रीजनिंग (ब्लैकबोर्ड बेस्ड), नंबर गेम आदि।

क्या है उद्देश्य ?

वर्ग में होने वाली नियमित औपचारिक पढ़ाई के बावजूद ऐसा देखा जाता है कि बच्चों में बहिर्मुख व्यक्तित्व का विकास नहीं हो पाता और कई बार उनके अंदर छुपी विशिष्ट प्रतिभा दबी रह जाती है। उम्मीद की जाती है कि ‘बैगलेस डे’ का कॉन्सेप्ट बस्ते का बोझ हल्का तो करेगा ही, साथ ही शिक्षण की इन कमियों को दूर करने में सफल हो सकेगा।

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