बरबीघा:-जिलाधिकारी सावन कुमार और सिविल सर्जन पृथ्वीराज के आश्वासन के बाद भी बरबीघा रेफरल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है.जिलाधिकारी और सिविल सर्जन के द्वारा लगभग छः महीना पहले ही अस्पताल की जांच पड़ताल के दौरान यह आश्वासन मीडिया कर्मियों के सामने दी गई थी.
इसके बावजूद चमचमाते अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था शुरू नहीं होना कहीं न कहीं विभागीय उदासीनता को दर्शाता है.अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था पिछले कई वर्षों से ठप पड़ा हुआ है.वर्ष 2019 में ही लाखों की लागत से अल्ट्रासाउंड की मशीन लगाई गई थी.लेकिन तकनीशियन और रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर की कमी के कारण आज तक अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है.वहीं अस्पताल के इर्द-गिर्द कई सारे प्राइवेट अल्ट्रासाउंड वालों की इस वजह से खूब चांदी कट रही है.
कमीशन के चक्कर में स्वास्थ्य कर्मी से लेकर स्थानीय दलाल तक मरीजों को बरगला कर प्राइवेट अल्ट्रासाउंड सेंटर में पहुंचाने में जुटे रहते है. अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था शुरू नहीं होने से खासकर गरीब गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.प्रत्येक अल्ट्रासाउंड पर कमीशन फिक्स होने के कारण गरीब गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के नाम पर निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र में अच्छी खासी रकम का भुगतान करना पड़ जाता है.आर्थिक रूप से संपन्न परिवार पर तो इसका खास असर नहीं पड़ता लेकिन गरीब गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के नाम पर ही पसीने छूटने लगते हैं.बताते चलें कि जिले के सिविल सर्जन पृथ्वीराज ने सितंबर के पहले सप्ताह में ही अल्ट्रासाउंड चालू करवाने की बात मीडिया कर्मियों से कही थी.खुद जिलाधिकारी भी अपना इलाज करवाने के लिए एक बार रेफरल अस्पताल बरबीघा पहुंचे थे.उस समय उन्होंने भी कहा था कि जल्द ही इसको चालू करवाने के लिए उच्चस्तरीय पहल किया जाएगा.लेकिन अभी तक अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था चालू करवाने को लेकर कोई ठोस प्रयास होता नहीं दिख रहा है.
अस्पताल के मैनेजर राजन कुमार ने बताया कि विभागीय रूप से स्वास्थ्य विभाग तक चिट्ठी लिखी गई है.जैसे ही ऊपर से टेक्नीशियन और रेडियोलॉजिस्ट की बहाली की जाएगी अल्ट्रासाउंड स्वता चालू हो जाएगा. बताते चलें कि अस्पताल में अल्ट्रासाउंड शुरू करवाने के लिए क्षेत्रीय विधायक से लेकर साांस दक कई बार आश्वासन दे चुके हैं. ऐसे में अब लोगों को बरबीघा के विकास के लिए चिंतित दिख रहे बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी और एमएलसी अजय सिंह से भी उम्मीदें हैं कि शायद दोनों का कुछ पहल हो और गरीबों के हित में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था चालू हो जाए।
जो भी हो विभागीय उदासीनता और कमीशन के खेल के चक्कर में गरीब गर्भवती महिला पिछले कई वर्षों से पीस रही है.अपनी सुविधाओं के लिए आसपास तक के जिलों में मशहूर बरबीघा रेफरल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं नहीं होना बेहद शर्मनाक है.