शेखपुरा के लोदीपुर गांव में दो गुटों में हिंसक झड़प, एक युवक घायल

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Sheikhpura: जिले के नगर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में दो पक्षो में हिंसक झड़प में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. स्थानीय लोगों की मदद से घायल को आनन फानन में ऑटो से बेहतर इलाज के लिए शेखपुरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ चिकित्सक द्वारा घायल का इलाज चल रहा है.

बताया जाता है कि बीरेंद्र यादव और रामरतन यादव यादव के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था इसी बीच बीरेंद्र यादव की पत्नी किसी काम से रामरतन यादव के घर गए थी इसी बीच किसी बात को लेकर विवाद बढ़ गया औऱ देखते ही देखते दोनो में हिंसक झड़प हो गई.

इसी मारपीट की घटना में रामरतन यादव गंभीर रूप से जख्मी हो गया. मारपीट का आरोप बिरेन्द्र यादव पर लगा है. घटना के बाद पीड़ित परिवार द्वारा घटना की सूचना स्थानीय पुलिस को दिया. घायल का फर्द बयान लेने आयी नगर थाना के एएसआई अनिल कुमार सिंह ने कहा कि मामूली विवाद में घटना घटित हुआ है पुलिस पूरे मामले की जाँच कर रही है.

 

शेखपुरा से धर्मेंद्र की रिपोर्ट

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देवघर से लौट रहे श्रद्धालु सड़क दुर्घटना में हुए घायल, इलाज जारी

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Sheikhpura: शेखोपुरसराय बरबीघा मुख्य सड़क मार्ग पर बुधवार के दिन सुगिया मोड़ के समीप एक भीषण सड़क दुर्घटना में 5 लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए. स्थानीय लोगों की मदद से सभी को शेखोपुरसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया.

इसके बाद डॉक्टर के द्वारा प्राथमिक उपचार कर गंभीर होने के कारण सभी घायल को पावापुरी रेफर कर दिया गया. सभी घायल उत्तर प्रदेश के गोरखपुर निवासी बताए जा रहे हैं. जिनकी पहचान मनोज वर्मा, पंचगुलाम, विनोद कुमार, लक्ष्मी देवी, संजय कुमार के रूप में हुई है.

इस संबंध में जानकारी देते हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि सभी लोग मुंडन संस्कार के लिए देवघर गए हुए थे. वैगन आर ही वाहन पर सवार होकर देवघर से वापस अपने घर लौट रहे थे. इसी दरम्यान सुगिया मोड़ के पास अचानक वाहन का चक्का ब्लास्ट कर गया. जिसके कारण वाहन अनियंत्रित होने से सभी दुर्घटना का शिकार हो गए.

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बारिश के कारण शेखोपुरसराय थाने का छज्जा टूट कर गिरा, बाल बाल बचे पुलिसकर्मी

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Sheikhpura: शेखोपुरसराय थाना का बीती रात्रि को भवन के छत का छज्जा अचानक टूटकर गिर गया. गनीमत रहा कि हादसा आधी रात को हुआ वरना बड़ा नुकसान हो सकता था. कई पुलिस कर्मी घायल हो सकते थे.

दरअसल जहां छज्जा टूटकर गिरा ठीक उसके नीचे थाने के सिरिस्ता का कार्य होता है. यहां ओडी में कार्यरत्त पुलिस अधिकारी व अन्य पुलिसकर्मी बैठकर अपना दैनिक कार्य करते हैं. वहीं थाने आये फरियादी भी इसी स्थान पर बैठकर अपनी फरियाद सुनाते हैं. जरा सोचिए यह हादसा अगर दिन में हुआ होता, तो कितने लोग घायल होते. इस संबन्ध में थाना का प्रभार संभाल रहे ASI बसुआ उरांव ने बताया कि बारिश के कारण छज्जा रात्रि में टूटकर गिरा, जिसके कारण बड़ा हादसा टल गया. किसी तरह की क्षति नहीं हुई है.

बताते चलें कि यह थाना भवन काफी पुराना व जर्जर स्थिति में है. जगह-जगह मौजूद दरारें इस बात का सुबूत दे रही हैं. ऐसे में यहां रहने वाले पुलिस कर्मी हमेशा डर के साये में जीते हैं. बरसात के दिनों में तो स्थिति और भी बदत्तर हो जाती है. भवन के पूरे छत से पानी टपकता है. पुलिस कर्मी बर्तनों की मदद से कमरे में रखा अन्य सामान भींगने से बचाते हैं. वहीं भारी बारिश में पूरा थाना परिसर तालाब की शक्ल में बदल जाता है. सिरिस्ता कक्ष तक पानी से लबालब भर जाता है. पुलिस कर्मियों को घुटने भर पानी से आना-जाना पड़ता है. इस सीजन में जब अभी बरसात शुरू ही हुआ है, तो इस भवन का ये हाल है.

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गंगा स्नान करने गए एक ही परिवार के चार लोगों की डूबने से मौत, परिवार में मची चीख-पुकार

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Sheikhpura: बरबीघा प्रखंड के सर्वा पंचायत अंतर्गत राजौरा गांव से गंगा स्नान के लिए गए एक ही परिवार के चार लोगों की डूबने से मौत हो गई. मरने वालों में एक महिला एक पुरुष और दो बच्चे शामिल है. मृतकों की पहचान राजौरा गांव निवासी मुकेश कुमार उनका 12 वर्षीय पुत्र चंदन कुमार उर्फ हर्ष राज तथा 16 वर्षीय पुत्री सपना कुमारी जबकि साकेत कुमार उर्फ पप्पू की पत्नी आभा कुमारी के रूप में की गई है. घटना के संबंध में बताया गया कि पंद्रह दिन पहले घर में एक सौ वर्षीय बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी. क्रिया कर्म खत्म होने के बाद ग्रामीण परंपरा के अनुसार परिवार के 18 से 20 लोग गंगा स्नान के लिए निजी वाहन से बाढ़ के उमानाथ घाट पहुंचे थे.

वहां बनाए गए नए घाट पर सभी परिवार स्नान कर रहे थे. इसी दरमियान सबसे पहले साकेत कुमार की पत्नी आभा कुमारी गंगा के तेज धार में बहकर डूबने लगी. उसे बचाने के लिए रिश्ते में ससुर मुकेश कुमार आगे बढ़े और वे भी डूबने लगे. अपने पिता को डूबते देख चंदन कुमार और सपना कुमारी भी आगे बढ़ गई. लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था और एक-एक करके सभी लोग गंगा में समा गए. हालांकि इस दौरान साकेत कुमार उर्फ पप्पू भी अपनी पत्नी को बचाने का प्रयास किया और बेबी डूबने लगे. लेकिन किनारे पर स्नान कर रही एक महिला ने हिम्मत दिखाई और अपनी साड़ी खोलकर उनके तरफ फेंका. साकेत कुमार द्वारा साड़ी पकड़ने के बाद कुछ लोगों ने खींच कर उन्हें बाहर निकाल लिया. घटना के बाद घाट पर चीख पुकार मच गई.

उधर घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय स्तर पर अंचलाधिकारी और प्रखंड विकास पदाधिकारी दल बल के साथ घाट पर पहुंचे. स्थानीय गोताखोरों की मदद से लाश को खोजने का बहुत प्रयास किया गया. कई घंटे के प्रयास के बाद भी गंगा में डूबे एक भी व्यक्ति का लाश बरामद नहीं किया जा सका. इधर गांव से सूचना मिलते ही दर्जनों की संख्या में ग्रामीण घाट पर पहुंच चुके थे. सबसे पहले बदहवास हो चुके परिवार को ग्रामीणों ने निजी वाहन से घर पहुंचवाया और शव की खोज में जुट गए हैं. जानकारी के मुताबिक पटना जिले के बाढ़ के अनुमंडल अधिकारी के पहल पर पटना से एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच कर शव को खोजने में जुट गई है.

वहीं इस घटना के बाद पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है. गांव की तमाम गलियां मानो वीरान सी हो गई है. सभी लोगों की जुबां से एक ही आह निकल रही थी भगवान ऐसी विपत्ति किसी को ना दे. आसपास के लोग रोते बिलखते परिवार को ढांढस बंधाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन परिवार उन चार लोगों को याद करके बदहवास सिर्फ रोए जा रहा था.परिवार का क्रंदन भरा दृश्य देखकर गांव के अधिकांश लोगों की आंखें भी नम हो गई थी.

घटना में अपने पति और पुत्र तथा पुत्री को गंवाने वाली क्रांति देवी की मनोदशा काफी खराब हो चुकी. घटना के बाद से ही वह होश में नहीं है. क्रांति देवी मृतक मुकेश कुमार की पत्नी तथा चंदन कुमार और सपना कुमारी की मां है. गंगा स्नान करने के लिए परिवार के साथ गई क्रांति देवी का सब कुछ लुट गया. होश में आने के बाद एक ही बात कहती है,केकरा सहारे रहबय जी रजवा और फिर बेहोश हो जाती है. उसकी यह दशा देखकर आसपास मौजूद दर्जनों की संख्या में ग्रामीण महिलाएं भी फफक फफक कर रो रही थी. घटना के बाद पीड़ित साकेत कुमार उर्फ पप्पू ने जिला प्रशासन के साथ-साथ सरकार से मांग किया है कि उनके परिवार जनों की लाश खोज कर उनके हवाले कर दिया जाए. ताकि वे लोग उनका अच्छे से दाह संस्कार कर सकें.

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दो दिवसीय बिजली महोत्सव कार्यक्रम का समापन, बरबीघा MLA सुदर्शन रहे मौजूद

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Sheikhpura: शेखपुरा मुख्यालय के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर चल रहे दो दिवसीय बिजली महोत्सव कार्यक्रम का समापन हो गया. इस दौरान विशेष तौर पर केंद्र सरकार की ओर से बिजली क्षेत्र में हासिल किए गए प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया. जिनमें मुख्य रुप से बिजली उत्पादन क्षमता, भारत द्वारा पड़ोसी देशों को बिजली का निर्यात, देश को एक ग्रिड में जोड़ने की पहल आदि शामिल है.

इस महोत्सव में बरबीघा के वर्तमान जदयू विधायक सुदर्शन कुमार भी शामिल हुए. सभा को संबोधित करते हुए बताया कि देश में एक ग्रिड योजना का इस्तेमाल करके हम देश के एक कोने से 1,12,000 मेगावाट बिजली पहुंचा सकते हैं. एनडीए सरकार ने COP-21 में वचन दिया था कि 2030 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से हमारी उत्पादन क्षमता का 40 फीसदी पहुंच जाएगा. सरकार ने यह लक्ष्य शेड्यूल से 9 साल पहले नवंबर 2021 में ही हासिल कर लिया है. आज देश में बिजली की स्थिति काफी सुधर गई है. शहरों के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर भी लोगों को पर्याप्त बिजली मिल रही है.बिजली व्यवस्था में सुधार होने से लोगों के दैनिक दिनचर्या में भी काफी बदलाव देखने को मिला. पर्याप्त बिजली मिलने से देश के किसान ही उन्नत हो रहे हैं.

पिछले पांच वर्षों में बिजली के आधारभूत संरचना के तहत कई कार्यों को पूरा किया गया है. इनमें 2,921 नए सब-स्टेशन बनाना, 3,926 सब-स्टेशन का विस्तार, 6,04,465 सीकेएम एलटी लाइन स्थापित करना, 2,68,838 11 केवी एचटी लाइनें स्थापित करना, 1,22,123 सीकेएम कृषि फीडरों का फीडर पृथक्करण और स्थापना आदि शामिल है. 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की उपलब्धता औसतन 12.5 घंटे था जो अब बढ़कर लगभग 22 घंटे हो गई है. इस महोत्सव का उद्देश्य बिजली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सार्वजनिक जनभागीदारी और विकास में ज़मीन से जुड़े लोगों को इसमें सम्मिलित होना सुनिश्चित करना है. इस अवसर पर विधायक सुदर्शन कुमार को विधुत अधीक्षण अभियंता जिला परिषद सदस्य रघुनंदन कुमार और बरबीघा के भावी सभापति उम्मीदवार संतोष कुमार उर्फ शंकु को कार्यपालक अभियंता प्रभात आनन्द द्वारा गुलदस्ता और अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर रामप्रकाश सिंह, बृजेश कुमार, राजकमल सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे.

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एक दिवसीय शिव चर्चा में उमड़ी महिला श्रद्धालुओं की भीड़, क्यों की जाती है शिव चर्चा जान लीजिए

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Sheikhpura: नगर परिषद बरबीघा के भावी सभापति उम्मीदवार संतोष कुमार उर्फ शंकु सिंह के शिवपुरी मोहल्ला में स्थित घर पर एक दिवसीय शिव चर्चा का आयोजन किया गया. इस आयोजन में आसपास के कई गांव से सैकड़ों की संख्या में महिला श्रद्धालुओं ने भाग लिया. शिव चर्चा को संबोधित करते गुरु बहन ने कहा कि सभी देवों का देव महादेव है.

भगवान शिव को साकार और निराकार दोनों ही रूपों में जाना जाता है. उन्हें जगतगुरु भी कहा जाता है इस लिये मनुष्य को गुरु के रूप में भगवान शिव की आराधना करनी चाहिये. उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन तभी सफल होगा जब वे गुरु की साधना करेगा. गुरु के बिना ज्ञान नहीं हो सकता है. जीवन में प्रत्येक मनुष्य को गुरु की आराधना करनी चाहिये. समारोह में दूर दराज से पहुंचे सभी महिलाओं ने बारी-बारी से भगवान शिव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद मांगा.

क्यों किया जाता है शिव चर्चा

शिव चर्चा के पीछे एक लंबी कहानी है. श्री हरिंद्रानंद जी सहरसा के एक इंटर कॉलेज विद्यालय के विद्यार्थी थे. बगल में ही सहरसा जेल के निकट स्थित श्मशान घाट में रात को वह शिव की साधना के लिए जाते थे. धीरे-धीरे उन्होंने शिव को अपना गुरु माना और अलौकिक ज्ञान किया.इसके बाद वे जगह-जगह बैठकर जगतगुरु आदि देव भगवान शिव के बारे में जानकारी देने लगे.धीरे-धीरे कई लोग उनके साथ जुड़ते गए और काफिला लंबा होता गया.उनके मरणोपरांत भी उनके शिष्यों ने  जगत गुरु के रूप में शिव का जगह-जगह चर्चा जारी रखा. धीरे-धीरे बिहार के अधिकांश हिस्सों में यह प्रचलन बढ़ गया. ग्रामीण स्तर पर भी भगवान शिव के बारे में चर्चा जगह-जगह की जाने लगी और यह शिव चर्चा के रूप में प्रसिद्ध हो गया. ऐसा माना जाता है कि शिव चर्चा करने से भगवान आदि देव की महिमा का बखान होता है.भगवान भोलेनाथ थोड़ी सी प्रशंसा से ही भक्तों पर बहुत जल्द प्रसन्न होकर भक्तों के ऊपर कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं

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बरबीघा में प्रिंस मैथमेटिक्स का जलवा कायम, CBSE के दसवीं में 20 बच्चों ने 90% से ज्यादा किया स्कोर

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Sheikhpura: सीबीएसई 10 वीं का रिजल्ट घोषित किया जा चुका है. इस बार 94.40 परसेंट कुछ छात्र दसवीं की परीक्षा में पास हुए हैं. लड़कियों की बात करें तो पासिंग परसेंटेज 95.21 परसेंट है वहीं लड़कों का पासिंग परसेंट 93.80 है.

दसवीं के रिजल्ट की जैसे ही घोषणा हुई सबसे ज्यादा खुशी की लहर प्रिंस मैथमेटिक्स में देखने को मिली. इसकी वजह ये है कि इस बार प्रिंस मैथमेटिक्स के 20 बच्चों ने 90% से ज्यादा मार्क्स मैथ में लाया है. जिसमें 3 बच्चों ने 100 में 100 मार्क्स हासिल किया है, जिनके नाम हैं रोहित कुमार, शिवम कुमार और शिवम कश्यप.

बाकी 17 बच्चों ने 90% से ज्यादा मार्क्स हासिल किया है. उनमे नैंसी कुमारी,अंकित राज,प्रीति राज, पंकज कुमार, रवि प्रकाश, सत्यम कुमार, शिवम कुमार, राजनाथ पांडे, अनुप्रिया, शिवम राज, दीपांशु कश्यप, अनिकेत कुमार, प्राची राज, अमन राज के नाम शामिल हैं.

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आंगनबाड़ी में हुआ पोशाक घोटाला, जांच का दिया गया आदेश

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Sheikhpura: बरबीघा प्रखंड के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों में पोशाक घोटाला का मामला सामने आया है. घोटाले का आरोप बरबीघा के सीडीपीओ तृप्ति सिंहा के ऊपर लगाया गया है. दरअसल जिला मुख्यालय के सर्किट हाउस में मंगलवार को विधानसभा के निवेदन समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी. बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष विधायक अवधेश नारायण झा द्वारा किया गया.

इस बैठक में शेखपुरा के राजद विधायक विजय सम्राट के अलावा आठ अन्य विधायक भी शामिल थे. बैठक में जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों में चल रहे सरकारी योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ बरबीघा में पोशाक घोटाला का विस्तार पूर्वक चर्चा किया गया. दरअसल बरबीघा के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को जून जुलाई माह में चुनिंदा 20 बच्चों को पोशाक के लिए सोलह सोलह हज़ार रुपए राशि आवंटित किया गया था. नियमानुसार प्रत्येक बच्चे के अभिभावक के खाते पर आठ आठ सौ रुपया भेजना था. लेकिन तृप्ति सिंहा ने सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ मिलीभगत करके पैसा खाते में ना भेज कर उसका बंदरबांट कर दिया.

जानकारी के मुताबिक कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुछ बच्चों को या तो पोशाक खरीद कर दे दिया गया या निर्धारित राशि से कम राशि अभिभावक को दी गई. विश्वस्त विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस कार्य को अंजाम देने के लिए सीडीपीओ ने प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र से दो-दो हज़ार का वसूली भी किया है. हालांकि इस बात की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है. इन सभी आरोपों को लेकर सीडीपीओ के ऊपर जांच टीम गठित किया गया है. गौरतलब हो कि सीडीपीओ तृप्ति सिंहा जिला प्रोग्राम पदाधिकारी इन विधियों के तौर पर भी पदस्थापित थी.लेकिन कार्य में लापरवाही और वसूली की लगातार शिकायतें मिलने के बाद फिलहाल उसे इस पद से हटा दिया गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इनके कार्यकाल के दौरान हुए कार्यों का अगर सही से जांच पड़ताल करवाई जाए तो एक बहुत बड़ा घोटाला निकलकर सामने आ सकता है.

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क्या सच में जिले के सरकारी स्कूल में नहीं जा सकते हैं पत्रकार, डीएम सावन कुमार ने कह दी बड़ी बात

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Sheikhpura: इन दिनों सोशल मीडिया में लगातार देखा जा रहा है कि सूबे के अलग अलग स्कूलों में जाकर पत्रकार लाइव रिपोर्टिंग कर रहे हैं. इस दौरान जो बातें सामने निकलकर आ रही है वो बेहद चिंतनीय है. किसी स्कूल में शिक्षक वक्त पर नहीं आ रहे हैं. किसी स्कूल में शिक्षक वक्त से पहले स्कूल में ताला जड़कर जा रहे हैं. कहीं शौचालय की स्थिती खराब है कहीं मिडडे मिल की हालत खस्ता है. इन सब के बीच एक बात हर जगह कॉमन देखी जा रही है कि शिक्षक लगातार पत्रकार से सवाल कर रहे हैं आपको स्कूल में आने का परमिशन किसने दिया है. ऐसे में एक अजीब सी स्थिती उत्पन्न पत्रकारों के लिए भी हो गई है कि आखिर परमिशन लेकर और शिक्षक को सूचना देकर यदि स्कूल जाया जाए तो क्या सच्चाई दिखाई जा सकेगी. क्योंकि सूचना देने के बात इतना तो तय है कि व्यवस्था दुरूस्त कर ली जाएगी और पत्रकार के जाने के बाद यथावत स्थिती बनी रहेगी. ऐसे में पत्रकार जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है क्या वो सच दिखा पाएगा.

दरअसल आज जिले के बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के गंगटी गांव के मध्य विद्यालय में भी ऐसी ही स्थिती उत्पन्न हो गई. वहां लंच के दौरान पत्रकार ने दिखाना चाहा कि स्कूल में बच्चों को कैसा खाना मिल रहा है. पत्रकार के साथ वहां के कुछ ग्रामीण भी स्कूल चले गए इतने में वहां एक शिक्षक पत्रकार पर भड़क गए और कहा कि आपके पास परमिशन है क्या…आप स्कूल में बिना इजाजत के नहीं घुस सकते हैं. काफी हॉट टॉक होने के बाद पत्रकार स्कूल से बाहर आ गए वहां गांव वालों ने बताया कि इस स्कूल में ऐसा ही चलता है. यहां कोई सुनने वाला नहीं है. इस मामले को लेकर जब डीएम साहब से मुलाकात का समय लेकर शेखपुरा लाइव के रिपोर्टर और एक चैनल के रिपोर्टर ने बात की तो डीएम साहब ने कहा कि ऐसा कोई ऑर्डर नहीं है कि पत्रकार स्कूल नहीं जा सकता है. पत्रकार को भी इतना ख्याल जरूर रखना है कि वो अपना आईडी कार्ड लेकर ही रिपोर्टिंग करें. साथ हीं उन्होंने ये आश्वासन भी दिया कि एक प्रेस रिलीज जारी कर सभी स्कूलों में इस बात की सूचना दी जाएगी की पत्रकारों के साथ बदसलूकी ना की जाए. बातचीत के दौरान डीएम साहब ने कहा कि सभी को बेहतरी के लिए ही काम करना है इसलिए सभी अच्छे से काम करें.

वैसे इस मामले में एक खबर ओडिशा सरकार से जुड़ी है जिसके मुताबिक ओडिशा में पत्रकारों की एंट्री स्कूलों में नहीं है. इस मामले में 12 जुलाई को देश के शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा सरकार के इस फैसले की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है और पत्रकारों को किसी भी सार्वजनिक संस्था में जाने से रोका नहीं जा सकता. शिक्षा मंत्री ने आगे कहा, “स्कूल परिसर में पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी लगाना अनुचित है. एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्कूल एक सार्वजनिक प्रतिष्ठान (पब्लिक प्लेस) है।” धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि मीडिया को बच्चों की पढ़ाई में खलल नहीं डालनी चाहिए लेकिन इस तरह से मीडिया और पत्रकारों के स्कूलों में जाने पर रोक लगाना गलत है. स्कूल एक सार्वजनिक संस्था है वहां पत्रकार खबर की जानकारी लेने जा सकते हैं.

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बरबीघा के इस स्कूल में मिड डे मिल की हालत देखकर माथा पकड़ लेंगे आप, कैमरे को देखकर शिक्षक ने पत्रकार से कहा- काहे स्कूल में घुस गए जी परमिशन है आपको

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Sheikhpura: आजकल बिहार की शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए सीएम नीतीश कुमार से लेकर जिले के आलाधिकारी तक लगे हुए हैं. राज्य के अलग अलग कोने से जो खबरे आ रही है उसके मुताबिक बिहार की शिक्षा व्यवस्था या स्कूल में चलने वाला मिडडे मिल योजना का हालत बहुत बुरा है. लगातार इसपर रिपोर्टिंग भी की जा रही है. इसी कड़ी में आज बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के गंगटी गांव के स्कूल में जब हमारी टीम पहुंची तो वहां लंच के दौरान जो दिखा वो बेहद शर्मनाक है.

बच्चों को स्कूल में जो खाना दिया जा रहा है उसकी हालत बेहद खराब है. जो तस्वीर और वीडियो हमारे पास है उसमे साफ तौर पर आप देख सकते हैं कि सब्जी में पानी की मात्रा इतनी ज्यादा है कि वो खाने लायक नहीं है. हालंकि जब मिडडे मिल को लेकर रिपोर्टिंग हो रही थी तो एक शिक्षक भी उलझ गए और उनका कहना था कि पहले आप परमिशन लेकर आइए. आप स्कूल के अंदर कैसे दाखिल हो गए स्कूल में पत्रकारों की एंट्री पर बैन लगा हुआ है. पत्रकार पर भड़कते हुए शिक्षक ने यहां तक कह दिया कि वीडियो रखा का रखा रह जाएगा और कही पब्लिश नहीं कर पाओगे.

मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि सर हमलोग काफी बार खाना को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल से इसकी शिकायत किए हैं लेकिन सर हैं जो मानते ही नहीं हैं. वैसे जानकारी के लिए बता दूं कि ओडिशा सरकार ने स्कूलों में पत्रकारों की एंट्री पर बैन लगाया है जिस मामले में देश के शिक्षा मंत्री का बयान भी आ गया है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि स्कूल एक पब्लिक प्लेस है वहां पत्रकार जा सकते हैं. उन्हें बस इस बात का ध्यान रखना है कि बच्चों के पठन पाठन में बाधा नहीं आनी चाहिए.

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