जब बिहार के एक मंत्री ने राजो बाबू के कारण 10 उंगली में पहन ली थी अंगूठी, कहानी एक अजेय योद्धा की हार की -पार्ट 1

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Sheikhpura: “बाप का…दादा का…भाई का…सबका बदला लेगा…तेरा यह फैजल…”मगर यहां तो…फैजल ही बदल गया…रामाधीर के गोद में बैठ गया. कल्ट फिल्म…गैंग्स ऑफ वासेपुर…का चिरपरिचित डायलॉग  यहां बिल्कुल फिट बैठता है.

बिहार में आपका स्वागत है. उसमें भी जिला शेखपुरा. कहते हैं इस जिले से दो ही राजनीतिक दिग्गज निकले. सर्वप्रथम बिहार की आन बान शान…आजादी की लड़ाई के चमकते ध्रुव तारा…आधुनिक बिहार के निर्माता…हम सब के आदर्श…बिहार केसरी…डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह का पैतृक गांव…इसी जिले में पड़ता है और दूसरा नाम है राजो सिंह उर्फ राजो बाबू. कांग्रेस के दिग्गज नेता. जिन्होंने कभी हार का मुंह नहीं देखा, लगातार लगभग 10 चुनाव लड़े, मुखिया से लेकर सांसद तक, मगर कोई भी माई का लाल इनको चित नहीं कर सका, शेखपुरा जिला का जनक भी इन्हीं को कहा जाता है.

कहते हैं अगर यह नहीं अड़ते तो लालू जी शेखपुरा को जिला नहीं बनाते. इसलिए सही मायने में श्रेय उन्हीं को जाता है. राजो बाबू. नाम आते ही जो छवि सामने आती है. वह यह है. लंबा चौड़ा कद…तीखे नैन नक्श…आंखों पर चश्मा…पैनी नजर…अखड़ बोली…कड़ा स्वभाव और जमींदारों वाली पूरी ठसक. दूध से उजली धोती और उस पर कड़क कुर्ता कलप मार के. इनका दरबार लगता था, जो भी आए…इनका चरण स्पर्श करना ही पड़ता था. अगर चूक गए तो शामत है. इसके अलावा अगर कोई काम लेकर गए और उन्होंने गरिया दिया यानी गाली गलौज करके डांट दिया तो काम होना पक्का समझो. गजब लबोलबाब और मिजाज रहता था हुजूर का. है ना कहानी पूरी फिल्मी. लगता है कि ऐसे किरदार पर एक फिल्म बननी चाहिए. अब आइए कि हमारे परिवार से किस प्रकार का लिंक था. सर्वप्रथम हमारे आदर्श बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह से. जानने वाले करीब के बताते हैं कि राजो बाबू श्री बाबू अपना अराध्य और गुरु मानते थे किसी ने बताया कि इनके शयनकक्ष में श्री बाबू का विशालकाय तस्वीर सदा लगा रहता था. संभवत रोज उनकी आराधना करते थे. इसके अलावा श्री बाबू के जेष्ठ सुपुत्र श्री शिव शंकर बाबू के पीए के रूप में भी इन्होंने योगदान दिया था. उनके बेहद करीब थे. यह बात अलग है कि कालांतर में उन्हीं के खिलाफ चुनाव लड़े और उनको हराकर विधानसभा पहुंचे. किंवदंतीयों में सुनने को मिला कि शिव शंकर बाबू के साथ चलते हुए पीछे से अपना ही पर्चा वितरण कर देते थे. शिव शंकर बाबू के अनुज एवं श्री बाबू के कनिय सुपुत्र श्री बंदी शंकर सिंह उर्फ स्वराज बाबू यानी हमारे नाना जी से इनकी लंबी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता रही अपने जीवन में पहली बार भी राजो बाबू का दर्शन नाना के देहावसान के अवसर पर ही किया था उसी दुख की बेला में सबसे पहले आने वाले आगंतुकों में राजो सिंह थे…मैं एक अबोध बालक था…हम नाना के पार्थिव शरीर के एक तरफ से देखा की…चमचमाती हुई टाटा एस्टेट गाड़ी से…एक लंबा चौड़ा व्यक्तित्व का स्वामी उतरा…चकाचक सफेद धोती कुर्ता में…कड़क आवाज और चुस्त चाल में…नाना की ओर अग्रसर होते देख…हम समझ गए कि यह जरूर कोई महारथी ही हैं. अपने कड़क और अक्खड़ आवाज में सारी व्यवस्था का जायजा लिया और मौजूद सरकारी व्यवस्था को चुस्त रहने का निर्देश दिया.

आगे जाकर इनके एक लोकसभा चुनाव में संभवतः बेगूसराय से हमारी माताजी ने इनका निष्काम और पूरी ताकत के साथ मदद किया था. श्रीमती कृष्णा शाही के खिलाफ…जिसके लिए यह जीवनभर उनके आभारी रहे. एक और दिलचस्प बात है…उस समय हमारी माता जी का दुकान “बचपन” हुआ करता था. हमारे मौसेरे भाई के एक मित्र जो तत्कालीन कारा मंत्री थे और बरबीघा से जीते थे. वह दुकान पर पधारे थे. मैं भी उपस्थित था. भैया के चलते वह भी माता जी को मौसी ही कहते थे. मां ने उनसे पूछा, “क्या  रे…ई दसों उंगली में अंगूठी पहने हुए हो…क्या बात है…”उन्होंने जो जवाब दिया…वह किसी भी फिल्मी डायलॉग को फेल कर सकता है…उन्होंने कहा…”क्या कहें मौसी जी… जिसका दुश्मन राजो सिंह जैसा आदमी हो…उसका सारा ग्रह गोचर सही होना चाहिए…”यह जवाब सुन कर मेरा बालमन उद्वेलित हो उठा…हम बेहद कौतूहल में थे कि ऐसा कौन सा विराट व्यक्तित्व है…जो एक मंत्री को दसों उंगली में अंगूठी पहना दिया. और फिर 1 दिन खबर आई उनकी हत्या की.

बाकी आगे शेष भाग में…

अमृतांश आनंद की कलम से
अमृतांश आनंद की कलम से

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

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संगठनात्मक चुनाव को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई संपन्न, यंग नेता को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी

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Sheikhpura: बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के कांग्रेस आश्रम में संगठनात्मक चुनाव को लेकर गुरुवार को जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में पार्टी के जिला निर्वाचन पदाधिकारी नीता लोधी शामिल हुई.

बैठक में मुख्य रूप से पार्टी का बूथ स्तर तक संगठनात्मक संरचना मजबूत करने को लेकर चर्चा हुई. पार्टी के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि जून माह में कांग्रेस पार्टी का संगठनात्मक चुनाव होना है. पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी विंग के पदाधिकारी व कार्यकर्ता संगठनात्मक चुनाव के लिए तैयार हो जाएं. पार्टी के नियमानुसार चुनाव संपन्न कराया जाएगा. वही बैठक में शामिल रहे पार्टी के जिला अध्यक्ष सुंदर साहनी ने कहा कि इस बार नए एवं ऊर्जावान साथियों को पार्टी में जिम्मेदारी देने का काम किया जाएगा.

बुजुर्गों का मार्गदर्शन में पार्टी का संगठनात्मक चुनाव संपन्न होगा ताकि संगठन को अनुभव के साथ साथ ऊर्जावान साथी मिल सके. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में एक बार फिर से पार्टी पूरे देश से मजबूती के साथ खड़ा होकर एक मजबूत सरकार बनाएगी. कांग्रेस हमेशा से गरीबों को हक दिलाने वाली पार्टी रही है. आज भी कांग्रेस पार्टी के प्रति लोगों का विश्वास कम नहीं हुआ है. लेकिन वर्तमान सरकार उन्हें जात पात और धर्म के बंधन में बांध कर अपना रोटी सेकने का काम कर रही है. इसलिए अब पार्टी संगठनात्मक चुनाव के जरिए बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को तैयार करके लोगों को पुनः पार्टी पर भरोसा करने के लिए प्रेरित करेगी. इस बैठक में पार्टी के जिला अध्यक्ष सुंदर साहनी के अलावा शेखोपुर सराय प्रखंड अध्यक्ष भैया जी बरबीघा प्रखंड अध्यक्ष संजीत कुमार पूर्व दिग्गज कांग्रेसी नेता गोवर्धन सिंह प्रमोद यादव गोपाल कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे.

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अभी से नवादा किला मजबूत करने में लगे सांसद ललन सिंह, क्या अगली बार यहीं से लड़ेंगे लोकसभा चुनाव ?

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Sheikhpura: मुंगेर लोकसभा सांसद और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कल मुंगेर जाने के क्रम में बरबीघा में रूके थे. इस दौरान उन्होंने पुराने जिलाध्यक्ष को फोन कर बुलाया और मजे से एक दुकान पर राजनीतिक चर्चा करते हुए चाय भी पी. हाल के दिनों में लगातार नवादा लोकसभा क्षेत्र में उनके भ्रमण पर लोग बाग यहां चर्चा करने लगे हैं कि क्या सांसद ललन सिंह अपना नवादा किला मजबूत करने में अभी से जुट गए हैं.

वैसे तो ललन सिंह मुंगेर से सांसद हैं लेकिन हाल के दिनों में नवादा लोकसभा के अलग अलग इलाकों में वे लगातार घूम रहे हैं. ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं की अगली बार लोकसभा के चुनाव में ललन सिंह नवादा से ही चुनाव लड़ेंगे. सूत्रों की माने तो लगातार नवादा लोकसभा जिले के कई दिग्गज नेताओं से मिलकर उनका हाल चाल पूछ रहे हैं साथ ही साथ अपने राजनीतिक किले को मजबूत भी कर रहे हैं.

आपको बता दें कि हाल के दिनों में मेहुंस में जब वो पहुंचे तो उनका वहां भव्य स्वागत किया गया. कल बरबीघा में अचानक से पार्टी के पुराने कार्यकर्ता को फोन कर कहा कि आइए जरा चाय पीते हैं. सूत्र बताते हैं वारिसलिगंज के दिग्गज अखिलेश सरदार से भी उन्होंने बातचीत की और उनका कुशलक्षेम पूछा. वैसे तो ललन सिंह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो वो पूरे देश में पार्टी को मजबूत करने के लिए घूम सकते हैं लेकिन बरबीघा के लोगों में इन दिनों एक अजीब सी बात जुबां पर आ गई है कि क्या ललन सिंह फिर से हमारे संसदीय क्षेत्र के सांसद बनने की मंशा रखते हैं. वैसे कुछ राजनीतिक जानकार का ये भी मानना है कि ललन सिंह अपने ऑप्शन खुले रखना चाहते हैं.

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मनरेगा में काम नहीं मिलने से नाराज ग्रामीणों ने BDO से की शिकायत, मुखिया और रोजगार सेवक पर लगाया बड़ा आरोप

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Sheikhpura: शेखोपुर सराय प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत बेलाव पंचायत के नाराज ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार के दिन प्रखंड मुख्यालय शेखोपुर सराय पहुंचे जिसमें की 50 मजदूरों ने आरोप लगाया है कि मुखिया और पंचायत रोजगार सेवक द्वारा उन लोगों को मनरेगा कार्य में नहीं रखा जाता है. अपने पसंदीदा और घर में रहने वाले महिलाएं और पुरुषों को मनरेगा मजदूर बनाकर उसके नाम पर पैसा निकाला जाता है.

बेलाव पंचायत के मनरेगा मजदूर सुबोध पासवान, राजाराम पासवान, मंती देवी, रामलाल रविदास की मनरेगा अंतर्गत कार्य जैसे अलंग, नहर की खुदाई जेसीबी मशीन द्वारा करवाया जाता है और घर में रहने वाले मजदूर के नाम पर पैसा निकासी किया जाता है. असली मजदूर लोग रोजगार के लिए दर-दर भटकते रहते हैं. हम लोगों ने पंचायत रोजगार सेवक और मुखिया से कई बार मनरेगा कार्यों में रोजगार देने को कहा लेकिन आज तक टालमटोल किया गया. बृहस्पतिवार के दिन प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार अमर से मिलने आए हैं और अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम लोग  शेखपुरा डीएम के जनता दरबार में जाएंगे.

इस संबंध में पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार अमर ने बताया कि बेलाव से आए हुए कुछ लोगों द्वारा शिकायत मिली है इस तरह की कार्य हुआ है तो मामले की जांच कराई जाएगी. प्रखंड क्षेत्र भर के पंचायतों में जेसीबी द्वारा मनरेगा कार्यो कराना मुखिया,पंचायत समिति सदस्य का स्टेटस सिंबल बन चुका है.

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बरबीघा पुलिस की बड़ी कार्रवाई, छापेमारी अभियान चलाकर तीन शराबियों को गिरफ्तार कर भेजा जेल

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Sheikhpura: बरबीघा पुलिस ने गुरुवार को अलग-अलग जगह छापेमारी अभियान चलाकर तीन शराबियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस संबंध में थानाध्यक्ष जयशंकर मिश्र ने बताया कि पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा के निर्देश पर चलाये गया छापेमारी अभियान के दौरान गंगटी  गांव निवासी शशि रंजन कुमार को नशे की हालत में गिरफ्तार किया गया.

इसी गांव से अपने रिश्तेदार के यहां आए नालंदा जिला के रहुई थाना क्षेत्र अंतर्गत डेढ़गाढ़ा गाँव निवासी धनंजय यादव तथा अस्थावाँ थाना क्षेत्र के ओनदा गांव निवासी पिंटू कुमार को भी  शराब के नशे की हालत में गिरफ्तार किया गया.

तीनों के खिलाफ मद्य निषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया गया. गौरतलब हो कि पुलिस शराब कारोबार के साथ-साथ शराब पीकर सड़कों पर हंगामा मचाने वाले शराबी को भी गिरफ्तार करने का काम लगातार कर रही है.

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बरसात से पहले बरबीघा नगर परिषद की अच्छी पहल, नालियों की साफ-सफाई का काम शुरू

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Sheikhpura: बरसात शुरू होने से पूर्व शहर को जल जमाव से मुक्त करने के लिए नगर परिषद बरबीघा अभी से ही तैयारियों में जुट गया है. शहर बड़े नालों के साथ-साथ छोटी-छोटी नालियों की साफ-सफाई शुरू कर दी गई है.

इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी ज्योत प्रकाश ने बताया कि नालियों की सही समय पर साफ सफाई नहीं होने से बरसात के दिनों में शहर वासियों को जल जमाव की समस्या से जूझना पड़ता है. शहरवासियों को बरसात के दिनों में जलजमाव की समस्याओं से जूझना पड़े इसको लेकर बड़े पैमाने पर नालियों की साफ-सफाई शुरू की गई है. गुरुवार को बरबीघा के फैजाबाद, महुआतल, पुरानी शहर, बुल्लाचक आदि मोहल्ले के पास बड़े नालों के साथ-साथ छोटे नालियों की साफ सफाई की गई.

नालियों की साफ सफाई के दौरान भारी मात्रा में निकले प्लास्टिक का कार्यपालक पदाधिकारी ने चिंता जाहिर किया. उन्होंने बताया कि लोग अपने स्वार्थ बस घर का कूड़ा कचरा सुबह कचरा वाहन में ना फेंककर अपने आसपास मौजूद नालों में फेंक देते हैं. इससे ना केवल नारों से बदबू आती है बल्कि जाम की समस्या भी बनी रहती है. नाला के पानी जाम रहने से मच्छर जनित रोगों के फैलने का खतरा भी काफी बढ़ जाता है. जाम रहने के कारण मच्छरों को पनपने का मौका मिलता है. फिर यही मच्छर लोगों के लिए जानलेवा भी साबित होता है. उन्होंने शहरवासियों से अपील किया कि अपने घर का कूड़ा कचरा सुबह जब आपकी गली से गाड़ी गुजरे तो उसमें डालें. खासकर नाले और नालियों में प्लास्टिक का कचरा ना डालें. शहरवासियों की थोड़ी सी लापरवाही और आलस की वजह से लोगों को समस्याओं से जूझने के लिए मजबूर कर देता है.

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शेरपर के एक किसान पर पुदीना यादव ने किया अटैक, मिशन ओपी कर रही मामले की जांच

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Sheikhpura: बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के सामाचक मोहल्ला के पास बुधवार की देर संध्या खेत से घर लौट रहे एक किसान पर जानलेवा हमला किया गया. इस घटना में शेरपर गांव के किसान विपिन कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए. स्थानीय लोगों के बीच-बचाव के बाद घायल विपिन कुमार को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल बरबीघा में भर्ती कराया गया.

मामले को लेकर सामाचक मोहल्ला निवासी कमलेश यादव, पुदीना यादव, वीरेंद्र यादव आदि के विरुद्ध बरबीघा के मिशन ओपी थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. घटना के संबंध में विपिन कुमार ने बताया कि कुछ दिन पूर्व खेत में भैंस चले जाने को लेकर उक्त आरोपियों से बहस हो गई थी. इसी बात को लेकर बुधवार की संध्या जब विपिन कुमार खेत से काम निपटा कर वापस पैदल लौट रहे थे तभी घात लगाए लोगों ने उन पर जानलेवा हमला कर दिया. सबसे पहले वीरेंद्र यादव के द्वारा सिर के ऊपर लोहे की रॉड से हमला किया गया जिसके बाद वह गिर गए.

इसके बाद उनके ऊपर गोली भी चला दी गई लेकिन भागने के क्रम में गोली कनपटी के बगल से निकल गई. गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग भी उस तरफ दौड़े तब वहां से लोग फरार हो गए. मामला यहीं नहीं रुका घटना के बाद आरोपियों को समझाने गए शेरपर गाँव के कुछ अन्य ग्रामीणों को भी मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया. वही मामले को बढ़ता देख तुरंत बरबीघा के मिशन ओपी थाना पुलिस दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति पर किसी तरह नियंत्रण पाया. थाना प्रभारी नवीन कुमार सिंह ने बताया कि विपिन सिंह के आवेदन के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. जांच पड़ताल के बाद आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किया जाएगा. घटना के बाद सामाचक और शेरपर गांव के बीच तनाव का माहौल व्याप्त है.

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RPF की अच्छी पहल, सिरारी गुमटी के पास चलाया जागरूकता अभियान

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Sheikhpura: आपने अक्सर रेलवे गुमटी के पास ऐसी तस्वीर देखी होगी जब ट्रेन आने वाली होती है. रेलवे का फाटक लग जाता है लेकिन आने जाने कुछ लोग फाटक के नीचे से खुद को पार करने में बहादुरी समझते हैं.

इसको लेकर अक्सर रेलवे और सरकार जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को समझाते रहती है कि ऐसी गलती ना करें. अक्सर देखा गया है कि इसी हड़बड़ी के कारण कितने लोगों की अलग अलग मौके पर जान चली गई है.

आज सिरारी गुमटी के पास आरपीएफ के जवानों ने इसी बात को लेकर जागरूकता अभियान चलाया है. आरपीएफ की टीम ने स्थानीय लोगों को समझाया कि फाटक बंद होने के बाद आवागमन नहीं करें. क्योंकि ऐसा करके आप खुद खतरा तो मोल ले ही रहे हैं साथ ही साथ यदि आपको कुछ हो गया तो आपके परिवार को भी दुख देखना होगा.

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डीएम सावन कुमार ने दिया टास्क, जीविका समूह में ज्यादा से ज्यादा दीदीयों को जोड़िए

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Sheikhpura: डीएम सावन कुमार एवं डीडीसी अरूण कुमार झा की अध्यक्षता में समाहरणालय के मंथन सभागार में जीविका परियोजना के जिला स्तरीय समीक्षात्मक बैठक की गई. समूहों में ज्यादा से ज्यादा दीदीयों को जोड़ने हेतु बल दिया गया एवं टीम भावना से लक्ष्य के अनुरूप काम करने के लिए प्रेरित किया गया. डीएम ने कहा कि गांव में दीदीयों के द्वारा घर घर जाकर लोगों को टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक किया जाय. प्रखंड परियोजना प्रबंधक को निर्देश दिया गया है कि लक्ष्य के अनुरूप काम करें.

जिलान्तर्गत स्वयं सहायता समूहों की संख्या 6021 है एवं बचत खाता धारकों की संख्या 5621 है. जीविका दीदीयों को बैंक ऋण खाताधारी समूहों को प्रथम किस्त की राशि 5370 एवं द्वितीय किस्त की राशि 3537 एवं तृतीय किस्त की राशि 584 को दिया गया है. जिलान्तर्गत ग्राम संगठनों की सख्ंया 423 तथा खाद्य सुरक्षा निधि द्वारा अच्छादित ग्राम संगठनों की संख्या 377 एवं स्वास्थ्य सुरक्षा निधि द्वारा अच्छादित ग्राम संगठनों की संख्या 378 है तथा जीविका दीदीयों के द्वारा पोषण बगीचा से जुड़े परिवारों की संख्या 1800 से अधिक है. सभी प्रखंडों अंतर्गत जीविका दीदीयों का बीमा कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. डीएम द्वारा बताया गया कि पारिवारिक आहार विविधता अभियान में स्वास्थ्य विभाग आंगनबाड़ी से समन्वय स्थापित कर परिवार नियोजन, कुपोषण इत्यादि कार्यों को सही तरीके से काम करने का निर्देश दिया गया है.

जिला में नीरा उत्पादक समूहों की संख्या-06, पशुधन गतिविधि से जुड़े परिवारों की संख्या-6621, गैर-कृषि गतिविधि से जुड़े परिवारों की संख्या-8757 है. बैठक में उपस्थित जीविका परियाजना पदाधिकारी एवं प्रखंड परियोजना पदाधिकारी एवं जीविका से संबंधित आदि कर्मी थे

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मोस्ट ब्यूटीफुल एक्ट्रेस महिमा चौधरी को हुआ ब्रेस्ट कैंसर, उनकी दर्दभरी कहानी जानकर आंखों में आ जाएंगे आंसू

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Desk: बॉलीवुड से एक शॉकिंग खबर सामने आ रही है. बी टाउन की ब्यूटीफुल और टैलेंटेड एक्ट्रेस महिमा चौधरी ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही हैं. इस खबर ने फैंस को हैरान कर दिया है. ब्रेस्ट कैंसर पीड़ित महिमा चौधरी का पूरा लुक ही बदल गया है. एक्ट्रेस की तस्वीर देख उन्हें पहचान पाना भी मुश्किल हो रहा है. बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर अनुपम खेर ने महिमा चौधरी को ब्रेस्ट कैंसर होने की खबर फैंस संग साझा की है. अनुपम खेर ने महिमा चौधरी संग अपना एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि महिमा चौधरी ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ रही हैं. अनुपम खेर ने महिमा चौधरी हीरो बताया है.

कभी अपनी खूबसूरती और ग्लैमरस अंदाज से फैंस की धड़कनों को तेज करने वाली महिमा चौधरी का लुक ब्रेस्ट कैंसर के बाद पूरी तरह से बदल गया है. एक्ट्रेस को देखकर उन्हें पहचानना भी मुश्किल है. महिमा चौधरी को ब्रेस्ट कैंसर होने की खबर ने एक्ट्रेस के फैंस को उदास कर दिया है. फैंस एक्ट्रेस के जल्दी ठीक होने की दुआएं कर रहे हैं. महिमा चौधरी संग वीडियो शेयर करते हुए अनुपम खेर ने लिखा- मैंने एक महीने पहले महिमा को अपनी 525वीं फिल्म #TheSignature में एक अहम रोल प्ले करने के लिए US से कॉल किया था. लेकिन बातचीत के दौरान पता चला कि महिमा को ब्रेस्ट कैंसर है. वे चाहती थीं की मैं इस खबर को फैंस संग साझा करूं. महिमा का एटीट्यूड दुनियाभर की कई महिलाओं को हिम्मत देगा.

महिमा चौधरी ने अपनी दर्द भरी कहानी सुनाते हुए कहा कि जब अनुपम खेर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम करने के लिए कॉल किया तो उनका हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट चल रहा था. महिमा ने बताया कि उन्हें वेब सीरीज और फिल्में करने के लिए भी काफी कॉल्स आ रही हैं, लेकिन वो उन्हें हां नहीं कह सकीं, क्योंकि उनके सिर पर अभी हेयर नहीं हैं. उन्होंने ये भी बताया कि जब अनुपम खेर ने उन्हें अपनी फिल्म में काम करने का ऑफर दिया तो वो मना नहीं कर पाईं और उन्होंने उनसे रिक्वेस्ट की कि क्या वो उनकी फिल्म विग पहनकर कर सकती हैं. अपनी दर्द भरी कहानी को बयां करते हुए महिमा काफी इमोशनल होती दिख रही हैं. उनकी आंखों में आंसू आ जाते हैं. महिमा कहती हैं- मुझमें कैंसर के कोई लक्षण नहीं थे. मेरे रूटीन चेकअप में इसका पता चला है.

 

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