घर पर अकेली प्रेमिका से मिलने आए प्रेमी को गांव वालों ने पकड़ा छठ घाट पर ही करवा दिया दोनों की शादी

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Bihar:-बिहार में एक बार पकड़ौआ विवाह का एक मामला सामने आया है. इस बार यह मामला राज्य के सीतामढ़ी जिले से निकल कर आया है. दरअसल सीतामढ़ी जिले में छठ पूजा के दरमियान प्रेमिका से मिलने आए प्रेमि का गांव वालों ने पकड़ कर जबरन शादी करवा दिया. जानकारी के मुताबिक लड़की के परिवार वाले अर्थ

देने के लिए घाट पर गए हुए थे. इसी दरमियान लड़की ने अपने प्रेमी को मिलने के लिए घर पर बुला लिया. इस बात की भनक किसी तरह लड़की के घर वालों को लग गई और तत्काल घेरकर प्रेमी जोड़े को रंगेहाथ पकड़ लिया गया. इसके बाद गांव वालों की सहमति से लड़की के परिजनों की उपस्थिति में दोनों की शादी करवा दी गयी.यह मामला सीतामढ़ी जिला के बथनाहा थाना क्षेत्र के पंथपाकर गांव का है. जहां से 25 किलोमीटर दूर परिहार प्रखंड में रहने वाला युवक छठ पर्व के दौरान अपनी प्रेमिका से मिलने पहुंचा था. लड़की को घर पर अकेली

जान कर जैसे ही प्रेमी उसके घर में पहुंचता है गांव वाले दोनों को पकड़ लेते हैं. इसके बाद दोनों को छठ घाट पर ले जाया जाता है. प्रेमी जोड़े के अकेले में मिलने की बात पूरे गांव में आपकी तरफ फैल जाती है. इसके बात छठ घाट पर ही मौजूद पंडित जी के द्वारा दोनों की शादी करवा दी जाती है. सीतामढ़ी जिले में हो हुई शादी की यह घटना एक बार फिर से बिहार में पाकड़ुआ विवाह की कहानी बयां कर रही है.

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बरबीघा के ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ लोक आस्था का महापर्व छठ

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बरबीघा:- लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ सोमवार को सुबह में उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर जहां भारी भीड़ थी वहीं जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे.बरबीघा नगर क्षेत्र के मालती पोखर तेतारपुर और गांधी सरोवर छठ घाट पर ड्रोन कैमरे से घाटों की निगरानी की जा रही थी. प्रातः

कालीन अर्घ देने के लिए सुबह चार बजे के आसपास से ही लोग घाट पर पहुंचने लगे थे.घाटों पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था भी की गई थी.किसी भी अनहोनी की आशंका को देखते हुए घाट पर एंबुलेंस चिकित्सीय सुविधा के साथ-साथ डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी उपलब्ध रहे. गांधी सरोवर छठ घाट पर प्रातः प्रातः कालीन अर्घ देने के बाद कई व्रती महिलाएं वेहोश गई जिन का इलाज मौके पर मौजूद चिकित्सक डॉक्टर आनंद कुमार के द्वारा सफलतापूर्वक किया गया. भक्तों के भारी उत्साह को देखते हुए घाट को रंग-बिरंगे बल्बों से भी सजाया गया था.

घाट तक पहुंचने में लोगों को परेशानी ना हो इसके लिए रास्ते में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हुई थी.हालांकि पार्किंग की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सुबह और शाम में अर्घ्य देने के दौरान अफरातफरी की स्थिति मची रही. लोगों को घाट के गहराई में जाने से रोकने के लिए घाट के चारों तरफ बैरिकेडिंग भी की गई थी. व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम के साथ-साथ स्थानीय पूजा समिति द्वारा सुरक्षा को लेकर माइक के जरिए लगातार अनाउंसमेंट की

व्यवस्था भी की गई थी. दोनों ही घाटों पर प्रातः कालीन अर्थ समाप्त होने के बाद दोपहर बारह बजे तक मेले जैसा माहौल लगा रहा.जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की तत्परता की वजह से बरबीघा में भी शांतिपूर्वक छठ पूजा संपन्न हो गया

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गुजरात हादसे में अब तक 150 से अधिक लोगों की मौत..बीजेपी सांसद के 12 परिजन भी अकाल मौत के गाल में समाए

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Desk:-गुजरात में रविवार को मोरबी में केबल ब्रिज के टूटने के बाद से उसमें डूबने से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.ताजा जानकारी के अनुसार अब तक लगभग 150 लोग इस दुर्घटना में अपनी जान गवां चुके हैं. पहले इस घटना में 30 से ज्यादा लोगों की मौत की सूचना मिली थी लेकिन सोमवार तक ये आंकड़ा लगभग 150 के

आसपास पहुंच गया है.इस घटना में 141 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.जबकि 177 लोगों को अब तक बचाया गया है.हालांकि अनुमान लगाया जा रहा है कि मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है.रविवार का दिन होने के कारण लोग अपनी छुट्टी को एन्जॉय करने ब्रिज पर आए थे.घटना के वक्त 500 से ज्यादा लोग मौजूद थे.फिलहाल राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है.रेस्क्यू के लिए सेना, नेवी, एयरफोर्स एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, एसडीआरएफ की टीमें लगाई गई है. घटना के बाद से ही नदी के किनारे चीख-पुकार मची हुई है और चारों तरफ मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है.राजकोट से बीजेपी सांसद मोहनभाई कल्याणजी कुंदारिया के 12 रिश्तेदारों की भी इस हादसे में जान चली गई है.इस घटना को लेकर पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर कई अन्य बड़े नेताओं ने दुःख जताया है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक़ मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।

 

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विदेशों में भी गूंजा “उगा हो सुरुज देव भइले अरग के बेर”धूमधाम से मनाया बिहारियों ने छठ पूजा

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बिहार:- बिहार की माटी से दूर होने व अपनी दहलीज छोड़ने के बाद भी इनके संस्कार जिंदा हैं. माटी की महक को महसूस करने के साथ दुनिया में बिखरने की ख्वाहिश भी इनके दिलों में जवां है.बिहार ही नहीं दुनियाभर में ग्लोबल हो चुके छठ महापर्व के महात्म्य को लंदन में फैलाने की जोरदार तैयारी चल रही थी. लंदन में रह रहे बिहारी लोगों का समूह द्वारा यूके कनेक्ट के तहत धूमधाम

लंदन में भगवान भास्कर को अर्घ्य देते समाजवादी नेता शिव कुमार

से विदेश में भी लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा मनाया गया. वहीं, लंदन व आसपास में रह रहे बिहारियों को इस महापर्व में भागीदार बनाने की तैयारी पहले से भी हो रही है.पहली बार लंदन के सभी बिहारियों के घरों में छठ के प्रसाद पहुंचाए गए थे. संध्या अर्घ्य के दिन हजारों की संख्या में ठेकुआ बनाने का प्रबंध किया गया था. लंदन में रहने वाले राजीव सिंह, डॉ. बिरेंद्र राय, विजय राय एवं निशांत नवीन छठ को खास बनाने में जुटे थे. छठ व्रत में भले ही इनका परिवार सात समंदर पार ब्रिटेन में है,

लेकिन यहां से जाने के बाद भी वे अपनी परंपरा को संजोए हुए है. बिहारी कनेक्ट (यूके) के प्रेसिडेंट डॉ. उदेश्वर सिंह बताते हैं कि वे अपने बच्चों में भारतीय संस्कार व बिहार को जिंदा रखना चाहते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ी इसको अपने में बरकरार रखे. बिहारी कनेक्ट के ऋषिकांत बताते हैं कि छठ प्रकृति के प्रति समर्पण भाव को दर्शाता है.

इस वर्ष आयोजकों द्वारा सभी व्रतियों के लिए एक रिसॉर्ट में रहने का प्रबंध किया गया था. और जो श्रद्धालु इस पर्व को देखने आ रहे है उनके लिए आसपास के होटल बुक किये गए थे. पूजा की अधिकतम सामग्री भारत से मंगवाई गई थी.मिट्टी के चूल्हे और दीये बनवाए गए थे.
लंदन के अगल-बगल के गांव में भी लकड़ी जलाकर घर को गर्म रखा जाता है. इसलिए गांव में जाकर लकड़ी का जुगाड़ किया गया था.

वहीं, गांव से लंदन में मिट्टी के चूल्हे व दीये भी बनवाकर लाया गया था. बिहारी कनेक्ट के कैप्टन ओम प्रकाश, अजय कुमार व संदीप गुप्ता कहते हैं कि कोशिश है कि लंदन के लोग बिहार की सामूहिकता को छठ के जरिए देख व महसूस कर सकें. समाजवादी नेता शिव कुमार सिंह ने बताया कि लंदन में रहकर भी बिहार की कमी इस बार महसूस नहीं हुई. बिहार कनेक्ट के तहत सभी तरह के इंतजाम छठ व्रती महिलाओं के लिए किया गया था जो काफी सराहनीय पहल रहा.”

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छठ पूजा के दिन घाट के बगल में स्थित केले के खेत में गाड़ा हुआ मिला युवक का शव.. छह बहनों के सर पर से उठ गया इकलौते भाई का साया

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पूर्णिया:-बिहार राज्य के खगड़िया जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र के कुल्हड़िया पंचायत के सलारपुर गांव के केला के खेत से रविवार को पुलिस ने लापता युवक का शव बरामद किया है. युवक की लाश मिलने से इलाके में सनसनी मच गई. स्थानीय किसान के अनुसार रविवार को संध्या जब वे खेत में गए तो खेत के अंदर एक जगह कुत्ते मिट्टी नोच रहे थे. पास जाकर देखने पर दुर्गंध आने लगी जिस वजह से कुछ शक हुआ था. इसके बाद किसान ने जब कुदाल से मिट्टी हटाकर देखा तो युवक का लाश देखकर उसके होश उड़ गए. तुरंत इस बात की सूचना स्थानीय लोगों के साथ-

साथ पुलिस प्रशासन को दिया गया. देखते हैं देखते ही  यह खबर जंगल में आग की तरह पूरे बिहार में फैल गई.बताया जाता है कि युवक बीते 25 अक्टूबर से लापता था. बरामद शव कुल्हड़िया के मो मेकाइल के पुत्र मो बिट्टू का बताया जाता है.शव को हत्या करने के बाद गोगरी- नारायण तटबंध के समीप केला खेत में मिट्टी के अंदर छुपाया गया था.

घटना के बाद लापता युवक के परिजन भी वहां पहुंचे और लाश को देखकर उसकी पहचान करते हुए दहाड़ मार कर रोने लगे. परिजन भी मोहम्मद बिट्टू के हत्या किए जाने की बात लगातार बता रहे हैं. बाहर हाल पुलिस ने शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले का पूरी तरह से खुलासा हो पाएगा. परिजन ने बताया है कि बिट्टू बीते 25

अक्टूबर से लापता था और उनकी काफी खोजबीन की गई थी. लेकिन वो नहीं मिला. बताया जाता है बिट्टू 6 बहनों का एकलौता भाई था. घटना से मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

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छठ पूजा के दिन लुट गया एक साथ परिवार का तीन चिराग..नदी में डूबने से हुई तीनों की मौत

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Desk:-छठ जैसे पावन दिन में एक ही परिवार के तीन बच्चों की नदी में डूबने की मौत ने पूरे बिहार को हिला कर रख दिया. घटना बिहार राज्य के पूर्णिया जिले से निकलकर सामने आई है.खबर के मुताबिक रविवार की सुबह तीनों बच्चे पूर्णिया जिले के मदरसा चौक स्थित कोसी नदी धार में बनें घाट को देखने के लिए गए थे.

इसके बाद जब काफी देर होने के बाद भी बच्चे वापस घर
नहीं लौटे तो परिजनों ने उनकी खोज करनी शुरू कर दी.
खोज के सिलसिले में जब परिजन घाट पर पहुंचे तो उन्हें
घाट पर बच्चों की चप्पल पड़ी मिली.जिसके बाद उन्हें
आशंका हुई कि ऐसा तो नहीं कि बच्चे नदी में डूब गए हों,
इसके बाद जब गोताखोरों और स्थानीय लोगों ने नदी में
खोज की तो बच्चों के शव नदी में तैरते मिले.वहीं, घटना की सूचना पाकर मौके पर कसबा थानाध्यक्ष अमित

कुमार, अंचलाधिकारी मो० फहीमुद्दीन अंसारी घटना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने सारी जानकारी और साक्ष्य जुटाए. वहीं, मृतक बच्चों के परिजनों ने बच्चों शव के पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया है.मृतक बच्चों की पहचान नगर परिषद कसबा के वार्ड संख्या 13 के दोगच्छी गांव के अरविंद चौरसिया के पुत्र 14 वर्षीय बॉबी कुमार, मुकेश कुमार चौरसिया के 13 वर्षीय इकलौते पुत्र हिमांशु राज तथा तीसरे मृतक बच्चे की पहचान मधुबनी जिले के

गंगद्वार गांव के संजीव भगत के 11 वर्षीय पुत्र ऋतिक राज के रूप में हुई है.तीनो बच्चे फुफेरे और चचेरे
भाई थे. ऐसा माना जा रहा है कि तीनों बच्चे नदी में नहाने के लिए उतर गए होंगे और उनकी डूबने से मौत हो गई होगी.इस घटना के बाद पूरे इलाके में गम का माहौल पसर गया.

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हिंदुओं को प्रलोभन देकर ईसाई बनाए जाने का चल रहा बहुत बड़ा रैकेट..मेरठ में एक साथ 400 लोगों को बनाया गया ईसाई..तीन हुए गिरफ्तार

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Desk:-ईसाई धर्म के लोग धीरे-धीरे देश को खोखला करने में लगे हुए है. गरीब हिंदुओं को तरह-तरह के लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ऐसा ही मामला मेरठ से भी सामने आया है जहां 400 लोगों को हिंदुओं से ईसाई बनाने का मामला सामने आने के बाद लखनऊ, दिल्ली तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है.मजबूरी, बेबसी में फंसे और झुग्गी-झोपड़ी में रह रहे लोगों को एक साजिश के तहत तरह तरह का प्रलोभन देकर ईसाई बनाया गया है. हालांकि पुलिस ने इस मामले में 9 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. साथ ही 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.मामले के गर्माने के बाद अब बीजेपी नेता खुद झुग्गी-झोपड़ी में जाकर पूरी जानकारी जुटा रहें हैं, बड़े पैमाने पर हुए इस धर्म परिवर्तन ने खुफिया विभाग की भी नींद उड़ा डाली है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, मेरठ के मंगतपुरम इलाके में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 400 लोगों के हिंदुओ से ईसाई समाज मे कराए गए धर्म परिवर्तन ने मेरठ से लखनऊ तक हलचल मचा दी है.भोले-भाले लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाकर धर्म परिवर्तन की आंधी में धकेला गया और पैसों का लालच, रोटी और रोजगार का सपना दिखाया गया. भगवान राम की बजाय ईसा मसीह को दुनिया का भगवान बताया गया. मामले के गर्माने के बाद अब बीजेपी नेता खुद झुग्गी-झोपड़ी में जाकर पूरी जानकारी जुटा रहें हैं.

 

बीजेपी जिलामंत्री दीपक शर्मा झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बड़ी संख्या में लोगों को लेकर एसएसपी मेरठ रोहित सजवाण से मिले और आरोप लगाया कि 400 लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें ईसाई बना दिया गया.  मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस और एलआईयू भी मौके पर पहुंची और कुछ वीडियो और कुछ रजिस्टर भी कब्जे में लिए जिसमे धर्म परिवर्तन करने वाले लोगो के नाम मौजूद थे. साथ ही ईसा मसीह की प्रार्थना भी लिखी थी. पुलिस ने भी देर नहीं की और तीन महिलाओं समेत 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया. हालांकि 400 की संख्या में हिंदुओं को ईसाई बनाने के मामले पर पुलिस अधिकारी चुप हैं.

 

 

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छठ पूजा के बीच बहुत बुरी खबर आई सामने..पुल टूटने से 400 से अधिक लोग नदी में गिरे..कई की जान गई..राहत बचाव कार्य जारी

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Desk:-गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी में एक केबल पुल के टूटने की खबर आ रही है. बताया गया है कि जिस वक्त पुल टूटा उस वक्त करीब 400 लोग पुल पर ही थे.इसके टूटते ही लोग नदी में गिर गए. बताया गया है कि घटना में कई लोगों की जान गई है. पीएम मोदी ने भी घटना को लेकर अधिकारियों से तत्काल राहत-बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं.

पीएम मोदी ने घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया है.वहीं, घायलों को 50 हजार रुपये की मदद दी जाएगी. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा है कि वे इस घटना पर नजर रख रहे हैं. एंबुलेंस को तुरंत रवाना कर दिया गया है.उन्होंने कहा कि वे लगातार अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं.

गौरतलब है कि मोरबी में यह पुल हाल ही में जनता के लिए दोबारा खोला गया था. हालांकि, मरम्मत के बावजूद यहां इकट्ठा हुई भीड़ के वजन की वजह से पुल टूट गया. बताया गया है कि कुछ लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है. स्थानीय विधायक और राज्य मंत्री ब्रजेश मेरजा ने कहा कि प्रशासन पूरे मामले की निगरानी कर रहा है.

कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि जब पुल टूटा तो उन्होंने महिलाओं और बच्चों को इसकी केबल से लटकते भी देखा. फिलहाल को नदी में अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है.चारों ओर चीख-पुकार मचा हुई है.लोगों को नदी से निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी लगाया गया है. इस घटना में छठ पूजा की खुशियां पल भर में मातम में बदल गई है.पुल टूटने  के बाद चारों ओर चीख-पुकार मच गया था.

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सभी प्रकार के व्यवस्थाओं का जायजा लेने अर्घ्य के दौरान घाट पर पहुंचे डीएम सावन कुमार

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शेखपुरा:-डीएम सावन कुमार के द्वारा रविवार की शाम छठ पूजा के शुभ अवसर पर रतोइया छठ घाट का निरीक्षण किया गया एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा प्रतिनियुक्त पोलियो टीम के पास मौजूद वैक्सीन को लेकर स्वयं बच्चों को पोलियो की दवा पिलाया गया.डीएम ने वहां पर मौजूद विधि व्यवस्था का जायजा लिया.साथ ही

भगवान भास्कर से जिला वासियों के किये सुख समृद्धि की कामना किया. डीएम सावन कुमार व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ साथ घाट में उतरकर भगवान भास्कर को अर्घ्य भी दिया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोक आस्था का महापर्व छठ बिहार में काफी धूमधाम से मनाया जाता है. बिहार में मनाए जाने वाले त्योहारों के अपेक्षा छठ पर्व पर एक अलग ही छटा देखने को मिलती

है. उन्होंने विश्व के एकमात्र प्रत्यक्ष देव भगवान भास्कर से शेखपरा जिले वासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना करते हुए जिले को निरंतर प्रगति पथ पर ले जाने का कामना किया.

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समाज से लड़कर मा ने बेटी को बनाया था प्रोफ़ेसर मां को सम्मान देने के लिए बेटी ने शुरू किया मां के नाम पर छात्रवृत्ति योजना

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बरबीघा:-बरबीघा प्रखंड के तेऊस ग्राम के सूर्य मंदिर के प्रांगण में रविवार को प्रथम अर्घ्य के दिन कमला देवी सम्मान छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत की गयी.यह योजना कमला देवी के सम्मान में उनकी बेटी और परिवार ने ग्राम तेऊस के मध्य और उच्च विद्यालय की छात्राओं के लिए आरम्भ की है.इस अवसर पर कमला देवी की पुत्री

सेवानिवृत्त प्रोफ़ेसर पद्मजा सेन अपने पढ़ाई के दिनों को याद करते हुए बताया कि ने 1950 के दशक में लड़कियों आगे बढ़ने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता था.उन्होंने ख़ुद की पढ़ाई में आने वाली चुनौतियों के बारे में भी उपस्थित लड़कियों और लोगों से बताया. उन्होंने कहा कि उन दिनो लड़कियों के घर से बाहर निकलने पर
भी प्रतिबंध था.पढ़ने की बात तो बहुत दूर थी. पद्मजा सेन, ने  कहा कि उनकी खुद की पढ़ाई शायद हो ही नही पाती अगर उसमें उनकी माँ, श्रीमती कमला देवी, का समर्थन और सहयोग नही हुआ होता.कन्या शिक्षा के प्रति श्रीमती कमला देवी की इसी प्रतिबद्धता के सम्मान में इस छात्रवृत्ति की शुरुआत के गयी है. प्रोफ़ेसर सेन ने इस बात का दुःख व्यक्त किया की उनकी माँ अस्वस्थता के कारण इस कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकीं.श्रीमती कमला देवी सम्मान छात्रवृत्ति योजना के तहत वर्ग 6 से वर्ग 10 तक की प्रत्येक कक्षा में पढ़ रही एक छात्रा को प्रति माह पाँच सौ रुपए छात्रवृत्ति दी जाएगी. छात्राओं के बीच जो भी प्रथम स्थान प्राप्त करेगी उन्हें यह छात्रवृत्ति दी जाएगी. इस साल यह छात्रवृत्ति मौसम कुमारी, प्रिया कुमारी, शाइस्ता परवीन, काजल कुमारी एवं अनुराधा कुमारी को दी गयी. छात्रवृत्ति के आयोजनकर्ताओं ने यह उम्मीद व्यक्त

की कि आने वाले दिनों में तेऊस ग्राम वासियों के सहयोग से छात्राओं की शिक्षा में और प्रगति होगी.कार्यक्रम
में मुख्य रूप से पद्मराज समरेंद्र, सरिता कुमारी, शचिन्द्र कुमार सिंह, सत्यजित समरेंद्र मो० सलाहुद्दीन,
रंजन कुमार, अनिल कुमार, रूपेश कुमार, श्वेता कुमारी, पद्मनाभ समरेंद्र एवं तेऊस के अनेक गण-मान्य
व्यक्ति उपस्थित थे.

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