बरबीघा के बीडियो को स्थानांतरण के उपरांत दी गई विदाई..सभी पंचायत के मुखिया व कर्मचारी रहे उपस्थित..बरबीघा को लेकर कहीं बड़ी बात

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Barbigha:-लगभग 3 वर्षों तक बरबीघा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर आसीन रहे भरत कुमार सिंह को स्थानांतरण के बाद बुधवार को भावभीनी विदाई दी गई.बरबीघा प्रखंड कार्यालय के सभागार भवन में विदाई समारोह का आयोजन किया गया था.समारोह की अध्यक्षता मुखिया संघ के अध्यक्ष तथा केवटी पंचायत के मुखिया डॉ दीपक कुमार ने किया. इस समारोह में विभिन्न पंचायतों के मुखिया तथा अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ प्रखंड के तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे.

सभी ने बारी-बारी से फूल माला पहनाकर और उपहार देकर प्रखंड विकास पदाधिकारी को नई  पारी की शुभकामनाएं देते हुए बरबीघा से विदा किया. इस दौरान अपने संबोधन में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि बरबीघा में उनका कार्यकाल काफी शानदार रहा.यहां के लोग काफी बुद्धिजीवी और मिलनसार किस्म के हैं.लोगों के प्यार के बीच उनका तीन साल का कार्यकाल कैसे कट गया उन्हें पता ही नहीं चला.

प्रखंड कार्यालय में पदस्थापित तमाम करनी अपने कर्तव्यों के प्रति काफी सजग रहते हैं.तीन साल के कार्यकाल के दौरान उन्हें कभी भी किसी कर्मचारी को ऊंची आवाज में बुलाने की भी जरूरत नहीं पड़ी. बरबीघा के ग्रामीण इन्हीं शहरी क्षेत्रों में भी कई सारे चुनौतीप.र्ण कार्यों को करने का अवसर मिला. लेकिन यहां के लोगों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से हर चुनौतीपूर्ण कार्य सरलता से निपटता चला गया.

मैं बरबीघा के लोगों का जीवन भर आधार आभारी रहूंगा. मैंने इससे पहले भी कई सारे ब्लॉक में प्रखंड विकास पदाधिकारी का कार्यभार संभाला है.लेकिन यहां के लोगों से जो प्यार और सम्मान मिला वह मुझे जीवन में कहीं नहीं मिला. इस दौरान भावुक होते हुए उन्होंने अपने निजी जिंदगी के पहलुओं को भी लोगों के बीच साझा किया.डॉ दीपक कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी अपने सरल स्वभाव के कारण आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रहे. उनके अंदर कभी भी एक वरीय पदाधिकारी होने का अहम नहीं दिखा.

उम्मीद करता हूं कि बरबीघा में आए नए प्रखंड विकास पदधिकारी अमित कुमार इनके क्रियाकलापों से सीख लेकर जनता के हित में अच्छा कार्य करेंगे. मौके पर मुखिया प्रतिनिधि सुधीर कुमार,विनोद कुमार, शिवपूजन कुमार, रिकु महतो ,सुधीर प्रसाद,मुखिया हरेंद्र राउत, अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे.

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बस कंडक्टर को बेरहमी से पीटने वाला एक आरोपी पकड़ाया..हरिजन एक्ट के तहत दर्ज हुआ था मुकदमा

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Barbigha:-बरबीघा-मोकामा रोड में चलने वाले महारानी बस के कंडक्टर के साथ बेरहमी से मारपीट की घटना को अंजाम देने वाले एक आरोपी को मंगलवार की रात्रि पुलिस ने पकड़ कर जेल भेज दिया. पकड़े गए आरोपी की पहचान के केवटी गांव निवासी पप्पू सिंह के पुत्र मोती सिंह के रूप में किया गया है.बीते 29 मई को केवटी गांव के मोड़ पर हुई मारपीट घटना के बाद बस कंडक्टर बरबीघा प्रखंड के सामस खुर्द गांव निवासी राजेश रविदास ने स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराया था.

दरअसल कि घटना से कुछ दिन पूर्व 25 मई को कंडक्टर बरबीघा से बस(गाड़ी संख्या BR53A6098) लेकर मोकामा की तरफ जा रहा था. मोकामा रेलवे फाटक के पास पहुंचते ही एक टेंपो चालक सेवनार गांव निवासी राम झप्पू कुछ लोगों के साथ लाठी-डंडे से लैस होकर आया और कंडक्टर के साथ मारपीट किया था.टेंपो चालक जबरदस्ती बस को अपना गांव ले जाना चाह रहा था.उसी समय मोकामा थाना के पुलिस आ गई और टेंपो चालक को पकड़कर अपने साथ थाने ले कर चली गई थी.

दरअसल टेंपो चालक की कंडक्टर से गाड़ी पर यात्री बैठाने को लेकर कहासुनी हुई थी.इसी बात को लेकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया था.इधर उस घटना के बाद टेंपो चालक के ममेरे भाई तथा बरबीघा प्रखंड के केवटी गांव निवासी दो लोग मोती सिंह और सोनू सिंह ने कंडक्टर को पुनः पकड़कर जमकर मारपीट की घटना को अंजाम दिया था. इसी घटना को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी जिसमें मोती सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

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नहर के बीचो बीच कंपनी ने गाड़ दिए अनगिनत लोहे के खंभे..करंट प्रवाहित होने से कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

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Barbigha:-जिले के शेखोपुर सराय प्रखंड में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी क्षेत्र के हजारों किसानों की जिंदगियों से खेल रहा है. भविष्य में अगर थोड़ी बहुत भी लापरवाही हुई तो एक साथ कई किसान मौत के गाल में समा सकते हैं.दरअसल लगभग चार बर्ष पूर्व शेखोपुर सराय पावर ग्रिड के द्वारा बिजली सेवा का विस्तार करने हेतु लोहे से निर्मित बिजली के खंभे गाड़े गए थे.

इस दौरान लगभग तीन दर्जन से अधिक बिजली के खंभे को बाजितपुर से खुड़िया तक आने वाली नहर के बीचो-बीच गाड़ दिया गया है.इस संबंध में नहर बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष पेशे से वकील रंजीत कुमार ने बताया कि इन बिजली के अवैध रूप से गाड़े गए बिजली के खंभों को हटाने के लिए कई बार विभाग को पत्राचार किया गया है.

साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के तरफ से इन खंभों को हटाने के लिए कई बार आश्वासन भी दिया गया है.लेकिन लगभग चार वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी इन खंभों को हटाया नहीं गया है. उन्होंने कहा कि चुकी बरसात के दिनों में नहर से पानी गुजर कर खेतों तक पहुंचती है. नहर के बीचो-बीच गाड़ी गए बिजली के खंभों पर हाई वोल्टेज तार गुजरा हुआ है.

ऐसे में अगर कभी फाल्ट के माध्यम से पानी में करंट प्रवाहित होती है तो क्षेत्र के हजारों किसान इसकी चपेट में आ सकते हैं.भविष्य में होने वाली संभावित दुर्घटनाओं के लिए पूरी तरह से बिजली कंपनी ही जिम्मेदार होगी. उन्होंने इस मामले पर जिलाधिकारी के साथ-साथ बिजली विभाग के वरीय पदाधिकारियों से संज्ञान लेते हुए किसानों के हित में जल्द से जल्द कोई उचित कदम उठाने का आग्रह किया है. साथ ही उन्होंने बताया कि जरूरत पड़ी तो बे कोर्ट का दरवाजा भी इस संबंध में खटखटाएंगे.

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परिवार नियोजन के लिए महिलाओं को प्रेरित करेंगी जीविका दिदिया..जनसंख्या नियंत्रण को लेकर अपनाई जा रही उपाय

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Barbigha:-परिवार नियोजन अभियान को और सशक्त बनाने में अब जीविका दीदीया भी सहयोग करेंगी.जीविका समूह की दिदियो की कई समुदाय में पहुंच को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.समूह की कम्युनिटी मोबिलाइजर (सीएम) एवं कम्युनिटी न्यूट्रिशन रिसोर्स पर्सन (सीएनआरपी) परिवार नियोजन के साधनों की उपयोगिता का संदेश समुदाय से साझा करेंगे.साथ ही इन्हें इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित भी करेगी.

मंगलवार को इस विषय में बरबीघा रेफरल अस्पताल में परिवार नियोजन कार्यक्रम पर बैठक का आयोजन भी किया गया.बैठक में अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ फैसल अरशद के साथ-साथ जीविका समूह से जुड़ी विभिन्न पंचायतों की दिदिया, विभिन्न पंचायतों के मुखिया व जनप्रतिनिधि के साथ-साथ अन्य लोग उपस्थित हुए.बैठक में उपस्थित लोगों को डॉक्टर फैजल अरशद ने बताया कि जीविका दिदिया जिले भर में विभिन्न प्रकार की रोजगारपरक परियोजनाओं में पिछले कई वर्षों से बढ़-चढ़कर भूमिका निभा रही है.

जीविका से जुड़कर हजारों महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है तथा लगातार बेहतरी के लिए सफलतापूर्वक काम कर रही है.लेकिन अब जीविका दीदी महिलाओं को परिवार नियोजन के प्रति भी जागरूक करेंगी. अगर जीविका दीदी के कहने पर कोई महिला बंध्याकरण ऑपरेशन कराती है या कॉपर-टी या सुई लगवाति है तो उसके एवज में जिसका दीदी को प्रोत्साहन राशि भी दिए जाएंगे. पहले परिवार नियोजन में आशा और एएनएम ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी.लेकिन अब जीविका के इस भूमिका में आने के बाद परिवार नियोजन को काफी बढ़ावा मिलेगा.

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बिना उचित भुगतान के जमीन देने को तैयार नही हो रहे किसान..नारायणपुर मौजा में रेलवे द्वारा अधिकृत जमीन का मामला आपकी गरमाया

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Barbigha:-रेलवे द्वारा अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजे को लेकर पिछले कई बरसों से रेलवे, जिला प्रशासन और किसानों के बीच चला रहा मुद्दा एक बार फिर से गरमा उठा है.दो दिन पूर्व एक निजी सभागार में किसानों ने बैठक करके निर्णय लिया कि उचित मुआवजा दिए बगैर किसान जान तो दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे.दरअसल बरबीघा नगर क्षेत्र के नारायणपुर मौजा में शेखपुरा दनियावां रेल लाइन परियोजना के तहत रेलवे द्वारा जमीनों का अधिग्रहण किया गया है.

उक्त अधिग्रहित भूमि का उचित मुआवजा देने को लेकर किसान और रेलवे के बीच काफी दिनों से तनातनी चल रही है.मामले को सुलझाने के लिए अब तक जिला प्रशासन और किसानों के बीच कई बार बैठक हुई है.बीते शनिवार को भी इस संबंध में जिला प्रशासन ने आनन-फानन में किसानों को बुलाकर बैठक किया था. किसान रंजीत कुमार, रवि शंकर कुमार, भोला महतो सहित दर्जनों किसानों ने बताया कि डीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक एक बार फिर से बेनतीजा रहा.

साथ ही जिला प्रशासन पर किसानों धमकाने का भी आरोप लगाया गया है. किसानों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने कहा है कि आदेश मिलते ही इस बार बलपूर्वक जमीन की नापी की जाएगी.इसी बात को लेकर सोमवार को किसानों ने आपात बैठक करते हुए यह निर्णय लिया की किसान जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे.

हाईकोर्ट के आदेश पर मुंगेर के लारा कोर्ट में हो रही सुनवाई

दरअसल से शेखपुरा दनियावां रेल लाइन परियोजना में बरबीघा के नारायणपुर मौजा में सैकड़ों किसानों का जमीन गया हुआ है.रेट निर्धारण को लेकर किसान हाई कोर्ट तक लड़ाई लड़ चुके हैं.पूर्व में हाईकोर्ट ने 01.01. 2014 को अधिसूचना मानते हुए किसानों को उच्चतम रेट देने संबंधी फैसला किसानों के पक्ष में फैसला भी आ चुका है.इसके बावजूद रेलवे और किसानों के बीच मुआवजे को लेकर विवाद चल रहा है.वही हाईकोर्ट ने पुनः इस मामले को मुंगेर के लारा कोर्ट में सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है. सुनवाई से पहले रेलवे अधिग्रहित भूमि पर काम करना चाहती है.जबकि किसानों का कहना है कि कोर्ट में सुनवाई पूरी होने और मुआवजा मिलने के बाद ही काम करने दिया जाएगा.

मुआवजे को लेकर क्या है किसानों की मांग

दरअसल शेखपुरा दनियावां रेल लाइन परियोजना में नारायणपुर मौजा में अधिकृत किया गया भूमि को कृषि भूमि बताकर रेलवे ने मुआवजा तय किया है. उधर किसानों का कहना है कि अधिग्रहीत किया गया अधिकांश भूमि बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र में पड़ता है. नगर क्षेत्र में पढ़ने वाली भूमि कृषि नहीं आवासीय भूमि होती है.किसानों ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए जिला भू-अर्जन पदाधिकारी वर्ष 2011 के अधिसूचना को आधार मानते हुए किसानों को मुआवजा देना चाहते हैं. किसानों ने बताया कि वर्ष 2011 के हिसाब से बेहद कम मुआवजा किसानों को मिलेगा. इसलिए किसान उचित मुआवजे की मांग पर अड़े हुए हैं.अब देखना है कि शेखपुरा की जिलाधिकारी जे प्रियदर्शीनी किसानों के साथ इस मुद्दे को कैसे सुलझाती है

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प्रदर्शनकारी आशा कार्यकर्ताओं की मरीजों के साथ हुई झड़प..मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी

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Barbigha:- विभिन्न मांगों को लेकर पिछले पांच दिनों से हड़ताल पर डटी आशा कार्यकर्ताओं का मंगलवार को मरीजों के साथ झड़प हो गया. दरअसल मंगलवार को भी आशा कार्यकर्ता प्रदर्शन करने के लिए अस्पताल पहुंची थी.वेलोग रेफरल अस्पताल बरबीघा के मुख्य दरवाजे पर प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी. इस दौरान अस्पताल के अंदर और बाहर आने जाने वाले लोगों को पूरी तरह से रोक दिया गया.

यहां तक कि मरीजों को भी अस्पताल में प्रवेश करने नहीं दिया गया.प्रदर्शन के समय बरबीघा के अंचलाधिकारी भुनेश्वर यादव भी अपने परिजन को लेकर इलाज करवाने अस्पताल पहुंचे थे.लेकिन आशा कार्यकर्ताओं की जिद के आगे उन्हें भी बैरंग वापस लौटना पड़ गया.करीब दो घंटे तक लगातार प्रदर्शन करने की वजह से अस्पताल के बाहर सड़क पर मरीजों भीड़ जमा हो गई. कई लोग छोटे-छोटे बच्चे को गोद में लेकर आशा कार्यकर्ताओं से अस्पताल में प्रवेश करने की आरजू विनती करते रहे.

लेकिन आशा कार्यकर्ताओं ने एक भी मरीज को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया.इसके बाद मरीजों के सब्र का बांध भी टूट गया और आशा कार्यकर्ताओं से धक्का-मुक्की करने लगे. इस दौरान आशा कार्यकर्ता और अंग्रेजों के बीच झड़प भी हो गई. मरीजों ने कई आशा कार्यकर्ताओं को धक्का देकर जमीन पर गिराते हुए अस्पताल में प्रवेश कर गए.वही इस मामले पर अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर फैजल अरशद ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं का यह प्रदर्शन बिल्कुल आमानवीय है.

मांगों को उचित प्रदर्शन के माध्यम से भी सरकार के समक्ष उठाए जा सकती है.हालांकि प्रभारी द्वारा मामले की जानकारी देने पर राज्य स्वास्थ्य कर्मी संघ के जिला मंत्री अनिल कुमार के आदेश पर आशा कार्यकर्ता पीछे हट गई. गौरतलब हो कि प्रोत्साहन राशि के बदले ₹18000 प्रति माह वेतन देने,कोरोना काल के दौरान किए गए कार्यों का प्रोत्साहन राशि देने सहित अन्य मांगों को लेकर राज्य भर में आशा कार्यकर्ता हड़ताल पर हैं

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जिला में बाल विवाह और बाल मजदूरी कराने वालों की अब खैर नहीं..गांव-गांव चल रहा जागरूकता अभियान हो रही कार्रवाई

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बरबीघा:-नगर परिषद बरबीघा क्षेत्र के प्लस टू उच्च विद्यालय बरबीघा में बाल अधिकारों को लेकर विद्यार्थियों को जागरूक किया गया.यह जागरूकता अभियान कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के सौजन्य से स्थानीय एनिमल एंड ह्यूमन डेवलपमेंट सोशल वेलफेयर सोसाइटी के द्वारा चलाया गया. विद्यालय के प्रधानाध्यापक संजय कुमार की अध्यक्षता में विद्यार्थियों को बाल विवाह, बाल श्रम, बाल यौन शोषण और मानव तस्करी के बारे में जागरूक किया गया.

साथ ही विद्यार्थियों को इस सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध लोगों के बीच जागरूकता फैलाने की शपथ भी दिलाई गई.उपस्थित सभी छात्र छात्राओं को बाल विवाह नहीं करने के लिए शपथ भी दिलाया गया.मौके पर विद्यालय के शिक्षक राजीव कुमार, प्रभाकर त्रिवेदी,आचार्य गोपाल सहित अन्य शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित रही.

गौरतलब हो कि इन सभी सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध एनिमल एंड वुमन डेवलपमेंट सोशल वेलफेयर सोसाइटी के द्वारा कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के तत्वाधान में पिछले दो महीनों से ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.इस अभियान में जिला प्रशासन का भी काफी सहयोग मिल रहा है. संस्था के सचिव डॉ विनोद कुमार ने बताया कि बाल श्रम, बाल तस्करी, बाल विवाह और बाल यौन शोषण के खिलाफ कैलाश सत्यार्थी फाऊंडेशन ने देश भर में अभियान से रखा है.

शेखपुरा को भी वर्ष 2024 तक बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों से दस-दस चिन्हित गांव को गोद लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद से इस अभियान को पूरा किया जाएगा. इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन जिला विधिक सेवा प्राधिकार जिला बाल संरक्षण इकाई जिला श्रम अधीक्षक काफी महत्वपूर्ण सहयोग मिल रहा है

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रेफरल अस्पताल बरबीघा में जीविका दीदी के साथ प्रभारी ने किया बैठक.. परिवार नियोजन में भी निभाएंगे महत्वपूर्ण भूमिका

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बरबीघा:-परिवार नियोजन अभियान को और सशक्त बनाने में अब जीविका दीदीया भी सहयोग करेंगी.जीविका समूह की दिदियो की कई समुदाय में पहुंच को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.समूह की कम्युनिटी मोबिलाइजर (सीएम) एवं कम्युनिटी न्यूट्रिशन रिसोर्स पर्सन (सीएनआरपी) परिवार नियोजन के साधनों की उपयोगिता का संदेश समुदाय से साझा करेंगे.

साथ ही इन्हें इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित भी करेगी.मंगलवार को इस विषय में बरबीघा रेफरल अस्पताल में परिवार नियोजन कार्यक्रम पर बैठक का आयोजन भी किया गया.बैठक में अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ फैसल अरशद के साथ-साथ जीविका समूह से जुड़ी विभिन्न पंचायतों की दिदिया, विभिन्न पंचायतों के मुखिया व जनप्रतिनिधि के साथ-साथ अन्य लोग उपस्थित हुए.

बैठक में उपस्थित लोगों को डॉक्टर फैजल अरशद ने बताया कि जीविका दिदिया जिले भर में विभिन्न प्रकार की रोजगारपरक परियोजनाओं में पिछले कई वर्षों से बढ़-चढ़कर भूमिका निभा रही है.जीविका से जुड़कर हजारों महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है तथा लगातार बेहतरी के लिए सफलतापूर्वक काम कर रही है.लेकिन अब जीविका दीदी महिलाओं को परिवार नियोजन के प्रति भी जागरूक करेंगी.

अगर जीविका दीदी के कहने पर कोई महिला बंध्याकरण ऑपरेशन कराती है या कॉपर-टी या सुई लगवाति है तो उसके एवज में जिसका दीदी को प्रोत्साहन राशि भी दिए जाएंगे. पहले परिवार नियोजन में आशा और एएनएम ही महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी.लेकिन अब जीविका के इस भूमिका में आने के बाद परिवार नियोजन को काफी बढ़ावा मिलेगा.

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बच्चों से शौचालय साफ करवाने का आरोप लगा अभिभावकों ने विद्यालय में किया जमकर हंगामा

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Barbigha:-एक तरफ शिक्षा विभाग के अवर सचिव केके पाठक बिहार में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहे हैं.वही दूसरी तरफ कुछ विद्यालय के शिक्षक ऐसी घिनौनी हरकत कर देते हैं कि शिक्षा जगत शर्मसार हो उठता है. शिक्षा जगत को शर्मसार करने वाला एक ऐसा ही मामला बरबीघा प्रखंड के मध्य विद्यालय तोयगढ़ से सामने आया है.

जहां छोटे-छोटे बच्चों से विद्यालय का शौचालय साफ करवाने को लेकर अभिभावकों द्वारा शुक्रवार को विद्यालय में जमकर हंगामा किया गया.मामले का खुलासा तब हुआ जब विद्यालय के प्राचार्य रामोतार प्रसाद ने शौचालय साफ नहीं करने पर दो बच्चों को विद्यालय से भगा दिया था.घर पहुंच कर बच्चों ने अपने माता-पिता से इस संबंध में सारी बात बताई.इसके बाद यह खबर गांव में आग की तरह फैल गई.देखते ही देखते लगभग दो दर्जन से अधिक बच्चों के माता-पिता विद्यालय पहुंच कर हंगामा करने लगे.इस संबंध में विद्यालय के पढ़ने वाले छात्र कन्हैया कुमार,छोटू कुमार,अभिषेक कुमार,किट्टू कुमार, सत्यम कुमार, अंकुश कुमार,कल्लू कुमार इत्यादि ने बताया कि विद्यालय के प्राचार्य रामोतार प्रसाद विद्यालय के शौचालय प्रतिदिन किसी न किसी बच्चे को साफ करवाते हैं.

शौचालय नहीं साफ करने पर बच्चों की पिटाई भी की जाती है. यही नहीं कुछ बच्चों को विद्यालय से भगा भी दिया जाता है.बच्चों ने आगे बताया कि मध्यान भोजन बनवाने के लिए बच्चों को बाहर से लकड़ी का जलावन लाने के लिए भी प्राचार्य द्वारा दबाव बनाया जाता है. यही नहीं बच्चों को हाथ साफ करने के लिए घर से साबुन भी खुद लाने के लिए कहा जाता है. बच्चों को राजगीर परिभ्रमण के लिए जो पैसा आया था वह भी प्राचार्य खा गए हैं.वही मामले को लेकर बच्चों के माता-पिता ने बताया कि इस संबंध में कई बार प्राचार्य से शिकायत की गई.

लेकिन अपनी गलतियों को रोकने की बजाय प्राचार्य हर बार बच्चों के माता-पिता से ही उलझ पड़ते हैं.हंगामे की बात सुनकर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की जिला इकाई की टीम भी विद्यालय पहुंची.मामले को गंभीरता से लेते हुए फाउंडेशन के डायरेक्टर ने बताया कि विद्यालय में बच्चों से शौचालय साफ करवाना काफी घृणित मामला है.इस मामले को लेकर हमारी संस्था भी जिलाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी और श्रम पदाधिकारी से पत्राचार कर उचित कार्यवाई की मांग करेगी.उधर ग्रामीणों ने बताया कि मामले को लेकर शनिवार को बच्चों के साथ जिलाधिकारी से भी मिला जाएगा.

वहीं पूरे मामले पर प्राचार्य रामोतार प्रसाद ने बताया कि उनके ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है.बच्चों को शौचालय जाने के बाद सिर्फ शौचालय में पानी देने के लिए कहा जाता है. हालांकि बच्चों से जलावन मंगवाने की बात स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल में स्थित दाई के द्वारा यह कार्य किया जाता है. वहीं उन्होंने बताया कि बच्चों को राजगीर परिभ्रमण के लिए जो पैसा आया था वह भी भी रखा हुआ है. व्यस्तता के कारण बच्चों को परिभ्रमण नहीं कराया गया है

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भादौस गांव में अपराध की योजना बना रहे दो अपराधियों के मंसूबों पर पुलिस ने फेरा पानी देसी कट्टा और चार गोली किया बरामद

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Sheikhpura:-जिला के कोरमा थाना क्षेत्र अंतर्गत भादौस गांव में अपराध की योजना बना रहे दो लोगों के मंसूबों पर कोरमा थानाध्यक्ष नीतीश कुमार ने पानी फेर दिया. मौके से पुलिस ने एक देसी कट्टा और 4 गोली बरामद किया वही पुलिस को चकमा देकर दो अपराधी भागने में सफल रहे.मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने बयान जारी करते हुए बताया कि बुधबार की संध्या पांच बजे कोरमा थाना की पुलिस द्वारा अवैध शराब निर्माण,भंडारण, विक्री करने वालों के विरूद्ध छापेमारी की जा रही थी.

उसी दौरान गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम भदौसी में कुछ देर पहले शंकर राम पिता वासुदेव राम एवं पंकज राम पिता गीता राम दोनों
किसी अप्रिय घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे.सूचना मिली कि शंकर राम के घर पर बैठा है तथा तुरन्त जाने पर पकड़ा जायेगा.उक्त प्राप्त सूचना के सत्यापन तथा आवश्यक कार्रवाई की दिशा में कोरमा थाना की छापेमारी दल के द्वारा तत्काल स्थानीय चौकिदार को साथ लेकर ग्राम भदौसी स्थित शंकर राम के घर पर छापेमारी की गयी.

छापेमारी के दौरान पाया गया कि एक व्यक्ति देशी कट्टा को साफ कर रहा था जबकि दूसरा व्यक्ति अपने हांथ में गोली रखे हुये था. पुलिस पर नजर पड़ते ही दोनों व्यक्ति अपने हांथ में लिये देशी कट्टा तथा गोली को फेंक कर भागने लगे. जिसका पीछा पुलिस बल के द्वारा किया गया, लेकिन घनी आवादी होने के कारण दोनों व्यक्ति भागने में सफल हो गये.

विधिवत तलाशी के कम वहाँ पर से 01देशी कट्टा तथा 04 गोली बरामद हुआ है.इस संदर्भ में शंकर राम पिता वासुदेव राम एवं पंकज राम पिता गीता राम दोनों के विरूद्ध कोरमा थाना काण्ड सं०–97/23 दर्ज करते हुये अनुसंधान की कार्रवाई प्रारम्भ की गयी है. पुलिस जल्द ही अपराधियों को पकड़ने का काम करेगी.

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