अश्लील, बहुत अश्लील निकले मुखिया जी, बार बाला को पहले बुलाया फिर गोद में बिठाया और कहा पायजामा का नाड़ा…

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Desk: औरंगाबाद में कुछ दिन पहले उद्योग विभाग के द्वारा मंत्री जी के स्वागत में बार बालाओं का डांस कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिस पर काफी बवाल हुआ था. अब एक बार फिर से एक बार बालाओं के एक कार्यक्रम का वीडियो सामने आया है. अंतर इतना है कि इस बार वीडियो में बार बालाओं के साथ मुखिया जी इश्क फरमा रहे हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे वह बार डांसर को न सिर्फ अपनी गोद में बैठाते हैं, बल्कि सबके सामने डांसर से अपने पायजामे का नाड़ा भी खुलवा रहे हैं.

बताया जा रहा है कि औरंगाबाद के गोह थाना अंतर्गत जैतपुर पंचायत के महुआड़ गाँव मे छठ पूजा को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जहाँ जैतपुर पंचायत के मुखिया चोकी विगहा ग्राम निवासी सत्येंद्र पासवान भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे जहां  बार बालाओं का डांस चल रहा था और मुखिया जी डांस देखकर इतना भाव विभोर हो गए की मुखिया जी को अपनी पद की गरिमा याद ही नहीं रही और बार बालाओं को गोद में बिठाकर उससे इश्क लड़ाते दिखे. इतना ही नहीं बार बाला ने मुखिया के जेब से पैसे निकालने लगी और मुखिया जी भी उसके साथ ठिठोली करते रहे.

हद तब हो गई जब बार बाला ने मुखिया जी के पैजामे का बंद ही खोल दिया और इसके बाद भी मुखिया जी महफिल मे पूरी मस्ती से बार बालाओं के साथ इश्क लड़ते रहे और वहाँ पर उपस्थित किसी शख्स ने वीडियो बनाता रहा. आज यह वीडियो सोशल मीडिया बहुत तेजी से वायरल हो रहा है.

हालांकि इस वारयल वीडियो की पुष्टि शेखपुरा लाइव नहीं करता कि यह वीडियो कब की है. लेकिन  वायरल वीडियो देखकर मुखिया जी के विकास कार्यों की चर्चा तो इन दिनों  सरेआम है और लोग पूरी मस्ती से कह रहे है कि नचनिया ने खोल दिया मुखिया जी का नाड़ा…

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20 दिन पुरानी आशिकी के लिए गोद ली हुई बेटी ने रची खौफनाक साजिश, तेज धार हथियार से डबल मर्डर

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Desk: धन, दौलत और जायदाद की खातिर कई लोग ऐसे ऐसे गुनाह करते हैं कि उसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाता है. ऐसा ही एक मामला कुछ महीने पहले यूपी के कानपुर से सामने आया था. जहां एक बुजुर्ग दंपति को बेरहमी के साथ कत्ल किया गया था. पुलिस कातिल की तलाश में जुटी थी. मगर कातिल हाथ नहीं आ रहा था. मगर जब इस का खुलासा हुआ तो पुलिस के साथ-साथ पूरा यूपी हैरान रह गया था. क्योंकि कातिल कोई और नहीं बल्कि बुजुर्ग दंपति की बेटी थी. जिसने अपने आशिक से इस वारदात को अंजाम दिलाया था. और उन दोनों की आशिकी महज 20 दिन पुरानी थी. वो सुबह का वक्त था, जब कानपुर के बर्रा इलाके से निकली डबल मर्डर की वारदात ने हर किसी को सकते में डाल दिया था. सुबह-सुबह एक घर में रहनेवाली बुजुर्ग दंपति की कातिलों ने गला काट कर जान ले ली थी. लेकिन ये वारदात जितनी भयानक थी, तो इसके पीछे छुपी साजिश की कहानी भी उतनी ही खौफनाक. जिसने लोगों को हैरान कर दिया था. इससे पहले कि कत्ल की ये पूरी कहानी हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बताएं, आइए पहले इस वारदात के पीछे की साजिश को समझने की कोशिश करते हैं. रिटायर्ड ऑर्डिनेंस कर्मी मुन्नालाल और उनकी बीवी राजदेवी अपनी बेटी कोमल और बेटे अनूप के साथ बर्रा की ईडब्ल्यूएस कॉलोनी में रहते थे. बेटी की शादी की तैयारी चल रही थी, जबकि बेटे का अपनी पत्नी से विवाद था और बहू शादी के फौरन बाद ही घर छोड़ कर जा चुकी थी. इसी बीच 5 जुलाई की सुबह बुजुर्ग दंपति अपने-अपने बिस्तर पर मरे हुए पाए गए थे. किसी ने तेजधार हथियार से दोनों का गला काट दिया था.

पुलिस ने इस सनसनीखेज वारदात की छानबीन के दौरान मौका-ए-वारदात के आस-पास लगे तमाम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला. जिसमें मोहल्ले के ही रहने वाले रोहित नाम के एक लड़के की तस्वीरें नज़र आई, जो देर रात संदिग्ध तरीके से मौका-ए-वारदात की तरफ जाता हुआ दिखाई दे रहा था. इसी बिनाह पर पुलिस ने रोहित को गिरफ्तार कर लिया. जब पुलिस ने रोहित से सख्ती के साथ पूछताछ की तो आरोपी टूट गया और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. लेकिन इसके आगे की कहानी इससे भी ज़्यादा हैरान करनेवाली थी. असल में रोहित मरने वाली दंपति की बेटी कोमल का दूसरा ब्वॉयफेंड था, कोमल का पहला ब्वॉयफेंड तो रोहित का सगा भाई राहुल था, जो एक फ़ौजी है, उसकी तैनाती मुंबई में थी. फौजी राहुल ने ही वारदात से 20 दिन पहले अपने भाई रोहित की कोमल से फोन पर कॉन्फ्रेंस कॉल के लिए जरिए बात करवाई थी. लेकिन ये एक कॉन्फ्रेंस कॉल एक भाई के लिए जिंदगी का सबसे बड़ा धोखा साबित हुई. रोहित अब अपने भाई राहुल की गर्लफेंड से ही चुपचाप बात करने लगा और दोनों एक दूसरे करीब आने लगे, जबकि मुंबई में बैठे पहले ब्वॉयफेंड राहुल को इस बात की भनक तक नहीं थी.

दोनों भाईयों से संबंध रखने वाली कोमल अपने मां-बाप से नाराज़ रहती थी. असल में वो रोहित या राहुल में से किसी एक से शादी करना चाहती थी और घरवाले इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थे. ऊपर से कोमल के भाई का तलाक का केस चल रहा था और कोमल को डर था कि कहीं भाई के तलाक के केस में मां-बाप की प्रॉपर्टी हाथ से ना निकल जाए. इसलिए उसने एक तीर से दो शिकार करने का फैसला किया. उसने अपने मां-बाप के साथ-साथ अपने भाई की भी क़त्ल की साज़िश रची और इस साज़िश में उसके पहले ब्वॉयफ्रेंड राहुल के साथ-साथ ब्वॉयफ्रेंड का भाई और कोमल का दूसरा ब्वॉयफ्रेंड रोहित भी शामिल हो गया. 5 जुलाई की रात को दूसरे ब्वॉयफ्रेंड रोहित ने कोमल के साथ मिलकर बुजुर्ग दंपत्ति का कत्ल तो कर दिया, लेकिन खुशकिस्मती से कोमल के भाई की जिंदगी बच गई. दोहरे कत्ल के बाद से ही कानपुर पुलिस हरकत में आ चुकी थी. पुलिस इस मामले की साज़िश का पता लगाने में जुट गई थी. इस परिवार के चार में से दो लोगों का तो कत्ल हो चुका था, बाकी बचे थे दो लोग. यानी बुजुर्ग दंपति की बेटी कोमल और बेटा अनूप. बहरहाल, वक्त गुजरा और बुजुर्ग दंपत्ति के बच्चों से पुलिस ने पूछताछ शुरू की. वारदात को लेकर घर के बेटे अनूप ने बताया कि आधी रात को उसके मां-बाप की हत्या कातिलों ने चापड़ से गला काट कर की और उसे कुछ पता ही नहीं चला, क्योंकि वो फर्स्ट फ्लोर पर बने कमरे में सो रहा था, जबकि नीचे उसके मम्मी-पापा और उसकी बहन सो रही थी. पापा बाहरवाले कमरे में थे, जबकि मम्मी और बहन अंदर वाले कमरे में साथ सोई थी. सुबह-सुबह उसकी बहन ने ही उसे ऊपर जाकर नींद से जगाया और बताया कि किसी ने उनके मम्मी-पापा का कत्ल कर दिया है.

हालांकि इस बयान के साथ-साथ बेटे ने एक और गौर करनेवाली बात कही, वो ये कि बीती रात को उसे चक्कर सा आ रहा था और उसे शक है कि किसी ने उनके खाने में कुछ मिला दिया था. मगर, हैरानी की बात ये थी कि तब तक उनके घर में बाहर से कोई आया भी नहीं था. बेटे के इस बयान से दो सवाल खड़े हो रहे थे. पहला तो ये कि जब क़त्ल से पहले घर में बाहर से कोई आया नहीं था, तो फिर उनके खाने में कोई नशीली चीज़ किसने मिलाई? और दूसरा ये कि जब बहन मां के साथ ही सो रही थी, तो फिर उसे अपनी मां पर हुए हमले का पता क्यों नहीं चला? वाकई, ये मामला बड़ा ही अजीब था. अब पुलिस ने इस घर की बेटी से पूछताछ शुरू की. कोमल ने भी तकरीबन वही कहानी सुनाई, जो उसका भाई सुना रहा था. यानी कातिल आधी रात घर में घुस कर मम्मी पापा की जान लेकर चले गए और जब तक उसकी नींद खुली कातिल घर से निकल चुके थे. हालांकि उसने एक नई बात ज़रूर कही थी कि उसने तीन नकाबपोश कातिलों को घर से भागते हुए देखा था और इनमें उसके भाई अनूप का छोटा वाला साला मयंक गुप्ता भी शामिल था. अब पुलिस ने एक बार फिर घर के बेटे अनूप से बात करने का फैसला किया. असल में अनूप का अपनी पत्नी के साथ तलाक का केस चल रहा था और उसकी पत्नी इन दिनों अलग रहती थी. मुआवजे के तौर पर पत्नी और उसके घरवालों ने अनूप और उसके घरवालों से 50 लाख रुपये की मांग भी रखी थी. ऐसे में अनूप जो कहानी सुना रहा था, उसके मुताबिक उसके मां-बाप का कत्ल उसके सालों ने ही किया था. यानी इस डबल मर्डर का पहला शक अनूप के सालों और ससुरालवालों पर भी था. साथ में अनूप पड़ोस के ही एक दुकानदार पर भी शक जता रहा था. और पुलिस ने इन्हीं इल्ज़ामों के मुताबिक अनूप के ससुरालवालों से पूछताछ भी शुरू कर दी थी. ज़ाहिर है शक अनूप के एक साले समेत तीन नकाबपोश कातिलों पर था, जो आधी रात चुपके से घर में घुस आए थे, ऐसे में पुलिस ने गली में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने का फैसला किया. लेकिन फुटेज में कुछ अलग ही कहानी नजर आ रही थी. फुटेज में तीन नकाबपोश कातिलों की जगह सिर्फ एक ही नकाबपोश शख्स खाली हाथ पैदल ही उनके घर की तरफ आता दिख रहा था और करीब 1 घंटे के बाद वो पैदल ही वापस जाता भी दिखाई दिया. लेकिन वापसी में उसके साथ में एक बैग ज़रूर मौजूद था. ज़ाहिर है जब तीन नकाबपोश कातिल की जगह यही इकलौता शख्स कैमरे में कैद हुआ था, तो शक इसी शख्स पर होना लाज़िमी था.

इस पूरे मामले में तीन ऐसी बातें थीं, जो शक पैदा कर रही थीं. पहली बात ये कि कातिलों ने घर में घुस कर हत्या की, लेकिन घर में किसी को इस बात का पता नहीं चला. ख़ास कर बेटी को जो खुद मां के साथ एक ही बिस्तर पर सो रही थी. दूसरी, बेटी ने बताया कि उसने तीन नकाबपोश कातिलों को भागते हुए देखा था, तो फिर सवाल ये था कि उसने शोर क्यों नहीं मचाया? और तीसरी बात ये कि कातिल घर में इतने आराम से कैसे दाखिल हो गए? जबकि आम तौर पर रात को लोग दरवाज़ा बंद करके सोते हैं. ये तीन अहम बातें घर की बेटी कोमल को शक के दायरे में ला रही थी. अब जब पुलिस ने उससे गहन पूछताछ की, तो वो सवालों का जवाब देने में लड़खड़ाने लगी. खास कर घर का दरवाज़ा खुला होने, कातिलों को देखने के बावजूद उसके चुप रह जाने, दो-दो क़त्ल के बावजूद खुद के बेख़बर होने का उसके पास कोई जवाब नहीं था. उसके दोनों हाथों पर चोट के निशान भी थे. ऐसे में जब पुलिस ने उससे सख्ती की तो आख़िरकार उसने मान लिया कि उसी ने अपने आशिक रोहित के साथ मिलकर अपने मां-बाप की आधी रात घर में हत्या की है. पूछताछ में कोमल ने बताया कि उसने रोहित के साथ मिलकर इस कत्ल की प्लानिंग की थी. यहां तक कि वो मां-बाप के अलावा अपने भाई अनूप को भी मारना चाहती थी. कुछ इसी इरादे ने उसने बीती रात मां-बाप के साथ-साथ भाई को भी जूस में जहर मिलाकर दिया था, लेकिन भाई ने जूस पूरा नहीं पीया. जबकि उसके मां-बाप जूस पीकर सो गए थे. कत्ल के दौरान भी आधी रात उसने ऊपर जाकर अपने भाई अनूप को जगाने की कोशिश की थी, ताकि प्रेमी के हाथों उसका भी गला कटवा दिया जाए, लेकिन गहरी नींद में सो रहे अनूप ने पहली बार में दरवाज़ा नहीं खोला और तब मां-बाप की जान लेकर ही आशिक रोहित फरार हो गया और प्लान बी के मुताबिक कोमल ने अपने भाई को जगा कर मां-बाप के क़त्ल का ड्रामा शुरू कर दिया. अब पुलिस का शिकंजा घर की बेटी कोमल पर पूरी तरह से कस चुका था. उससे गहराई से पूछताछ की जा रही थी. छानबीन में पुलिस को पता चला कि कोमल को अब से कोई 24 साल पहले मुन्नालाल और राजदेवी ने अपने एक रिश्तेदार से गोद लिया था. यानी उन्हें कोई बेटी नहीं थी. यही वजह है कि उन्होंने कोमल को गोद लेकर बडे नाजों से पाला था. लेकिन उन्हें क्या पता था कि एक दिन उनकी यही गोद ली हुई बेटी उनके कत्ल की वजह बन जाएगी.

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आधी रात को सड़क किनारे खड़ी ट्रक से डीजल चोरी करते चार लोग पकड़ाए..मुख्यमंत्री के गृह जिला के रहने वाले हैं सभी

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Sheikhpura:-बरबीघा शेखपुरा रोड में राजोपुर गांव के पास आधी रात को सड़क के किनारे खड़े ट्रक से डीजल चोरी करते हुए चार लोगों को स्थानीय लोगों द्वारा पकड़ लिया गया. पकड़े गए सभी लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के अस्थावां थाना क्षेत्र अंतर्गत अस्थवां गांव के निवासी बताए गए हैं.पकड़े गए लोगों की पहचान

मंसूर आलम के पुत्र शाहरुख, दिवाकर प्रसाद के पुत्र राजकुमार उर्फ राजा, पप्पू कुमार के पुत्र अनुराग कुमार तथा सुरेश मिस्त्री के पुत्र गौरव कुमार के रूप में की गई है. चारु को पकड़ने में सड़क के किनारे खड़े एक ट्रक के खलासी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दरअसल राजोपुर गांव के पास सड़क किनारे स्थित चंद्र मिस्त्री के गैराज के बगल में खड़े ट्रक से चारों डीजल निकालने का प्रयास कर रहे थे. चार में से दो डीजल निकालने में व्यस्त थे. जबकि दो आने जाने वाले लोगों पर नजर रख रहे थे.आवाज होने पर ट्रक के ऊपर सोए हुए खलासी की नींद टूट गई और वह शोर मचाने लगा. इसके बाद काफी संख्या में स्थानीय लोग भी चोरों को पकड़ने के लिए दौड़ पड़े. आखिरकार लोगों की मदद से चारों चोरों को पकड़ लिया गया और हथियावां ओपी थाना क्षेत्र के सुपुर्द कर दिया गया. मामले को लेकर स्थानीय थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई जिसके बाद चारों को जेल भेज दिया गया. थाना प्रभारी देवेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस को भी ट्रक से डीजल चोरी की लगातार शिकायतें मिल रही थी. जयपुर से डीजल चोरी होने के कारण मालिकों को प्रत्येक महीना दस से बीस हज़ार का नुकसान हो रहा था. इसी को लेकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ पुलिस टीम भी लगातार गिरोह के सदस्यों को पकड़ने के लिए प्रयास कर रही थी. आखिरकार स्थानीय लोगों की सहायता से गिरोह के चार सदस्य पकड़े गए जिन्हें जेल भेज दिया गया है.

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शेखपुरा के बंधक बनाए गए 11 बच्चों को छुड़ाने के लिए स्पेशल टीम जाएगी कश्मीर. डीएम की पहल पर श्रम मंत्री ने भी लिया मामले पर संज्ञान

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(प्रभात खबर की रिपोर्ट)श्रम संसाधन विभाग के मंत्री सुरेंद्र राम ने कहा कि कश्मीर में शेखपुरा जिले के बंधक बनाये गये 11 बच्चों को छुड़ाने के लिए अधिकारियों की टीम जायेगी. बुधवार को विभागीय बैठक कर मंत्री ने शेखपुरा के घाट कुसुम्भा प्रखंड स्थित पानापुर ग्राम के 11 नाबालिग बच्चों को मुक्त कराने के लिए आदेश दिया है.

मंत्री ने कहा कि बंधक बनाये गये इन बच्चों को काम दिलाने के नाम पर दिल्ली के रास्ते कश्मीर ले जाया गया है, जहां उन्हें बंधक बना कर अब मोबाइल नंबर 9682589578 से उन नाबालिग को छोड़ने के लिए परिजनों से एक लाख 20 हजार की मांग की जा रही है. इस कारण तुरंत कार्रवाई करने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जो कश्मीर जाकर बच्चों को छुड़ायेगी. हमारी प्राथमिकता है कि बच्चों को सकुशल घर वापस

लाया जाये मंत्री ने कहा कि सूचना मिलते ही शेखपुरा के श्रम अधीक्षक, जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. बताते चलें कि बच्चों को एक ठेकेदार के द्वारा मजदूरी करवाने के नाम पर दिल्ली ले जाया गया था जहां से उसे कश्मीर में ले जाकर बंधक बना लिया गया है. बीते शनिवार को पूरा के जिलाधिकारी सावन कुमार के समक्ष बच्चों के परिजनों ने बच्चों को छुड़वाने की गुहार लगाई थी. इसके बाद सावन कुमार की पहल पर श्रम अधीक्षक भी हरकत में आए और जांच-पड़ताल शुरू करवाया. अब मामला बढ़ा तो श्रम मंत्री ने भी बच्चों को छुड़वाने के लिए स्पेशल टीम को भेजने का निर्णय लिया है. जिलाधिकारी सावन कुमार के प्रयास और मंत्री के संज्ञा लेने के बाद मां को अपने कलेजे के टुकड़े को वापस लौटने की उम्मीद जग गई है.

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शेखोपुर सराय थाने की पुलिस ने फरार चल रहे साइबर अपराधी के घर किया कुर्की जब्ती..किबाड़ और खिड़की तक ले गए पुलिस वाले

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शेखोपुरसराय:-  शेखोपुर सराय थाना पुलिस ने एक शातिर फरार साइबर क्रिमिनल के महबतपुर गांव स्थित घर कुर्की – जब्ती की कार्रवाई को अंजाम दिया.यह करवाई थाना अध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक प्रमोद कुमार ने किया.इस दौरान भारी संख्या में सशस्त्र बलों ने फरार बदमाश जितेंद्र राम उर्फ जीतो राम के आलिशान बिल्डिंग के चौखट ,किवाड़ , ग्रिल ,पानी टैंक तक मिस्त्री और मजदूरों की सहायता से छुड़ा लिया. घर में रखे कीमती

पलंग , टीवी,बक्सा ,गोदरेज आलमीरा सहित अन्य सामानों को पुलिस ने जब्त कर लिया. सामानों का जब्ती सूची बनाकर उसे कड़ी सुरक्षा में शेखोपुर सराय थाना लाकर मालखाना में रखा गया है.थाना अध्यक्ष ने बताया कि गत 21 सितंबर 2021 को महबतपुर गांव में गुप्त सूचना के आधार पर की गई पुलिस छापामारी में एक साईबर क्रिमिनल शंभू पासवान रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था.लेकिन बिक्की राम ,सन्नी राम ,जीतो राम सहित अन्य निकल भागने में सफल हो गया था. स्थानीय थाना में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में जीतो राम सहित 11 बदमाशों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. उन्होंने बताया कि इस मामले के एक मात्र आरोपी अभी तक यही फरार चल रहा है.थाना अध्यक्ष ने बताया नौकरी दिलाने का झांसा देकर और मुद्रा लोन दिलाने के नाम पर इस गिरोह के द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के मोबाइल धारकों से लाखों रुपए की ठगी कर चुका है.

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विदेशी कार के जरिए ढोई जा रही विदेशी शराब को पुलिस ने किया बरामद तस्कर भी हुआ गिरफ्तार

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Barbigha:-पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा के निर्देश पर भारी मात्रा में विदेशी शराब को पकड़ने में पुलिस ने सफलता पाई है.बरबीघा प्रखंड के केवटी ओपी पुलिस द्वारा इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. मौके से पुलिस ने भारी मात्रा में विदेशी शराब के साथ साथ वीआईपी कार के साथ-साथ शराब तस्कर को भी रंगे हाथ गिरफ्तार कर

लिया. थाना प्रभारी हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई बरबीघा मोकामा रोड में किया गया. पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक वीआईपी कार से शराब बरबीघा से होते हुए मोकामा की तरफ जा रही है. इसी दरमियान केवटी ओपी पुलिस ने सघन तलाशी अभियान चलाना शुरु कर दिया.तलाशी अभियान के दौरान संदेह होने पर पकड़े गए कार की तलाशी ली गई थी जिसमें भारी मात्रा में विदेशी शराब रखा हुआ पाया गया था. फिलहाल पुलिस शराब तस्कर को पकड़कर अन्य जानकारियों को जुटाने के लिए पूछताछ कर रही है.

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सगी बहू ही खा गई सास की सरकारी नौकरी..बहू से झगड़ा करना सास को पड़ा भारी कारण जानकर चौक जाएंगे आप

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बरबीघा:-सगी बहू के साथ भेदभाव करना एक शिक्षिका सास को काफी महंगा पड़ा.बहू के शिकायत के बाद विभागीय जांच के उपरांत शिक्षिका सास को अपनी नौकरी गंवानी पड़ गई. दरअसल यह मामला जिले के शेखोपुर सराय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत मध्य विद्यालय किशनपुर से जुड़ा हुआ है.इस विद्यालय में एक शिक्षिका उर्मिला कुमारी फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे पिछले कई वर्षों से बहाल थी.फर्जी सर्टिफिकेट के बारे में खुद उसकी बहू डॉक्टर रिंकू कुमारी के द्वारा पर्दाफाश किया गया

जिला शिक्षा विभाग द्वारा जारी किया गया चिट्ठी

था. अपनी सास को नौकरी से हटाने के लिए डॉक्टर रिंकू कुमारी ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था.इसका वजह घरेलू झगड़ा को माना जा रहा है.डॉक्टर रिंकू कुमारी ने आरोप लगाया था कि शिक्षिका उर्मिला कुमारी का इंटर का शैक्षणिक सत्र 1984-86 जबकि शिक्षक प्रशिक्षण का सत्र 1985-87 है. आरोपों के अनुसार उर्मिला कुमारी ने इंटर करने के दौरान ही शिक्षक प्रशिक्षण का सर्टिफिकेट ले लिया था. दोनों सर्टिफिकेट को जारी करते हुए डॉक्टर रिंकू कुमारी ने विभाग को कई बार आवेदन लिखा था. लेकिन हर बार पैसे और पहुंच के दम पर मामला दब जाता था. लेकिन इस बार डॉक्टर रिंकू कुमारी ने डीएम सावन कुमार के जनता दरबार में आवेदन देते हुए चेतावनी दिया था कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो वे इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे. डॉक्टर रिंकू कुमारी का यह रूप देखकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए थे.इसके बाद विभाग के अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए डीएम के जनता दरबार में दिए गए आवेदन के आलोक में उन्हें सेवा मुक्त करने का आदेश पारित कर दिया. इसके बाद डीपीओ ने अंतिम कार्रवाई करते हुए शिक्षिका उर्मिला कुमारी को आखिरकार सेवा मुक्त कर दिया. बहु द्वारा अपनी सास पर कराई गई इस कार्रवाई की चर्चा क्षेत्र में जोर-शोर से हो रही है.

मां और बेटे के जन्म तिथि में महज 10 वर्ष का अंतर

डॉक्टर रिंकू कुमारी ने आरोप लगाया कि विवादित शिक्षिका उर्मिला कुमारी और उसके बेटे के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों में भी महज 10 वर्ष का अंतर है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा जारी किए गए प्रमाण पत्र के अनुसार उर्मिला कुमारी का जन्म तिथि  6 अप्रैल 1968 है. जबकि उर्मिला कुमारी के पुत्र समीरण कुमार का जन्म तिथि 30 जनवरी 1978 दर्ज है. प्रमाण पत्रों के हिसाब से उर्मिला कुमारी महज 10 वर्ष की उम्र में ही मां कैसे बन गई थी. डॉक्टर रिंकू कुमारी ने आरोप

मां और बेटे का शैक्षणिक प्रमाण पत्र का सर्टिफिकेट

लगाया कि नौकरी लेने के लिए मेरी सास उर्मिला कुमारी ने सभी तरह के फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाए थे.उन्होंने बताया कि उर्मिला कुमारी कि उनके सरकारी पति के सर्विस बुक में असली जन्म तिथि वर्ष 1955 अंकित है.

 

 

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तीन उत्पाद दरोगा के खिलाफ शेखपुरा कोर्ट हुआ सख्त गिरफ्तारी वारंट किया गया जारी

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Sheikhpura:-शराबबंदी मामले में को सख्ती से लागू करने में पुलिस और उत्पाद विभाग लगातार सक्रिय दिख रही है. लेकिन इस मामले में गिरफ्तारी के बाद पुलिस की सुस्ती भी सामने आ रही है. शराब मामलों में गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ गवाही नहीं दिए जाने को लेकर न्यायालय ने आपत्ति जताई है. इस संबंध में शराब निषेध अधिनियम के विशेष न्यायाधीश एडीजे द्वितीय विकास कुमार ने उत्पाद विभाग के तीन दारोगा के खिलाफ

गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इन सभी को 15 दिसंबर के दिन हर हाल में गवाही के लिए न्यायालय में उपस्थित करने का आदेश उत्पाद थानाध्यक्ष को दिया गया है. उत्पाद जमादार यशवंत कुमार सिंह की गिरफ्तारी वारंट शराब के दो मामलों में की गई है. जबकि दारोगा रंजिव कुमार झा और अरुण कुमार को एक-एक मामलों में गवाही के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. इस संबंध में प्राप्त जानकारी बताया गया कि पहले भी न्यायालय द्वारा इन अधिकारियों को गवाही के लिए सम्मन जारी किया गया था. न्यायालय ने उत्पाद वाद संख्या 43/17, और 197/17 में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इसके पूर्व भी न्यायालय द्वारा गवाही में सुस्ती बरतने को लेकर कई पुलिस पदाधिकारी और उत्पाद अधिकारी के खिलाफ वारंट जारी किया है.

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कोरमा थाना पुलिस की बड़ी कार्रवाई अपहरणकर्ता को लखीसराय से किया गिरफ्तार

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Sheikhpura:-शेखपुरा जिले के कोरमा थाना क्षेत्र अंतर्गत चाडे गांव से रविशंकर शर्मा और उनके भांजा गुंजन शाही, ग्राम धधौर थाना सिकंदरा, जिला जमुई को अगवा करने के मामले में पुलिस ने लखीसराय जिले में छापामारी कर अपहर्ता कन्हैया सिंह को गिरफ्तार करने में सफलता पाई. गुप्त सूचना के आधार पर कोरमा थानाध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम

लखीसराय जिले के हलसी थाना क्षेत्र के तरहाड़ी गांव में छापामारी कर अपहर्ता कन्हैया सिंह के घर पर छापामारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार अपहर्ता को पुलिस कड़ी पुलिस निगरानी में लेकर यहां पहुंचने के बाद उसे जेल भेजने की कार्रवाई शुरू कर दी है. इस सम्बन्ध में कोरमा थानाध्यक्ष ने बताया कि पिछले छह माह पूर्व कन्हैया सिंह की नवविवाहिता पत्नी ससुराल से भाग गई थी. इस घटना के बारे में इधर उधर से पता करने पर उसे पता चला कि उसकी पत्नी को बहला फुसलाकर धधौर गांव के गुंजन शाही अपने मामा रविशंकर शर्मा के सहयोग से अगवा कर लिया है. अपहरण के बाद से वह चाडे गांव में छुपा है. इसकी जानकारी मिलने के बाद कन्हैया सिंह अपने कई सहयोगियों के साथ चाडे गांव पहुंचकर गुंजन शाही और उसके मामा को उठाकर अपने गांव लेते गया. जहां दोनो के साथ बेरहमी से पिटाई कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया. साथ ही मारपीट कर घायल करने के बाद रात्रि में दोनो को बघार में ले जाकर चोर चोर का शोर मचाकर उन्हे हलसी थाना पुलिस के हवाले कर दिया. लखीसराय जिला पुलिस जब दोनो को घायलावस्था में इलाज हेतु अस्पताल में भर्ती कराया. पुलिस के सामने दिए गए बयान के बाद पुलिस को घटना के फिल्मी अंदाज मालूम हुआ. इसकी सूचना मिलने के बाद जिला पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले के आरोपी को लखीसराय से गिरफ्तार कर लिया.

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क्षेत्राधिकार का हनन करके कारवाई करने के मामले ओपी प्रभारी हुए लाइन हाजिर..ट्रक मालिको से सांठगांठ की हो रही चर्चा

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Barbigha:-शेखपुरा जिला का बरबीघा क्षेत्र अंतर्गत मिशन ओपी थाना के प्रभारी नवीन कुमार सिंह को गलत ढंग से कार्यवाई करने के मामले में पुलिस अधीक्षक ने शुक्रवार की रात्रि लाइन हाजिर कर दिया.दरअसल क्षेत्र अधिकार का हनन करते हुए मनमाने तरीके से थाना प्रभारी नवीन कुमार सिंह ने एक ट्रक के ऊपर कारवाई किया था.

इस बात का खुलासा शुक्रवार की देर संध्या एक ट्रक मालिक द्वारा किया गया. दरअसल शेखपुरा सदर प्रखंड के सारिका गांव निवासी रामलखन यादव द्वारा 14 लाख रुपये में अपनी ट्रक को नालंदा जिला के सरमेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत गोवाचक गांव निवासी सुबोध यादव के यहां बेची गई थी. इससे पहले राम लखन यादव ने नालंदा जिला के सारे थाना क्षेत्र अंतर्गत अलीनगर गांव निवासी शिशुपाल यादव के साथ भी ट्रक बेचने को लेकर एग्रीमेंट करते हुए पूर्व में ही ₹200000 एडवांस ले लिया गया था.लेकिन रामलखन यादव ने शिशुपाल यादव के यहां ट्रक न बेचकर और उससे सुबोध यादव के यहां बेच दिया था.गुरुवार की सुबह शिशुपाल यादव के कहने पर ही मिशन ओपी थाना प्रभारी नवीन कुमार सिंह के आदेश पर एएसआई अजय यादव के द्वारा सुबोध यादव के ट्रक को जप्त कर लिया गया था.पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर सुबोध यादव ने जब सवाल खड़ा किया तो मामले ने तूल पकड़ लिया.दरअसल मामला नालंदा जिला का होने के साथ-साथ शिकायतकर्ता शिशुपाल यादव भी नालंदा जिला का निवासी है. इसके बावजूद शिशुपाल यादव की शिकायत पर मिशन ओपी थाना प्रभारी ने सांठगांठ करके ट्रक को जप्त कर लिया. करीब 2 दिनों तक ट्रक को थाने के पास खड़ा रखा गया. शुक्रवार को जब शेखपुरा के डीएसपी कल्याण आनंद ने हस्तक्षेप किया तब ट्रक को तो छोड़ा गया लेकिन पुनः साठगांठ करके थाने के पास से ही ट्रक को शिशुपाल यादव के हवाले करवा दिया गया. सुबोध यादव ने आरोप लगाया कि शिशुपाल यादव और उसका भाई ट्रक को थाने के पास से जबरन लेकर चला गया और पुलिस चुपचाप देखती रह गई. हालांकि इस संबंध में नवीन कुमार ने बताया कि शिशुपाल यादव के द्वारा लिखित आवेदन दिया गया था.वही उनकी कार्रवाई सवाल खड़ा करते हुए ट्रक मालिक सुबोध यादव का कहना है कि मामला नालंदा जिला का था और बरबीघा में भी घटना स्थल केवटी ओपी थाना से जुड़ा हुआ था. इसके बावजूद जबरन उसके ट्रक को मिशन ओपी प्रभारी नवीन कुमार सिंह के कहने पर जब्त कर लिया गया था. वही ट्रक को छोड़ने की बजाय साठगांठ करके थाने के पास से ही ट्रक को शिशुपाल यादव के हवाले करवा दिया गया. पुलिस की इस गलत कार्रवाई की चर्चा पूरे बरबीघा में लोगों की जुबान पर हो रही थी. शिकायत मिलते ही पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा शुक्रवार की रात्रि 10:30 बजे मामले का जांच पड़ताल करने के लिए खुद मिशन थाने पहुंच गए. मौके पर ट्रक मालिक को बुलाकर पूछताछ की गई और इसके बाद मामला सत्य पाया जाने पर ओपी प्रभारी नवीन कुमार सिंह को लाइन हाजिर कर दिया गया.फिलहाल मिशन ओपी थाना का प्रभार भी सर्किल इंस्पेक्टर सुनील दत्त को दिया गया है.

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