बिहार विधान परिषद की 7 सीटों पर चुनाव की तारीख का ऐलान, जानें किनका खत्म हो रहा कार्यकाल

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Desk: बिहार विधान परिषद की 7 सीटों के लिए चुनाव आयोग ने तारीख का एलान कर दिया है. 2 जून को नोटिफिकेशन जारी होगा.

यानी इसी दिन से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी और 9 जून तक नॉमिनेशन होगा. इन सात सीटों पर 20 जून को वोटिंग होगा.

जिन विधानपरिषद सदस्यों का कार्यकाल 21 जुलाई को समाप्त हो रहा उनमें अर्जुन सहनी बीजेपी, मोहमद कामरान आलम जेडीयू, गुलाम रसूल बलियावी जेडीयू, रोजिना नाजिश जेडीयू, रणविजय कुमार सिंह जेडीयू, मुकेश सहनी वीआईपी और सीपी सिन्हा जेडीयू शामिल हैं.

नामांकन करने की अंतिम तिथि 19 जून 2022 है. जबकि स्कूटनी की तारीख 10 जून 2022 तय की गई है. प्रत्याशी नाम वापस 13 जून 2022 तक ले सकते हैं. 20 जून को मतदान सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक होगा. 20 जून 2022 को ही शाम में मतगणना होगा. 22 जून तक चुनावी प्रक्रिया को पूरी कर ली जाएगी.

 

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अब बिना रजिस्ट्रेशन नहीं चलेंगे कोचिंग संस्थान, जानें नीतीश सरकार के बनाए नई नियमावली में क्या प्रावधान हैं

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Desk: राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में सैकड़ों कोचिंग संस्थान हैं जिनमें ज्यादातर बिना रजिस्ट्रेशन के ही नियमों को ताक पर रखकर चल रहे हैं. बिहार सरकार ने कोचिंग संस्थान नियंत्रण एवं विनियमन अधिनियम वर्ष 2010 में लागू किया था, लेकिन 12 वर्षों के बीत जाने के बाद भी अभी तक इसके लिए अधिनियम नहीं बनाया जा सका था. बीपीएससी की परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने के बाद सरकार ने अब अधिनियम बनाने की कवायद तेज कर दी है. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के द्वारा कोचिंग संस्थान नियंत्रण एवं विनियमन नियमावली 2022 का प्रारूप बना लिया गया है और तत्काल इसे शिक्षा विभाग के वेबसाइट पर भी जारी कर दिया गया है. इस नई नियमावली को लेकर 31 मई तक लोगों से सुझाव मांगे गए हैं.

माना जा रहा है कि नियमावली लागू होने के 1 महीने के अंदर सभी कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा. सरकार के द्वारा 5000 का निबंधन शुल्क और रिन्यूअल करने के लिए 3000 तय किया गया है. साथ ही कोचिंग संस्थान को पढ़ाने वाले शिक्षक की योग्यता से लेकर फीस और अन्य बुनियादी सुविधाओं की भी पूरी जानकारी देनी होगी. नई नियमावली के अनुसार निजी कोचिंग संस्थान में भी पढ़ाने वाले शिक्षक कम से कम ग्रेजुएट होने चाहिए.

सरकार के द्वारा बनाए जा रहे हैं कोचिंग संस्थानों के लिए नई नियमावली को लेकर कई निजी कोचिंग संस्थान के संचालकों की अलग-अलग राय है. पटना के कई कोचिंग संस्थान के निदेशक का कहना है कि देर से ही सही, लेकिन सरकार ने सही निर्णय लिया है. सभी कोचिंग के संचालन के लिए नियमावली होनी चाहिए. एसओपी का पालन होना चाहिए.

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विश्व दूरसंचार दिवस आज, जानिए इतिहास और महत्व

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Desk: दुनियाभर में आज यानि 17 मई को वर्ल्ड टेलिकम्युनिकेशन एंड इन्फोर्मेशन सोसाइटी डे (विश्व दूरसंचार दिवस) मनाया जा रहा है. इस दिन के पीछे का उद्देश्य दूरसंचार प्रौद्योगिकियों को लेकर लोगों के अंदर जागरूकता पैदा करना है. साथ ही, दुनियाभर में डिजिटल डिवाइड को कम करने के तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक करना भी है.

वर्ल्ड टेलिकम्युनिकेशन एंड इन्फोर्मेशन सोसाइटी डे डिजिटल अंतर को पाटने के लिए इंटरनेट और अन्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने की संभावनाओं को पैदा करने में जागरूकता बढ़ाने में मदद करने के लिए मनाया जाता है. यह एक-दूसरे के साथ संवाद करने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर जोर देता है.

17 मई, 1865 को अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना के बाद से ही 17 मई को पहले ‘विश्व दूरसंचार दिवस’ के रूप में जाना जाता है. इसकी घोषणा तुर्की के अंताल्या में अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ पूर्णाधिकार सम्मेलन में की गई थी. हालांकि, साल 2005 में इंफॉर्मेशन सोसाइटी पर हुए विश्व शिखर सम्मेलन के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर 17 मई को वर्ल्ड इंफॉर्मेशन सोसाइटी डे के रूप में घोषित कर दिया गया. नवंबर 2006 में, तुर्की के अंताल्या में आईटीयू पूर्णाधिकार सम्मेलन (ITU Plenipotentiary Conference) में 17 मई को विश्व दूरसंचार और वर्ल्ड इंफॉर्मेशन सोसाइटी डे दोनों ही रूप में मनाने का फैसला किया गया.

विश्व दूरसंचार दिवस के लिए इस साल की थीम ‘वृद्ध व्यक्तियों और स्वस्थ उम्र बढ़ाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी’ है. इस साल की थीम शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय स्तर पर स्वस्थ, जुड़े और स्वतंत्र रहने के लिए दूरसंचार और सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के उपयोग के महत्व पर जोर देती है.

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Big Breaking: बगहा में भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के 4 लोगों की मौके पर मौत

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Desk: सूबे के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा से बड़ी खबर सामने आई है. भीषण सड़क हादसे में एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई.

तेज रफ्तार कार पेड से जा टकराई. इस दुर्घटना में कार के परखच्‍चे उड़ गए. कार के पेड़ में टकराते ही दुर्घटनास्‍थल पर चीख-पुकार मच गई. कार में सवार लोग वाल्‍मीकिनगर से लौट रहे थे. हादसा किन परिस्थितियों में हुई, फिलहाल इसका पता नहीं चल सका है. दुर्घटना में घायल हुए अन्‍य लोगों को अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है.

घटना की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पुलिस पहुंच गई है और मामले की जांच में जुट गई है. ये हादसा कैसे हुआ इसके बारे में स्थानीय लोगों से पूछताछ कर पुलिस जानकारी जुटा रही है.

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ढाई फुट के अजीम ने पीएम मोदी से लगाई गुहार, रात में नींद नहीं आती शादी करवाइए और मेरी दुआ लीजिए

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Desk: उत्तर प्रदेश के शामली के कैराना के रहने वाले 2 फुट 6 इंच हाइट वाले अजीम मंसूरी ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपनी शादी करवाने की गुहार लगाई है. अजीम का कहना है कि पिछले साल 9 मार्च 2021 को उसकी सगाई हापुड़ की रहने वाली एक लड़की से हुई थी और मेरी होने वाली दुल्हन भी मेरी ही जितनी हाइट की है. लड़की वाले शादी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. लेकिन मेरे माता-पिता अभी मेरी शादी नहीं करवाना चाहते हैं. उनका कहना है कि हम तीनों भाइयों का ब्याह एक साथ होगा.

वहीं, गुरुवार को अजीम हाथ में पोस्टर लेकर एसएचओ के पास पहुंचा और कहा कि मेरी शादी करा दो, मेरी दुआएं ले लो.  मेरे घरवाले मेरी शादी नहीं करा रहे हैं. जिससे मेरी शादी होनी है वो हापुड़ की रहने वाली है और बी.कॉम कर रही है. कैराना के एसएचओ ने उसकी लिखी हुई चिट्ठी लेकर आश्वास दिया कि जल्द ही तुम्हारी शादी कराएंगे.

अजीम का कहना है, ‘मुझे शादी करने की बड़ी तमन्ना है. मुझे रात में नींद नहीं आती. कोई नहीं जानता मैं कितना परेशान हूं, अपने जीवनसाथी के लिए. मेरे भाइयों का ब्याह होता रहेगा, पहले मेरा करा दो. मेरे मां-बाप गलती कर रहे हैं कि वो मेरी शादी नहीं करा रहे हैं. रमजान भी चले गए और मैं  इतिकाफ में भी बैठा था रो-रोकर दुआ भी मांगी थी. मेरे मां-बाप ने कहा था कि ईद पर मेरी शादी होगी. अब तो ईद भी चली गई. पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से भी अपनी शादी की सिफारिश लगाई थी, लेकिन मेरी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है.’

इससे पहले 28 साल के अजीम मंसूरी ने महिला थाने पहुंचकर पुलिसकर्मियों से भी अपनी शादी की गुहार लगाई थी. अजीम मंसूरी के दादा हाजी सलीम मंसूरी का कहना है कि अगस्त में एक साथ तीनों भाइयों की शादी होगी. दादा हाजी सलीम मंसूरी ने बताया कि लड़की पक्ष उनके पास आया था वह तैयार है. अजीम के दोनों छोटे भाइयों की भी सगाई हो रखी है. तीनों भाइयों की एक साथ शादी कराई जाएगी.

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57 राज्यसभा की सीटों के लिए चुनाव आयोग ने किया तारीखों का एलान, 10 जून को होंगे चुनाव

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Desk: 15 राज्यों की खाली 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव तारीखों को ऐलान कर दिया गया है. इन सीटों पर अब 10 जून को मतदान होगा. मालूम हो कि 21.06.2022 से 01.08.2022 के बीच कई सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इसके बाद ये सीटें खाली हो जाएंगी. इससे पहले 31 मार्च को छह राज्यों की 13 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुए थे. असम (2 सीट), हिमाचल प्रदेश (1), केरल (3), नागालैंड (01), त्रिपुरा (01), पंजाब (5) में ये चुनाव हुए थे.

आयोग की सूचना के मुताबिक चुनाव की अधिसूचना 24 मई को जारी होगी. उम्मीदवार 31 मई तक नामांकन कर सकेंगे. इसके बाद 1 जून को नामांकनों की जांच की जाएगी. उम्मीदवार 3 जून तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे. 10 जून को मतदान होंगे. मतदान सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा. मतगणना भी उसी दिन शाम 5 बजे शुरू हो जाएगी. हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की रिक्त सीटों पर चुनाव होने हैं.

संविधान के मुताबिक, राज्यसभा में सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है, जिसमे 238 सदस्यों के लिए चुनाव का प्रावधान है जबकि 12 सदस्य राष्ट्रपति नॉमिनेट करते हैं, हर दो साल में से एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल खत्म भी होता है, जिसके बाद उनकी सीटों के लिए चुनाव होता है, इसका मतलब है कि प्रत्येक दो साल पर राज्यसभा के एक तिहाई सदस्य बदलते हैं न कि यह सदन भंग होता है. यानी राज्यसभा हमेशा बनी रहती है. राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया लोकसभा और विधानसभा चुनाव से अलग है क्योंकि उसके सदस्य का कार्यकाल 6 साल का होता है. लोकसभा चुनाव में आम आदमी वोट करते हैं लेकिन राज्यसभा चुनाव के लिए आम आदमी वोट नहीं कर सकता है, इसके लिए जनता द्वारा चुने गए जन प्रतिनिधि यानी विधायक ही इस चुनाव में हिस्सा लेते हैं.

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राजीव कुमार होंगे नए मुख्य निर्वाचन आयुक्त, 15 मई को संभालेंगे पदभार

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Desk: राजीव कुमार देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे. न्याय एवं विधि मंत्रालय ने गुरुवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी. इसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग के सबसे वरिष्ठ आयुक्त राजीव कुमार को इस पद पर नियुक्त किया है. वे 15 मई को सीईसी का पद संभालेंगे. गौरतलब है कि मौजूदा सीईसी सुशील चंद्रा का कार्यकाल 14 मई को पूरा हो रहा है.

राजीव कुमार का जन्म 19 फरवरी, 1960 को हुआ था. वे 1984 बैच के आईएएस अफसर हैं. उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं में 36 साल तक काम किया. केंद्र के कई मंत्रालयों के अलावा उन्होंने अपने बिहार-झारखंड कैडर में भी लंबे समय तक सेवाएं दीं. राजीव कुमार बीएससी के साथ वकालत में एलएलबी, पीजीडीएम और लोक नीति से एमए भी किया है. इसके अलावा उन्होंने सामाजिक, पर्यावरण-वन, मानव संसाधान, वित्त और बैंकिंग सेक्टर में भी काम किया है. वे फरवरी 2020 में ही केंद्रीय वित्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.

राजीव कुमार को एक सितंबर 2020 को चुनाव आयोग में आयुक्त के तौर पर नियुक्ति मिली थी. नियमों के मुताबिक, चुनाव आयुक्त का कार्यकाल छह साल या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) उस समय तक होता है. चूंकि, कुमार का जन्म फरवरी, 1960 को हुआ था, इसलिए उनका कार्यकाल 2025 तक है. यानी अगले विधानसभा चुनावों से लेकर 2024 के आम चुनाव तक राजीव कुमार की देखरेख में ही होने हैं.

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*मां की पहली पुण्यतिथि पर सम्मान के लिए पुत्र ने गांव में लगाई मूर्ति..अनावरण करने के लिए पहुंचे पूर्व मंत्री मुकेश साहनी*

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Barbigha:-बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश साहनी के द्वारा नवादा जिला के बाली ग्राम में स्थापित शिक्षिका की मूर्ति का अनावरण किया गया.दरअसल बाली ग्राम निवासी शिक्षिका रूबी देवी का पिछले वर्ष 9 मई को ही कोरोनावायरस से मौत हो गई थी.पुत्र ने मां की पहली पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए गांव में ही अपनी मां की प्रतिमा लगा डाली. प्रतिमा का अनावरण

करने के लिए एक समारोह का भी आयोजन किया गया था जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश साहनी शामिल हुए थे. इस समारोह में भाजपा की प्रदेश मंत्री तथा बरबीघा की वरिष्ठ नेत्री डॉक्टर पूनम शर्मा युवा नेता तथा भावी नगर सभापति उम्मीदवार संतोष कुमार शंकु, इनरव्हील क्लब ऑफ पटना की वरिष्ठ सदस्य उषा सिन्हा, वीआईपी पार्टी के शेखपुरा जिला अध्यक्ष पप्पू चौहान सहित बड़ी संख्या में शेखपुरा और नवादा जिला के लोग शामिल हुए. वीआईपी पार्टी के मुखिया तथा पूर्व मंत्री मुकेश साहनी द्वारा फीता काटकर मूर्ति का अनावरण किया गया. इस दौरान बारी-बारी से सभी वक्ताओं ने मां की महिमाओं का बखान किया.डॉक्टर पूनम शर्मा ने कहा कि मां का दर्जा भगवान से ऊपर माना गया है. हम सभी को अपने जीवन में भगवान की पूजा करने से पहले मां बाप की पूजा अवश्य करनी चाहिए.मां बाप की सेवा से बढ़कर संसार में कोई बड़ी पूजा नहीं हो सकती. किसी के ऊपर से मां का साया उठने के बाद मानो उसका संसार ही लूट जाता है.जीवन में फिर उस व्यक्ति को मां जैसा प्यार कभी नसीब नहीं होता. मां का प्यार ही केवल ऐसा प्यार है जो निश्चल और निस्वार्थ होता है.वही मुकेश साहनी ने कहा हम सभी को मां बाप का आदर करना चाहिए. जदयू नेता संतोष कुमार शंकु ने कहा कि मां बाप की सेवा से बढ़कर कोई कर्म नहीं होता. मां बाप को खुश रखने वाला व्यक्ति को जीवन में कभी भी दुखों का सामना नहीं करना पड़ता है.

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BPSC PT पेपर लीक मामला: जांच कमेटी ने 3 घंटे में सौंपी रिपोर्ट, आयोग ने एग्जाम रद्द किया

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Desk: 67वीं बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन पीटी पेपर लीक मामले में बीपीएससी के द्वारा बनाई गई तीन सदस्यी जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. कमेटी ने महज तीन घंटे के अंदर ही आयोग के अध्यक्ष आर.के महाजन को अपनी रिपोर्ट आयोग सौंप दी. जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद आयोग ने पीटी परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया है. साथ ही वायरल प्रश्न पत्र मामले की जांच अब साइबर सेल करेगा. आयोग के अध्यक्ष ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से यह अनुरोध किया है.

बता दें कि रविवार को बिहार में बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (पीटी की परीक्षा) करवाई जा रही थी. इस दौरान कई जिलों के परीक्षा केंद्रों से प्रश्न पत्र लीक होने की खबर आई. परीक्षा शुरू होने से लगभग एक घंटे पहले सोशल मीडिया (टेलीग्राम और कई व्हाट्सएप ग्रुप) में बीपीएससी का प्रश्न पत्र वायरल होने लगा.

परीक्षा खत्म होने के बाद वायरल प्रश्न पत्रों से परीक्षा में आए सवालों का मिलान किया गया तो वायरल प्रश्न पत्र मैच कर गये. इसके बाद कई जगहों पर अभ्यर्थियों ने पेपर लीक को लेकर हंगामा और प्रदर्शन शुरू कर दिया.

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रेलवे के ग्रुप डी की परीक्षा में फेल होने वाले शेखपुरा के नए डीएम सावन कुमार की कहानी है दिलचस्प, पिता करते थे कडेक्टर की नौकरी फिर कैसे बेटे ने बदल दी अपने परिवार की किस्मत

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Desk: चाणक्य ने लिखा है कि शिक्षा आपकी बेहतरीन दोस्त है और शिक्षा ही जवानी, सुंदरता और पैसे को हरा सकती है. बहुत पहले पढ़ा चाणक्य का यह कोड अचानक ही आईएएस परीक्षा में टॉप करने वाली इरा सिंघल के घर में याद आ गई. महज 4 फुट 5 इंच की इरा ने अपने फौलादी इरादे और शिक्षा से उन लोगों की मानसिकता को हरा दिया है, जो महिलाओं और खासतौर पर विकलांगता को कमजोरी का प्रतीक मानती हैं. हमारा समाज शिक्षा से ही बदल सकता है. पढ़ाई ही वह कुंजी है, जिससे समाजिक बदलाव के बंद और अंधेरे कमरे खोले जा सकते हैं.

अरस्तू ने कहा था कि शिक्षा की जड़े बहुत कड़वी लगती हैं, लेकिन उसका फल बहुत मीठा होता है. आईएएस परीक्षा में कामयाब कुछ ऐसे लोगों से भी मैं मिला जो पढ़ाई में बहुत सामान्य हैं, लेकिन मेहनत और सही दिशा ने उन्हें कामयाब बना दिया. दो दोस्तों की एक ऐसी ही कहानी है जो दूर-दराज के गांव और शहरों के छात्रों में प्रेरणा भरने का काम करेगी. इनका नाम सावन कुमार और आदित्य कुमार है. दोनों दिल्ली के एक ही कमरें में रहते थे. एक ही विषय मैथिली साहित्य से तैयारी कर रहे थे. पढ़ाई में दोनों औसत दर्जे के थे. कमोबेश एक जैसे ही पारिवारिक बैकग्राउंड से भी हैं. सावन कुमार के पिता जहां कंडक्टर रह चुके हैं, वहीं आदित्य कुमार के पिता किसान हैं. लेकिन पहले बात सावन कुमार की.

खगड़िया जिले में हाई स्कूल में 65 फीसदी और इंटरमीडिएट में पचास फीसदी नंबर से पास हुए सावन कुमार ने दिल्ली आकर पढ़ाई में मेहनत की. ध्येय आईएएस इंस्टीट्यूट के विनय सिंह से मार्गदर्शन हासिल किया और अपने दोस्त आदित्य कुमार से हौसला लेकर आईएएस परीक्षा में 285 रैंक हासिल किया.

सावन कुमार बताते हैं कि 2010 से पहले उन्होंने रेलवे के ग्रुप डी की परीक्षा भी दी, लेकिन उसे पास नहीं कर पाए. तभी आदित्य कुमार ने दिल्ली चलने को कहा. साल 2011 में जब प्रारंभिक परीक्षा नहीं पास कर पाया तो फिर रेलवे की परीक्षा देने की सोची, लेकिन मेरे दोस्त ने हौसला बढ़ाया और आज मैं कामयाब हो गया. वहीं बिहार में मधेपुरा के आदित्य कुमार कहते हैं कि हमारी शैक्षिक पृष्ठिभूमि औसत रही है. वह बताते हैं कि इसी के चलते हमारे जैसे छात्रों को संयम और पेशेवर तरीके से पढ़ाई करना बहुत जरूरी है. आदित्य कुमार आईएएस की परीक्षा में दो बार अंग्रेजी के विषय में फेल हो चुके थे, लेकिन उसके बावजूद हिम्मत नहीं हारे. छोटे शहर और गांव के छात्रों की यही कठोर मानसिकता और संघर्ष उनके हौसले के परचम को हमेशा इसी तरह लहराती रहेंगी.

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