Barbigha:- मटोखर गांव में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार भी 653 वां उर्स मेला का आयोजन किया गया। दो दिवसीय इस उर्स मेला में कई राज्यों के श्रद्धालु चादरपोशी करने पहुंचते हैं। शेख ख्वाजा इसहाक मगरवी रहमतुल्लाह अलेह कि यह दरगाह बहुत पुरानीहै। यहां मुस्लिम धर्म लंबियों से ज्यादा हिंदू समाज के लोग पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं।
यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है वह लगभग पूरी हो जाती हैं। जिस कारण से लोगों में इस दरगाह की काफी खास अहमियत बन गई है। इस संबंध में जानकारी देते हुए आयोजन कर्ता मोहम्मद असगर हुसैन, मोहम्मद गाजीसलाउद्दीन, मोहम्मद सईद आलम, मोहम्मद सलाम, मोहम्मद शाकिर सहित अन्य सदस्यों ने बताया कि दो दिवसीय इस उर्स मेला में झारखंड,
बंगाल, मुंबई, रांची, कोलकाता सहित कई राज्यों के जायरीन पहुंचते हैं। कमेटी की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्था की जाती है। बड़े से पंडाल में सभी के लिए भोजन का प्रबंध किया जाता है।प्रशासनिक स्तर पर भी तैयारी रहती हैं। दंडाधिकारी के साथ पुलिस पदाधिकारी भी चप्पे चप्पे पर तैनात रहते हैं। इस मेले की तैयारी काफी दिन पहले ही शुरू
कर दी जाती है। वहीं इसकी सजावट और बगल में माटोखर दाह आकर्षण का केंद्र बना रहता है। इस मेले के अलावे भी प्रत्येक शुक्रवार को मन्नत पूरी होने के बाद लोग बलि देने यहां पहुंचते हैं। इस दरगाह की सबसे खास बात यह है कि यहां मुस्लिम समाज से ज्यादा हिंदू समाज के लोग पहुंचते हैं।