जिसने अपनी दुकान जितनी भव्य सजायी वो ही उतना बड़ा “परमेश्वर” हो गया.. धर्म के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना रहे फर्जी बाबा

Please Share On

Desk:-दो दिन पहले फेसबुक पेज पर एक बड़ा ही सुंदर आलेख देखने को मिला जिसे आप लोगों के समक्ष साझा कर रहा हूं.इस लेख में यह बताया गया है कि किस तरह से फर्जी बाबा लोगों को बेवकूफ बनाकर सनातन पर प्रहार कर रहे हैं.

लाख रूपये दीजिये तो
“राधे माँ” (जसबिंदर कौर) आपको गोद में बैठाकर आशीर्वाद देंगी और पन्द्रह लाख रूपये दीजिये तो आप राधे माँ को किसी फाइव स्टार होटल में डिनर के साथ “आशीर्वाद” ले सकते हैं.”निर्मल बाबा” जो लाल चटनी और पानी पूरी में भगवान की कृपा दे रहा है.”रामपाल” जो कबीर को पूर्ण परब्रह्म परमात्मा मानते हैं, और अपने नहाए हुए पानी को अपने भक्तों को पिला कर कृतार्थ करता है।

“ब्रह्मकुमारी” वाले हैं जो दादा लेखराज के वचनों को सच्ची गीता बताते हैं और परमात्मा को बिन्दुरुप बताते हैं।”राम-रहीम” वाले घर पर माता-पिता की सेवा करें ना करें, अपनी बहू-बेटी-पत्नी को डेरे में सेवा करने भेज देते है, (जिसका हाल हम सभी देख चुके है) लेकिन वो अब भी अपने भक्तों का “पापा” (पिता) है।”राधास्वामी” वाले अपने गुरु को ही मालिक, परमेश्वर, भगवान, ईश्वर मानते हैं, वो साक्षात ईश्वर का अवतार है।”निरंकारी” है जो खुद भक्तों का उद्धार करने वाला ही करोड़ो की गाड़ी में 350 की स्पीड पर भयंकर दुर्घटना में हत हो जाता है औरों का तो पता नही पर अपना मिलन परमात्मा से करवा लेता है।

कोई विदेशी इसका जिम्मेदार नहीं है.जिसने अपनी दुकान जितनी भव्य सजायी वो ही उतना बड़ा “परमेश्वर” हो गया।(बाबा जी को किसी भगवान पर विश्वास नहीं होता, बाबा जी Z+ सिक्योरिटी में बैठकर कहते हैं कि “जीवन-मरण पृकति के हाथ में है”. अंधभक्त श्रद्धा से सुनते तो हैं पर सोचते नहीं हैं।बाबा जी हवाई जह़ाज में उड़ते हैं। सोने से लदे होते हैं, दौलत के ढेर पर बैठकर बोलते हैं कि “मोह-माया मिथ्या है, ये सब त्याग दो”।अंधभक्त श्रद्धा से सुनते हैं पर सोचते नहीं हैं। भक्तों को लगता है कि उनके सारे मसले बाबा जी हल करते हैं।

लेकिन जब बाबा जी मसलों में फंसते हैं, तब बाबा जी बड़े वकीलों की मदद लेते हैं।अंधभक्त बाबा जी के लिये दुखी होते हैं लेकिन सोचते नहीं हैं।भक्त बीमार होते हैं तो डॉक्टर से दवा लेते हैं, लेकिन जब ठीक हो जाते हैं तो कहते हैं कि “बाबा जी ने बचा लिया” पर जब बाबा जी बीमार होते हैं, तो बड़े डॉक्टरों से महंगे अस्पतालों में इलाज़ करवाते हैं।अंधभक्त उनके ठीक होने की दुआ करते हैं लेकिन सोचते नहीं हैं।अंधभक्त अपने बाबा को भगवान समझते हैं।उनके चमत्कारों की सौ-सौ कहानियां सुनाते हैं।

(जब बाबा जी किसी अपराध में जेल जाते हैं, तब वे कोई चमत्कार नहीं दिखाते)तब अंधभक्त बाबा के लिये लड़ते-मरते हैं, लेकिन वे कुछ सोचते नहीं हैं।इन्सान आंखों से अंधा हो तो उसकी बाकी ज्ञान इन्द्रियाँ ज़्यादा काम करने लगती हैं, लेकिन अक्ल के अंधों की कोई भी ज्ञान इंद्री काम नहीं करती।अतः जागृत बनें,तार्किक बनें.

 

साभार देवेंद्र जी फेसबुक वाल से

Please Share On

हनक, रौब, ज्ञान, अहंकार और रुतबे का प्रदर्शन करने वाला कोई आत्ममुग्ध व्यक्ति नेता नहीं हो सकता है..नेता बनने के लिए तो!!

Please Share On

Desk:-इतिहास में नेताओं की खेप पर नजर डाले तो कोई सड़क पर संघर्ष से उभरता है तो कोई फिल्मों से मिली लोकप्रियता का लाभ उठाकर नेता बन जाता है. कोई बाप की विरासत संभालता है, कोई छल कपट से सत्ता हासिल कर लेता है.कोई अपनी कर्तव्यनिष्ठा और वफादारी से शिखर तक पहुंच जाता है.

अलाउद्दीन खिलजी ने छल से सत्ता हासिल किया, इल्तुतमिश गयासुदीन बलबन का गुलाम था, शेर शाह बहार खान लोहानी का अंगरक्षक था, अकबर हुमायूं का बेटा था, जवाहर लाल नेहरू सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए वकील मोती लाल नेहरु के पुत्र थे, इन्दिरा जवाहर की गुड़िया बेटी थीं.लाल बहादुर शास्त्री सामान्य परिवार के पुत्र थे. वीपी सिंह राजा के बेटे थे.

संघर्ष से उभरे शरद पवार, शरद यादव, नीतीश कुमार (किसान के बेटे) लालू प्रसाद यादव गरीब पशुपालक पुत्र, नरेंद्र मोदी गरीब परिवार के पुत्र सबका अपना-अपना हुनर है.किसी एक खांचे से नहीं है.अलग-अलग खांचे से हैं..राजनेता के तौर पर सफल रहे हैं.छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, पूर्व वित्त मंत्री नटवर सिंह, वर्तमान केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह समेत दर्जनों नाम है जिन्होंने सिविल सेवा से होकर राजनीति का रास्ता चुना और सफल हुए.

इनकी सफलता के पीछे इनका जनता से सरोकार रखना, मुद्दों की समझ, सिविल सेवा के कथित अहंकार को त्याग राजनेता की तरह व्यवहार करने में सफल रहना भी है.देश को ऐसे मंजे हुए सड़कों से उठे संघर्षशील नेता के साथ-साथ नीतियों की समझ रखने वाले पढ़े-लिखे राजनेता की भी जरूरत है.सिर्फ बैकबेंचर ही नेता नहीं हो सकते. सिविल सेवा त्यागने वाले दर्जनों नेताओं ने अपनी पहचान को पीछे छोड़ कर खुद को जनता के नेता के रुप में स्थापित कर लिया है.हर समाज को, हर वर्ग को, हर राज्य को अपनी श्रेष्ठ प्रतिभाओं को राजनीति में आगे करने की ज़रुरत है.

क्योंकि,राजनेता गुंडे, बदमाश, मवाली, बवाली, लठैत, माफिया, धनपशु नहीं होते हैं.कोई भी विचारहीन व्यक्ति नेता नहीं हो सकता है.हनक, रौब, ज्ञान, अहंकार और रुतबे का प्रदर्शन करने वाला कोई आत्ममुग्ध व्यक्ति भी नेता नहीं हो सकता है.महज भीड़ इकट्ठा कर लेने से भी कोई राजनेता नहीं हो सकता है. मदारी भी भीड़ जुटा कर भाषण देने का काम करते हैं.

राजनेता तो वो होता है जो जनता को सुने, सुख की बात, दुख की बात, संवेदनशील होकर सुने.सही और गलत में अंतर समझा सके, गलत रास्ते पर जाने से मना करे.फरियादी के दुख पर जितना हो सके उतना मरहम लगाने की कोशिश करे.इंसान खुदा नहीं होता किंतु वह खुदा के संदेश के अनुसार दूसरों की भलाई करने की कोशिश करता है तो लोग उसे स्नेह, प्यार और सम्मान देते हैं, किसी की आस्था के केंद्र बन जाते हैं. बस उसमें जनता के बीच में उतरने का हुनर होना चाहिए, मन में संवेदना और परोपकार की भावना होनी चाहिए.तब ही आप नेता बन सकते है.

 

साभार..

Please Share On

डीएम के पास पहुंची महादलित महिलाओं ने बिजली विभाग के अ/त्याचार से बचाने की लगाई फरियाद

Please Share On

Sheikhpura:-अधिक बिजली बिल मिलने से परेशान ग्रामीणों ने शेखपुरा कलेक्ट्रेट पहुंच कर डीएम से मदद की गुहार लगाई है.जानकारी के अनुसार चेवाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत गुन्हेसा गांव के मांझी टोला में लगभग 70 घरों के लोगों को अधिक बिजली बिल मिला है. किसी को 35 हजार, तो किसी को 40 हजार तो वहीं किसी को 60 हजार तक बिजली बिल जमा करने को कहा गया है.जिस कारण वहां के ज्यादातर गरीब परिवारों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

जिसके बाद ग्रामीणों ने शेखपुरा कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला पदाधिकारी से बिजली बिल माफी की मांग की है.ग्रामीणों ने कहा कि इतना बिजली बिल जमा करने में सक्षम नहीं है.इस संबंध में जानकारी देते हुए गांव के रेशमा देवी, उरो देवी, सुलेखा देवी, शमहो देवी, फुकनी देवी सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि पहले लगे मीटर में कर्मी आकर गांव में पैसा वसूलते थे.काफी समय से आना बंद कर दिया है.

हाल के दिनों में नए कर्मियों ने जबरन इलेक्ट्रिक रिचार्ज वाला मीटर लगा दिया और सभी ग्रामीणों को अधिक बिजली बिल भी सौंप दिया है. ग्रामीणों ने कहा वे बहुत गरीब परिवार से हैं.इतना इतना बिजली बिल वे कभी जमा नहीं कर सकेंगे. वही रिचार्जेबल बिजली मीटर में अत्यधिक बिजली बिल आने की शिकायत ग्रामीणों ने की है. महिलाओं ने बताया पैसे इकट्ठे कर मीटर रिचार्ज कराते हैं. तीन से चार दिन बाद बिजली स्वतः ही कट जाती है. उसके बाद पैसे नहीं रहने के कारण करीब 10 दिन तक अंधेरे में रहते हैं.

फिर पैसा होने पर रिचार्ज कराते हैं.इसके साथ ही उनके मांझी टोला में जल की भी काफी समस्या है. पानी का पाइप तो लगाया गया परंतु उससे मात्र 15 से 20 घर लाभान्वित होते हैं. मोहल्ले में 70 घर है ज्यादातर घर दूसरे जगह से पानी लाने को मजबूर है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने DM से बिजली बिल माफी और पानी की समस्या दूर करने की भी मांग उठाई है.

Please Share On

स/नकी पति की करतूत..पहले पत्नी की ह/त्या कर श/व झाड़ियां में फेंका.. फिर दो वर्षीय बेटी को भी उतारा मौ/त के घाट

Please Share On

Sheikhpura:- बिहार में यूं तो शराब पूरी तरह से बंद है परंतु इसके बावजूद लोग जुगाड़ लगाकर शराब का सेवन कर रहे हैं। जिस कारण यह नशा कई परिवारों को तबाह कर चुका है। ऐसे ही मामला शेखपुरा में घटित हुई जहां सनकी पति ने न सिर्फ अपनी पत्नी की हत्या की बल्कि 2 साल के पुत्री की हत्या कर शव को पैन में फेंक दिया। इस घटना के बाद बच्ची के शव को जिसने भी देखा सब के मुंह में कलेजा आ गया। कई ग्रामीण तो मौके पर फूट-फूट कर रोने लगे।

जानकारी के अनुसार मेहुस थाना क्षेत्र के माफो गांव में सनकी पति का करतूत सामने आया है। जहां उसने पत्नी और पुत्री की हत्या कर अलग-अलग जगह शव को फेंक दिया। 24 घंटे के अंदर पत्नी के शव के बाद पुत्री के शव को भी बरामद कर लिया गया। हालांकि घटना के बाद से पति गांव छोड़कर फरार है। पुलिस संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है।

घटना मेंहुस थाना क्षेत्र के माफो गांव में घटित हुई है। जहां के स्थानीय निवासी मनोहर यादव के पुत्र दिनेश यादव ने पहले अपनी 28 वर्सिये पत्नी नीतू देवी की निर्मम तरीके से ईंट पत्थर से उसके चेहरे को कुचलकर हत्या की और उसके शव को मकई के खेत में फेंक दिया। उसके बाद वहां से आधा किलो मीटर की दूरी पर सड़क किनारे पैन में अपनी 2 वर्सिये पुत्री की हत्या कर शव को फेंक दिया। इस दोहरे हत्याकांड से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया आरोपी दिनेश यादव शराब और नशे का आदी था। लगातार अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट

किया करता था। मारपीट के कारण ज्यादा तर उसकी पत्नी अपने मायके में रहती थी। इसी बीच कुछ दिनों पहले पंचायती कर वह अपनी पत्नी को गांव लाया। जिसके बाद सोमवार को रात्रि करीब 10 बजे अपनी बुजुर्ग मां को पत्नी को इलाज के लिए ले जाने का कह कर घर से निकाला। इसके बाद वापस नहीं लौटा। पहले सुबह उसकी पत्नी का शव गांव के मकई के खेत से बरामद किया गया। उसके बाद लापता पुत्री की बरामदगी के लिए पुलिस कई जगहों पर छापेमारी कर

रही थी जिसके 24 घंटे के बाद बुधवार की दोपहर में गांव के पश्चिमी टोल में सड़क किनारे पैन में बच्ची के शव तैरता मिला। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है।

2017 में नीतू की दिनेश यादव के साथ हुई थी शादी

वर्ष 2017 में नीतू कुमारी की शादी हिंदू रीति रिवाज के साथ दिनेश यादव के साथ हुआ था। शादी के कुछ माह तक तो सब कुछ ठीक रहा, उसके बाद नशे के आदि दिनेश यादव ने पत्नी से मारपीट करना शुरू कर दिया। सिजेरियन ऑपरेशन से दिनेश यादव की पत्नी को दो बेटी भी हुई। उसके बावजूद दिनेश यादव अपनी करतूत से बाज नहीं आया और बेरहमी से अपनी पत्नी के साथ मारपीट करता रहा। इस मामले में कई बार परिजनों ने पंचायती भी कराई थी।

Please Share On

दरोगा वन शांभवी ने परिवार का नाम किया रौशन..2016 में मेडिकल की नीट परीक्षा में भी हुई थी सफल

Please Share On

Barbigha:-शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुटौत गांव की रहने वाली एक बेटी ने बिहार दरोगा में सफल होकर अपने परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे बरबीघा का नाम रौशन किया है.प्रखंड विकास पदाधिकारी रहे दिवंगत पिता स्वर्गीय सीताराम सिंह की पुत्री शांभवी कुमारी ने लंबे संघर्ष के बाद यह सफलता हासिल किया है. विलक्षण प्रतिभा की धनी पांच भाई बहनों में सबसे छोटी शांभवी कुमारी कुमारी ने इससे पहले वर्ष 2016 में भी मेडिकल द्वारा आयोजित नीट

की प्रवेश परीक्षा में सफलता का परचम लहराया था.लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह दाखिला नहीं ले सकी थी.हालांकि शांभवी कुमारी ने हार मानने की बजाय संघर्ष का रास्ता चुना और आखिरकार 7 वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद बिहार दरोगा में सफल होकर यह बता दिया कि बेटियां किसी भी मायनो में बेटों से कम नहीं है.कैंसर जैसी घातक बीमारी के कारण अपनी मां को खोने वाली शांभवी कुमारी ने मां को याद करते हुए बताया कि मेरी मां ने मुझे जीवन में हमेशा अनुशासन

एवं उचित मार्गदर्शन देने का काम किया.मां ने मुझे हमेशा संघर्ष में टूटने की बजाय उससे लड़ने की प्रेरणा दी थी.अगर मेरी मां आज जीवित होती तो वह मेरी सफलता पर बहुत खुश होती. परिवार वालों ने बताया कि एक बार पहले भी बिहार दरोगा में सफल हुई थी लेकिन मेरिट लिस्ट में नहीं आने के कारण सिलेक्शन नहीं हो सका था. हालांकि मां की बातों से प्रेरणा लेकर शांभवी कुमारी का संघर्ष लगातार चलता रहा.

आखिरकार बिहार दरोगा में सफल होकर शांभवी कुमारी ने जाता दिया कि संघर्ष करके कोई भी सफलता अर्जित की जा सकती है. शांभवी की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए उसके भाई आलोक कुमार ने कहा कि आज हमारा भी सीना गर्व से चौड़ा हो गया है

Please Share On

खेत में मवेशी चरा रहे बुजुर्ग के ऊपर हुई व/ज्रपात.. मौके पर हो गई मौ/त

Please Share On

Sheikhpura:-शनिवार के दोपहर खेत में मवेशी चरा रहे एक बुजुर्ग किसान के ऊपर वज्रपात होने से उसकी मौके पर मौत हो गई.मृतक बुजुर्ग किसान की पहचान जिले के कसार थाना क्षेत्र अंतर्गत कसार गांव निवासी गरीब पासवान के रूप में किया गया है.जानकारी के मुताबिक शनिवार की दोपहर गरीब पासवान अपना पशु लेकर खेतों की तरफ गया हुआ था.तभी अचानक तेज आंधी के साथ जोरदार बारिश शुरू हो गई.बारिश के दौरान ही गरीब पासवान के ऊपर वज्रपात हो गया और उसकी मौके पर मौत हो.

इसके संबंध में जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि दोपहर में तेज बारिश शुरू हो गया, उसी वक्त बुजुर्ग किसान गांव के सेवक स्थान खंधा में मवेशी चरा रहे थे. इसी दौरान बारिश में फंस गए. घर लौटने के क्रम में पास में ही बज्रपात हुई, जिसकी चपेट में आ गए. जिससे उनकी मौत हो गई.मृतक के एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं. वे किसानी और मजदूरी करके घर का भरण पोषण करते थे. घटना के बाद परिजनों ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

घटना के बाद गांव के पंचायत समिति सदस्य रोहित राज और सरपंच प्रतिनिधि पंकज कुमार कुशवाहा भी परिजनों से मिलने पहुंचे.इसके अलावे वही एक वज्रपात के अन्य घटना में शेखपुरा जिले के करीहो गांव में दुधारू मवेशी की मौत हो गई. मवेशी के मालिक गांव के ही रिंकू यादव ने जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग की है.

Please Share On

गली में पेशाब करने के वि/वाद में जमकर मा/रपीट तीन लोग हुए ज/ख्मी

Please Share On

Sheikhpura:- आने जाने वाली गली में पेशाब करने का विरोध करने पर हुए विवाद के बाद जमकर मारपीट हो गई.इस घटना में तीन लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए.जिसमें एक की स्थिति ज्यादा गंभीर बनी हुई है. घटना के बाद घयलों को इलाज के लिए शेखपुरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.

घटना चेवाड़ा थाना क्षेत्र के बरारीबीघा गांव में घटित हुई है.इस घटना में नंदे चौहान की पत्नी कौशल्या देवी, उनका बड़ा बेटा आजाद चौहान और उनका छोटा बेटा शिबू चौहान जख्मी हो गया है. इस घटना में आजाद चौहान के सर में काफी गंभीर चोटें आई. घटना के संबंध में जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि काफी समय से गली का विवाद चल रहा है.

इसी गली में उनके पड़ोसी के द्वारा कचरा फेंक दिया जाता है.शुक्रवार को उनका पड़ोसी गली में पेशाब कर रहा था, विरोध करने पर गाली गलौज करने लगा और मारपीट शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि पड़ोसी के चारों भाई लोहे की खंती और धारदार हथियार लेकर घर पर चढ़ कर जानलेवा हमला कर दिया.

जिसमें तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए. आनन फानन में सभी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना में आजाद चौहान की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है.प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर किया गया है

Please Share On

छत पर सो रही 8 वर्षीय मासूम बच्ची की कनपटी में अपराधियों ने मारी गोली मौके पर मौत

Please Share On

Sheikhpura:-शेखपुरा जिले से इस समय एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है.जहां रात्रि में छत पर सोई 8 बर्षीय बच्ची की कनपटी में गोली मार कर हत्या कर दी गई है.घटना शेखपुरा सदर प्रखंड के कुसुम्भा थाना क्षेत्र के बगैया गाँव मे घटी है. घटना को अंजाम पुरानी मर्डर को लेकर दो पक्षों में चल रही दुश्मनी में देने की बात कही जा रही है.मृतक बच्ची की पहचान गांव के

ही रामाशीष यादव की पुत्री सुधा कुमारी के रूप में किया गया है. घटना के बाद मौके पर पहुंची स्थानीय थाना पुलिस ने फिलहाल बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शेखपुरा सदर अस्पताल भेज दिया है. बच्ची के रिश्ते में चाचा लगने वाले दीपू यादव ने बताया कि घटना को अंजाम गांव के ही कुंदन यादव,चंदो यादव, आदि द्वारा दिया गया है.

दीपू यादव ने बताया कि मृतक बच्ची के पिता रामाशीष यादव हत्या के पुराने मामले में फिलहाल एक वर्षों से शेखपुरा जेल में बंद है. सूत्रों के मुताबिक एक वर्ष पहले गाँव के ही सुलो यादव के भाई की हत्या कर दी गई थी.सुलो यादव ने रामाशीष यादव और उसके अन्य परिवार पर हत्या करने का आरोप लगाया था. मामले मे रामाशीष यादव अभी जेल में बंद है. जानकारी के मुताबिक इसी पुरानी दुश्मनी में देर रात्रि छत पर सो रहे रामाशीष यादव के पुत्र की हत्या करने के आदेश से अपराधी आए थे. लेकिन अंधेरे में उसने एक बच्ची के

कनपटी में गोली मार दिया जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. घटना के बाद स्थानीय थाना अध्यक्ष अमरेश कुमार पुलिस बल के साथ गांव में कैंप कर रहे हैं. घटना के बाद एक बार फिर से दोनों पक्षों में तनाव व्याप्त हो गया है

Please Share On

कॉलेज के छत के ऊपर सड़ी गली अवस्था में मिला गायब युवक का शव..मची सनसनी

Please Share On

Sheikhpura:-गत एक सप्ताह पहले यानी 1 जून की शाम से सदर प्रखंड के मेहूस गांव से लापता एक 20 वर्षीय युवक की लाश शुक्रवार को सुंदर सिंह कॉलेज के छत के ऊपर से पुलिस ने सड़ी गली अवस्था में बरामद की. मृतक मेहूस गांव निवासी तथा लकड़ी व्यवसाई अवधेश कुमार का पुत्र धीरज कुमार बताया गया है. युवक की लाश मिलने के बाद इलाके में सनसनी फ़ैल गई है.

घटनास्थल पर खबर सुनने के बाद भारी भीड़ उमड़ पड़ी.घटना की सूचना मिलने के बाद मेहूस थाना अध्यक्ष अरुण कुमार के साथ – साथ एसडीपीओ अरविंद कुमार सिन्हा भी दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे.युवक की लाश सड़ गल जाने के कारण घटनास्थल के इर्द गिर्द काफी बदबू फैल गई थी.

फिलहाल पुलिस घटनास्थल से युवक का शव जब्त कर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल शेखपुरा भेज दिया है.बता दें कि युवक के लापता होने से संबंधित एक शिकायत स्थानीय थाना पुलिस से मृतक के पिता ने 4 दिन पहले लिखित रूप में की थी.

Please Share On

शेखपुरा के डीह कुसुम्भा गांव में किन्नर ने फांसी लगाकर की आत्मह/त्या..

Please Share On

Sheikhpura:- जिले के डीह कुसुम्भा गांव में एक किन्नर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। घटना के बाद मौके पर पहुंची कोरमा थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। मृतक की पहचान गांव के मुन्ना राम के 22 वर्षीय पुत्र मलहु कुमार के रूप में की गई है। परिजनों ने मलहु कुमार को मानसिक रूप से कमजोर बताया। मृतक दिनभर अपने गांव में इधर-उधर घूमता रहता था.

घटना के संबंध में जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि पिता मुन्ना राम मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। मुन्ना राम के पांच बच्चे हैं। जिसमें सबसे छोटा बच्चा मलहु कुमार ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया. घटना के समय सभी लोग खेत में काम करने के लिए गए हुए थे, इसी दौरान उसने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया. जब घर के लोग वापस लौटे तब उसके शव को लटका हुआ पाया। इसके बाद पैरों तले जमीन खिसक गइ.

घटना की जानकारी कोरमा थाने को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। घटना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.मृतक मलहु कुमार ने खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या क्यों कर लिया इसका कारण स्पष्ट नहीं हो सका.

परिजनों ने कहा रोजाना की तरह वह खाना खाकर घर से निकला था। जब भी वापस घर लौटे तो उसको फांसी के फंदे पर लटका पाया। उसने फांसी क्यों लगाई या किसी को पता नहीं पुलिस मामले की जांच कर रही है.मलहु कुमार को मानसिक रूप से कमजोर होने के साथ-साथ नपुंसक यानी की किन्नर भी बताया जा रहा है.

Please Share On