जिला स्तरीय ताइक्वांडो चैम्पियनशिप का शुभारम्भ…175 खिलाड़ी इस चैम्पियनशिप में ले रहे भाग

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Sheikhpura:-नवोदय विद्यालय शेखपुरा के बहुदेशीय सभागार में जिला स्तरीय ताईक्वांडो चैम्पियनशिप का शुभारम्भ हुआ. इस चैम्पियनशिप का उद्घाटन एसडीओ राहुल सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर खेल पदाधिकारी धर्मराज कुमार ,संस्कार स्कूल के प्रिंसिपल विनोद कुमार सिंह, संत कोलम्बस स्कूल के प्रिंसिपल श्रवण सिन्हा, जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य विनय कुमार,खेल शिक्षक राकेश कुमार,गौरव कुमार,सुभाष कुमार, ताइक्वांडो

कोच, अमर कुमार,कुंदन कुमार, खुशबु कुमारी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे. अमर कुमार ने बताया कि इस जिला स्तरीय ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में जिले के विभिन्न क्लब से जुड़े 175 बच्चे भाग ले रहे हैं. इस मौके पर उन्होंने उपस्थित खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में मौजुद एसडीओ राहुल सिन्हा ने खिलाड़ियों से कहा कि आप अपना

लक्ष्य जरुर निर्धारित करें. इसके साथ ही उस लक्ष्य को पाने के लिये जोरदार मेहनत करें. जो अपने क्षेत्र में ज्यादा मेहनत करते हैं वहीं सफल होते हैं.उन्होंने बच्चों को महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बारे में बताते उनसे प्रेरणा लेने की अपील की. इस मौके पर जिला खेल पदाधिकारी धर्मराज कुमार ने भी खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों के सर्वांगींण विकास में खेल का बड़ा रोल है. खेल से शारीरिक और मानसिक दोनों तरह का विकास होता है.

इसमें करियर की भी संभावनाए है. इस मौके पर जिला ताइक्वांडो एसोशियेशन के जिला सचिव विश्वजीत कुमार ने कहा कि शेखपुरा बेहद छोटा जिला है. इसके बाबजूद ताइक्वांडो खेल में जिले के कई खिलाड़ियों ने अपना दमखम दिखाते हुए राष्ट्रीय पर पदक जीत कर अंतर्राष्टीय स्तर पर अपनी धमक दी है. जो इस जिले को गौरवांवित कर रहे हैं.

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ट्रेन से गिरकर शेखपुरा रेलवे स्टेशन मास्टर गंभीर रूप से हुए जख्मी

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Sheikhpura:- किउल से पटना जाने के क्रम में ट्रेन चढ़ने के दौरान किउल आउटर सिंग्नल के समीप गिरकर शेखपुरा रेलवे स्टेशन के मास्टर संजय प्रसाद गंभीर रूप से जख्मी हो गए. घटना के बाद आनन-फानन में उन्हें सदर अस्पताल लखीसराय लाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें पटना रेफर किया गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद किउल, लखीसराय के साथ शेखपुरा के भी कई रेलवे के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्हें पटना के करबिगहिया स्थित रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया.

स्थिति को गंभीर देखते हुए उन्हें फोर्ड निजी अस्पताल शिफ्ट किया गया है. घायल स्टेशन मास्टर जिंदगी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. घटना के बाद परिजन भी अस्पताल पहुंच गए. उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. घटना उनका एक पैर बुरी तरह से जख्मी हुआ है. जानकारी के अनुसार वे सुबह पटना जाने के लिए निकले थे. शेखपुरा से बस के माध्यम से लखीसराय पहुंचे वहां पटना जाने वाली ट्रेन में चढ़ने के दौरान अनियंत्रित होकर गिर गए और गंभीर रूप से जख्मी हो

गए. खास तौर पर उनका पैर गंभीर रूप से जख्मी हो गया. घटना के बाद सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से उन्हें रेफर किया गया. घायल स्टेशन मास्टर के सहयोगियों ने बताया की पटना ले जाने के लिए सदर अस्पताल से एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराया गया.

एंबुलेंस चालक एंबुलेंस में कमियां गिनाते रहे. इसके बाद एक निजी एंबुलेंस को भाड़ा पर लेकर उन्हें पटना ले जाया गया. अस्पताल की लापरवाही से काफी देर तक स्टेशन मास्टर दर्द से कराहते रहे. स्टेशन मास्टर हमेशा ट्रेन के माध्यम से ही पटना जाया करते थे.

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सदर अस्पताल के महिला गार्ड की गला दबाकर हुई हत्या..प्रेमी पर लग रहा आरोप

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Sheikhpura:- सदर अस्पताल में गार्ड के पद पर तैनात महिला की कथित तौर पर अवैध संबंध में गला दबाकर हत्या किए जाने का मामला सामने आया है.यही नहीं हत्या कर उसके शव को जलाने का प्रयास किया जाने लगा. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया.

जानकारी के अनुसार मृतक महिला की पहचान मखदुमपुर के रहने वाले धनेश्वर यादव की पुत्री लवली कुमारी के रूप में की गई है. लवली कुमारी सदर अस्पताल में गार्ड के रूप में कार्यरत थी.इसकी शादी लगभग 8 साल पहले लखीसराय के पिपरिया थाना क्षेत्र के गांव में हुई थी. शादी के बाद कई बरसों बाद तक उसका पति घर नहीं लौटा.

इस बीच मृतक महिला अपने ही भाभी के भाई गुलसन कुमार के संपर्क में आ गई और कई वर्षों तक दोनों का संबंध जारी रहा. गुलशन कुमार भी शेखपुरा में किराए का मकान लेकर कई वर्षों तक रहा. इस दौरान मृतक महिला ने भाभी के भाई यानी गुलसन के पिता की तबीयत खराब होने पर 3 लाख रुपये की सहायता भी की. इसी बीच उसके प्रेमी गुलसन कुमार दूसरी जगह शादी करने लगा.भनक लगने के बाद महिला लखीसराय के कुरौता गाँव पहुंची जहां दोनों के बीच विवाद होने लगी.

इसी बीच उसने महिला की गला दबाकर हत्या कर दी और चुपचाप उसके शव को जलाने के लिए गंगा घाट पहुंच गया. इसकी सूचना मिलने के बाद मरांची थाने के पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और स्थानीय थाने में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.मां की हत्या उसके दोनों बच्चों ने अपने आंखों से देखी थी. बच्चों ने पुलिस को सारी जानकारी दी.इस मामले में स्थानीय मरांची थाने में कई लोगों के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज की गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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देश के सियासत की दिलचस्प कहानी: जब लालू प्रसाद यादव को BJP ने ही बनवाया था मुख्यमंत्री..पढ़िए पूरी खबर

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Desk:-आज के राजनीतिक परिदृश्य में लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) आरएसएस (RSS) और बीजेपी (BJP) का विरोध करने वालों में सबसे बड़ा नाम हैं. लेकिन हमेशा ऐसा नहीं रहा है.एक समय ऐसा भी आया था जब लालू ने बीजेपी से समर्थन लेकर बिहार में अपनी सरकार बनाई थी.यह भी कह सकते हैं कि लालू यादव पहली बार बीजेपी के समर्थन से ही मुख्यमंत्री बने थे.यह वह दौर था जब देश में मंडल और कमंडल की राजनीति जोर पर थी. लेकिन कांग्रेस विरोध के नाम पर दोनों दल साथ आ गए थे.लालू के एक कदम ने दोस्ती को हमेशा-हमेशा के लिए तोड़ दिया.इसके बाद लालू बीजेपी और आरएसएस विरोध के प्रतीक बन गए.

हम बात कर रहे हैं 1990 के दशक की.बोफोर्स कांड के बाद कांग्रेस से बगावत करने वाले वीपी सिंह प्रधानमंत्री बन चुके थे. साल 1990 में हुए बिहार की 10वीं विधानसभा चुनाव के समय देश में मंडल और राम मंदिर आंदोलन का जोर था. लेकिन कांग्रेस के विरोध में मंडल और कमंडल की राजनीति करने वाले दल एक साथ आ गए थे.केंद्र में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार चल रही थी.उसे बीजेपी बाहर से समर्थन दे रही थी.

इस दौरान 1990 में बिहार में विधानसभा के चुनाव कराए गए. 324 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस को केवल 71 सीटें ही मिलीं.वहीं जनता दल को 122 सीटें मिली थीं. सरकार बनाने के लिए 163 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी. ऐसे में जनता दल को बिहार में सरकार बनाने के लिए 41 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी. उस चुनाव में बीजेपी को 39 सीटें मिली थीं. बीजेपी ने सरकार बनाने के लिए जनता दल को समर्थन दिया.नया नेता चुनने के लिए जनता दल के विधायकों की बैठक हुई. इसमें प्रधानमंत्री वीपी सिंह की पहली पसंद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और दलित नेता राम सुंदर दास. लेकिन उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल और चंद्रशेखर की मदद से अपनी दावेदारी पेश की.विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री रामसुंदर दास और लालू यादव के बीच मुकाबला हुआ.इसमें लालू यादव ने बाजी मार ली. इसके बाद लालू यादव ने 10 मार्च 1990 को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

उधर मंडल और कमंडल की यह दोस्ती बहुत दिनों तक नहीं चली.उन दिनों पैर पसार रही मंडल की राजनीति से मुकाबला करने के लिए बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से अयोध्या तक की रथयात्रा शुरू की. यह रथयात्रा अयोध्या में राम मंदिर के लिए समर्थन जुटाने के लिए थी.मंडल की राजनीति करने वाले लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी को 23 अक्टूबर 1990 को समस्तीपुर में गिरफ्तार करवा दिया. इससे नाराज हुई बीजेपी ने केंद्र की वीपी सिंह सरकार और बिहार की लालू प्रसाद यादव की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया.

बीजेपी के समर्थन वापसी से वीपी सिंह की सरकार तो गिर गई. लेकिन लालू अपनी सरकार बचा पाने में कामयाब रहे. लालू ने बीजेपी में ही बगावत करवा दी.इस बगावत के सूत्रधार बने थे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष इंदरसिंह नामधारी. लालू की सरकार को बीजेपी के बागियों के अलावा सीपीआई के 23,सीपीएम के 6, झारखंड मुक्ति मोर्चा के 19, आईपीएफ के सात और कुछ निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला.

लेखक एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार हैं

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इलाहाबाद बैंक शेखपुरा के लॉकर से सोना हुआ गायब.. पुलिस ने मैनेजर सहित कई लोगों को हिरासत में लिया

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Sheikhpura:-ग्राहकों द्वारा बैंकों के सुरक्षित लॉकर में रखे गए कीमती सामग्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा होना शुरू हो गया है। सुरक्षित के दृष्टि से लोग अपने कीमती सामानों को बैंक में जमा करते हैं। लेकिन अब बैंक में काम करने वाले कर्मी ही लालच में आकर ग्राहकों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। ऐसे ही ताजा मामला सामने आया है जहां शेखपुरा के पटेल चौक के समीप संचालित इलाहाबाद बैंक शेखपुरा शाखा के लॉकर से लगभग 2 करोड रुपए से ज्यादा के सोने के ज्वेलरी गायब होने का मामला सामने आया है। इस घटना ने बैंकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया। घटना के बाद हरकत में आए बैंक प्रशासन और शेखपुरा पुलिस ने इस मामले में बैंक मैनेजर सहित कई कर्मियों को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू कर दी

मामले का खुलासा तब हुआ जब शेखपुरा जिले के चेवाड़ा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत करण्डेय गांव के एक व्यक्ति ने जरूरी काम से सोने के ज्वेलरी को बैंक के लॉकर में गिरवी रखकर पैसे बैंक से लिए थे। इसके बाद उन्होंने पैसे को चुकाकर वापस अपना ज्वेलरी मांगा तो बैंक के कर्मी आनाकानी करने लगे। कई दिनों तक उन्हें बैंक का चक्कर लगवाए। उसके बाद लॉकर की चाभी खो जाने का बहाना देकर उन्हें बैंक का चक्कर लगवाने लगे। इसके बाद पीड़ित ग्राहक को शक हुआ और उन्होंने इसकी जानकारी बैंक के उच्च अधिकारियों और शेखपुरा पुलिस को दी.

जिसके बाद मामला सामने आया। इससे पहले भी शेखपुरा जिले के बरबीघा बाजार में संचालित आशीर्वाद गोल्ड फाइनेंस बैंक से बैंक मैनेजर और अन्य कर्मियों के मिली भगत से 2 करोड रुपए से ज्यादा के सोने की लूट हुई थी इसमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा किया था.घटना की जांच में जुटे शेखपुरा पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया। जिसमें बैंक के मैनेजर, कैशियर सहित अन्य कर्मी शामिल है। फिलहाल कितने लोगों को गिरफ्तारी हुई है यह जानकारी थाने के पुलिसकर्मी नहीं दे रहे हैं।

जांच का हवाला देखकर पुलिस भी अपना मुंह नहीं खोल रही है। पुलिस गहराई से अनुसंधान में लगी हुई है। इस मामले में कई अन्य लोगों के गिरफ्तारी होने की अभी संभावनाएं जताई गई हैं।घटना की जानकारी बिहार स्टेट में क्षेत्रीय प्रबंधक को भी मिली। जिसके बाद पटना और मुंगेर से बैंक से जुड़े उच्च अधिकारियों की टीम जांच के लिए शेखपुरा शाखा पहुंचे। जहां गहनता से जांच कीया। इस मौके पर उनके साथ शेखपुरा टाउन थाना अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार के अलावा अन्य पुलिस बल भी मौजूद रहे। कर्मियों की कमी के कारण बैंक का काम प्रभावित हुआ ज्यादातर लोग बैंक के कार्य के लिए आए और वापस अपने घर को लौट गए. पुलिस ने बताया कि मामला जांच के अधीन रखा गया है.

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हीट वेब की चपेट में आने से दरोगा की हुई मौत..तीन महीने पहले शेखपुरा से मुंगेर हुआ था ट्रांसफर

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Munger:-मुंगेर जिले के यातायात थाना में पदस्थापित भोजपुर जिले के बड़हरा थाना स्थित चातर गांव निवासी दरोगा ददन प्रसाद सिंह की हिट वेब की चपेट में आने से गुरुवार की देर रात इलाज के क्रम में एक निजी अस्पताल में मौत हो गई. बताया जाता है कि गुरुवार की दोपहर ड्यूटी के दौरान दरोगा ददन प्रसाद सिंह की तबीयत बिगड़ने लगी थी. इसके बाद उन्होंने ड्राइवर से पुलिस लाइन स्थित अपने बैरक में पहुंचाने के लिए कहा.पुलिस लाइन पहुंच उन्होंने पानी व ओआरएस का घोल पिया तथा लघुशंका के गए.

वहां से लौटते समय अचानक चक्कर खाकर गिरे व बेहोश हो गए। इसके बाद पुलिस लाइन के जवानों की मदद से उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से उन्हीं के मोबाइल से पुलिस के जवानों ने उनके पुत्र को फोन किया कि उनके पिता की तबीयत खराब है, वे लोग जल्दी मुंगेर पहुंचे। इस क्रम में सदर अस्पताल में स्थित नाजुक होने पर उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गई।

शुक्रवार की सुबह पोस्टमार्टम के बाद उनके शब को पुलिस लाइन लाया गया। जहां एसपी सैयद इमरान मसूद ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित किया। इसके बाद परिजनों को शव सुपुर्द कर दिया गया तथा पुलिस के वाहन से भोजपुर के लिए रवाना कर दिया गया। इधर पति की मौत के बाद मृतक दरोगा ददन प्रसाद सिंह की पत्नी कल्याणी देवी चित्कार मारकर रो रही थी तथा कह रही थी कि उनका दो माह से वेतन बंद था। जिसके कारण वह काफी डिप्रेशन में चल रहे थे।

हमें पैसा नहीं चाहिए। इस क्रम में ददन प्रसाद सिंह के बड़े पुत्र अंकुर प्रकाश ने बताया कि ईद के दिन उनके पिता ड्यूटी पर 17 मिनट विलंब से पहुंचे थे। इस कारण डीएसपी ट्रैफिक ने उनके पिता के खिलाफ एसपी को रिपोर्ट किया था। इसके बाद से उनके पिताजी का वेतन बंद कर दिया गया था। इस मामले को लेकर उनके पिता एसपी से भी मिले थे। तब एसपी साहब ने उन्हें अराइवल रिपोर्ट भिजवाने को कहा था, लेकिन डीएसपी ट्रैफिक अराइवल रिपोर्ट देने में अकारण विलंब कर रहे थे।

इसके कारण उनके पिता चिंतित चल रहे थे। अंकुर प्रकाश ने बताया कि उनके पिता का स्थानांतरण चुनाव से पूर्व मुंगेर हुआ था। वे शेखपुरा से मुंगेर आए थे। उनकी उम्र 59 वर्ष तीन माह थी। वे स्थानांतरण के समय च्वाइस पोस्टिंग के लिए आवेदन किए थे, लेकिन उन्हें च्वाइस पोस्टिंग नहीं मिली थी। नौ माह बाद वे सेवानिवृत होने वाले थे। मृतक दारोगा ददन प्रसाद से अपने पीछे अपनी पत्नी कल्याणी देवी व तीन पुत्र अतुल आनंद, अंकुर प्रकाश व अंकित शाहावादी को छोड़ गए हैं।

एसपी सैयद इमरान मसूद ने बताया कि दरोगा ददन प्रसाद सिंह यातायात थाना में पदस्थापित थे। गुरुवार को ड्यूटी के बाद उनकी तबीयत अचानक खराब हुई। उनके इलाज के लिए पूरा प्रयास किया गया लेकिन इलाज के क्रम में उनकी मृत्यु हो गई। अभी यह क्लियर नहीं है कि किस कारण से उनका मृत्यु हुई है। पहले से भी उनका तबीयत खराब रहने के कारण भी मृत्यु हुई हो सकती है.शोक सलामी के बाद उनके परिजनों को पार्थिव शरीर को सौंप दिया तथा पटना के लिए रवाना कर दिया गया।

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भुगतान पा चुके किसान की हाईकोर्ट में हुई जीत..नई दर से किसानों को भुगतान करने का दिया गया आदेश

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Barbigha-शेखपुरा से बरबीघा होते हुए दनियावां के रास्ते पटना के नेउरा तक बनने वाली रेलवे लाइन हेतु बरबीघा के नारायणपुर मौजा में अधिग्रहित किए गए 23 और किसानों के हक में हाई कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया है. दरअसल यह सभी वैसे किसान हैं जिन्होंने पहले ही रेलवे से भुगतान प्राप्त कर लिया था.हाई कोर्ट में किसानों के लिए मुकदमा लड़ने में अगुवाई कर रहे शेरपर गांव के ग्रामीण मिथिलेश कुमार उर्फ मिट्ठू सिंह ने बताया वर्ष 2003 में तत्कालीन रेल

मंत्री नीतीश कुमार ने रेल लाइन बनाने हेतु स्वीकृति प्रदान किए थी. 2008 में जमीन अधिग्रहण संबंधित अधिसूचना जारी हुआ था.उस समय बरबीघा के नारायणपुर मौजा में किसानों के अधिग्रहित जमीन के बदले अधिकतम ₹3300 प्रति डिसमिल का भुगतान करने की राशि तय की गई थी.उस समय कुल 23 किसानों ने बिना किसी अनापत्ति के रेलवे से जमीन के बदले पैसा प्राप्त कर लिया था. इसके बाद रेलवे और जिला प्रशासन द्वारा अधिग्रहित जमीन के मूल्य

निर्धारण को किसान नेता रंजीत कुमार द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. लंबी लड़ाई के बाद वर्ष 2019 में हाईकोर्ट ने किसानों के हक में फैसला देते हुए रेलवे और जिला प्रशासन को 01-01-2014 के अनुसार अधिकतम मूल्य भुगतान करने का आदेश दिया था.इसके बाद भी करीब चार वर्षों तक मुंगेर के विशेष लारा कोर्ट में मूल्य निर्धारण को लेकर जिला प्रशासन और किसानों के बीच लंबी कानूनी लड़ाई चलती रही.

इस दौरान किसानों ने जोरदार धरना प्रदर्शन भी किया. आखिरकार लारा कोर्ट ने भी न्यूनतम 99500 प्रति डिसमिल के डर से किसानों को भुगतान करने का आदेश दिया.लारा कोर्ट के इस फैसले के बाद पहले ही अपना भुगतान प्राप्त कर चुके शेरपर गांव के 23 किसान भी हाईकोर्ट पहुंच गए.हाई कोर्ट में किसानों ने दलील दिया कि एक ही मौजा में हम सभी का जमीन होने के कारण क्यों ना हमें भी अधिकतम मूल्य के दर से भुगतान किया जाए. मिथिलेश कुमार उर्फ मिट्ठू सिंह

ने बताया किसानों का पक्ष सुनने के बाद बीते 14 मई को हाईकोर्ट ने शेष 23 किसानों को भी अधिकतम मूल्य के दर से भुगतान करने का आदेश रेलवे और जिला प्रशासन को दिया है. सोमवार को इस संबंध में किसानों का एक दल जिला अधिकारी से भी मिला.किसानों ने हाईकोर्ट के आदेश से अवगत कराते हुए पहले भुगतान पा चुके किसानों के लिए भी नई दर से भुगतान की दिशा में पहल करने की मांग की है.

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अचानक विद्यालय में बेहोश होकर एक के बाद एक गिरने लगे छात्र शिक्षकों में मच गई अफरा तफरी अस्पताल में कराया गया भर्ती

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Sheikhpura:-उमस और भीषण गर्मी से मध्य विद्यालय मनकौल में पढ़ने वाले दो दर्जन बच्चों की तबीयत बिगड़ गई.एक के बाद एक बच्चे बेहोश होकर गिरने लगे.घटना के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया घटना के बाद आनंद-फानन में कुछ बच्चों को सदर अस्पताल लाया गया जहां इलाज चल रहा है.

जबकि दो बच्चों को निजी क्लीनिक में भी भर्ती कराया गया है.समय पर एम्बुलेंस नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा गया. घटना के बाद काफी संख्या में ग्रामीण भी विद्यालय पहुंच गए और बेहोश छात्राओं को चेहरे पर पानी देकर होश में लाने का प्रयास करते रहे. ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग के लापरवाही का आरोप लगाते हुए गांव के पास मुख्य मार्ग को भी जाम कर दिया और हंगामा करने लगे.

फिलहाल सभी बच्चों का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि भीषण गर्मी में भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मजबूर किया जा रहा है. इस वजह से बच्चे सुबह भूखे स्कूल चले जा जाते है. जिला भीषण गर्मी की चपेट में है. अगर जल्द ही इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया तो बच्चों के साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है.

 

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बिजली खंभे पर तार जोड़ने के दौरान करंट की चपेट में आने से मिस्त्री की मौत दो घंटे तक लटका रहा शव

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Sheikhpura:-शेखपुरा जिले के कोरमा थाना क्षेत्र के गगौर गांव में विद्युत खंभा पर चढ़कर बिजली तार जोड़ने के दौरान हाई वोल्टेज तार में आये करंट की चपेट में आने से बिजली मिस्त्री की खंभे पर ही मौत हो गई.हाई टेंशन तार की चपेट में आने से उसके शरीर के पूरे हिस्से में आग लग गई. करीब 2 घंटे तक उसका शव तार पर झूलता रहा.

यह भयावह स्थिति देख ग्रामीणों के रोंगटे खड़े हो गए. घटना के बाद काम करवा रहे ठेकेदार और अन्य मजदूर मौके से फरार हो गए. घटना की सूचना मिलने के बाद कोरमा थाना अध्यक्ष आयुष कुमार घटना स्थल पर पहुंचे और करीब 2 घंटे के बाद उसके शव को नीचे उतारा गया. जिसके बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया.

मृतक की पहचान करकी गांव के रहने वाले पहलाद पासवान के रूप में की गई है. वह बिजली विभाग में निजी कर्मी के रूप में काम कर रहा था. जानकारी के अनुसार 11000 बोल्ट वाले विद्युत तार को जोड़ने के लिए खंबे पर चढ़ा था. इसी दौरान कटारी फीडर से विद्युत चालू कर दिए जाने के कारण युवक की मौत हो गई

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कौन बनेगा करोड़पति टीवी सीरियल में भेजने के नाम पर छत्तीसगढ़ के व्यक्ति से शेखपुरा के युवकों ने ठग लिया 3.50 लाख रुपैया

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Sheikhpura:- शेखपुरा जिला के शेखोपुरसराय प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कबीरपुरा गांव के रहने वाले दो सहोदर भाइयों ने छत्तीसगढ़ के आदमी से कौन बनेगा करोड़पति शो में भेजने के नाम पर लाखों रुपया का ठगी कर लिया. घटना के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने टावर लोकेशन के आधार पर गुरुवार की रात्रि दोनों भाइयों को घर से ही गिरफ्तार कर लिया. शुक्रवार को शेखपुरा कोर्ट में पेश करने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस दोनों को अपने साथ लेकर चली गई.

जानकारी के मुताबिक कौन बनेगा करोड़पति के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने के नाम पर ऑनलाइन साढ़े तीन लाख रुपए की ठगी की गई है.घटना के बाद छत्तीसगढ़ के स्थानीय थाना में साइबर क्राइम संबंधित एक मामला दर्ज कराया गया था.अनुसंधान के क्रम में दोनों भाइयों की पहचान करने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य की पुलिस टीम के साथ डीआईयू टीम शेखपुरा ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.छापामार दल में डीआईयू के प्रभारी सह पुलिस इंस्पेक्टर अवधेश कुमार तथा छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिला से पहुंची पुलिस टीम के पदाधिकारी रमेश चंद्रा सहित अन्य शामिल थे.

गिरफ्तार इवको की पहचान कबीरपुर गांव निवासी अरविंद यादव के पुत्र रवीश कुमार और राजीव कुमार के रूप में की गई है.जानकारी के मुताबिम कुछ महीने पूर्व सरगुजा जिला के सीतापुर थाना में कौन बनेगा करोड़पति के नाम पर साइबर ठगी किए जाने से संबंधित एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.जिसमे साइबर ठगों द्वारा साढ़े तीन लाख रुपए की ठगी की गई थी.उक्त मामले के अनुसंधान के क्रम में गिरफ्तार युवकों के मोबाइल के टावर लोकेशन के आधार पर छत्तीसगढ़ पुलिस यहां पहुंची. जहां पुलिस को दोनो को गिरफ्तार करने में सफलता मिली.

गिरफ्तार किए गए दोनों भाइयों में से एक भाई दिल्ली में विभिन्न एटीएम से ठगी के रुपयों की निकासी करता था.दोनों भाइयों ने पश्चिम बंगाल के एक फर्जी व्यक्ति के नाम से बैंक में खाता भी खुलवा रखा था.ठगी के रूपयों को उसी खाते में मंगाया करता था.इस दौरान एक तीसरे युवक को भी गिरफ्तार किया गया था लेकिन उसकी संलिपिटता नहीं होने के कारण बाद में उसे छोड़ दिया गया.

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