हनक, रौब, ज्ञान, अहंकार और रुतबे का प्रदर्शन करने वाला कोई आत्ममुग्ध व्यक्ति नेता नहीं हो सकता है..नेता बनने के लिए तो!!

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Desk:-इतिहास में नेताओं की खेप पर नजर डाले तो कोई सड़क पर संघर्ष से उभरता है तो कोई फिल्मों से मिली लोकप्रियता का लाभ उठाकर नेता बन जाता है. कोई बाप की विरासत संभालता है, कोई छल कपट से सत्ता हासिल कर लेता है.कोई अपनी कर्तव्यनिष्ठा और वफादारी से शिखर तक पहुंच जाता है.

अलाउद्दीन खिलजी ने छल से सत्ता हासिल किया, इल्तुतमिश गयासुदीन बलबन का गुलाम था, शेर शाह बहार खान लोहानी का अंगरक्षक था, अकबर हुमायूं का बेटा था, जवाहर लाल नेहरू सोने की चम्मच लेकर पैदा हुए वकील मोती लाल नेहरु के पुत्र थे, इन्दिरा जवाहर की गुड़िया बेटी थीं.लाल बहादुर शास्त्री सामान्य परिवार के पुत्र थे. वीपी सिंह राजा के बेटे थे.

संघर्ष से उभरे शरद पवार, शरद यादव, नीतीश कुमार (किसान के बेटे) लालू प्रसाद यादव गरीब पशुपालक पुत्र, नरेंद्र मोदी गरीब परिवार के पुत्र सबका अपना-अपना हुनर है.किसी एक खांचे से नहीं है.अलग-अलग खांचे से हैं..राजनेता के तौर पर सफल रहे हैं.छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, पूर्व वित्त मंत्री नटवर सिंह, वर्तमान केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह समेत दर्जनों नाम है जिन्होंने सिविल सेवा से होकर राजनीति का रास्ता चुना और सफल हुए.

इनकी सफलता के पीछे इनका जनता से सरोकार रखना, मुद्दों की समझ, सिविल सेवा के कथित अहंकार को त्याग राजनेता की तरह व्यवहार करने में सफल रहना भी है.देश को ऐसे मंजे हुए सड़कों से उठे संघर्षशील नेता के साथ-साथ नीतियों की समझ रखने वाले पढ़े-लिखे राजनेता की भी जरूरत है.सिर्फ बैकबेंचर ही नेता नहीं हो सकते. सिविल सेवा त्यागने वाले दर्जनों नेताओं ने अपनी पहचान को पीछे छोड़ कर खुद को जनता के नेता के रुप में स्थापित कर लिया है.हर समाज को, हर वर्ग को, हर राज्य को अपनी श्रेष्ठ प्रतिभाओं को राजनीति में आगे करने की ज़रुरत है.

क्योंकि,राजनेता गुंडे, बदमाश, मवाली, बवाली, लठैत, माफिया, धनपशु नहीं होते हैं.कोई भी विचारहीन व्यक्ति नेता नहीं हो सकता है.हनक, रौब, ज्ञान, अहंकार और रुतबे का प्रदर्शन करने वाला कोई आत्ममुग्ध व्यक्ति भी नेता नहीं हो सकता है.महज भीड़ इकट्ठा कर लेने से भी कोई राजनेता नहीं हो सकता है. मदारी भी भीड़ जुटा कर भाषण देने का काम करते हैं.

राजनेता तो वो होता है जो जनता को सुने, सुख की बात, दुख की बात, संवेदनशील होकर सुने.सही और गलत में अंतर समझा सके, गलत रास्ते पर जाने से मना करे.फरियादी के दुख पर जितना हो सके उतना मरहम लगाने की कोशिश करे.इंसान खुदा नहीं होता किंतु वह खुदा के संदेश के अनुसार दूसरों की भलाई करने की कोशिश करता है तो लोग उसे स्नेह, प्यार और सम्मान देते हैं, किसी की आस्था के केंद्र बन जाते हैं. बस उसमें जनता के बीच में उतरने का हुनर होना चाहिए, मन में संवेदना और परोपकार की भावना होनी चाहिए.तब ही आप नेता बन सकते है.

 

साभार..

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नवादा सांसद से भाजपा कार्यकर्ताओं ने कर दी बड़ी डिमांड..ज्ञापन सौप पर कराया अवगत

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Sheikhpura:-पिछले दिनों जिले के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने शेखपुरा पहुंचे नवादा के सांसद विवेक ठाकुर से मिलकर कर भाजपा नेताओ ने  बड़ी डिमांड कर दी है.भाजपा नेता सचिन सौरभ ने बरबीघा रेलवे स्टेशन का नाम बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री और महान स्वाधीनता सेनानी रहे डॉक्टर श्रीकृष्ण सिंह के नाम पर रखने को लेकर ज्ञापन दिया है.

उन्होंने ज्ञापन देते हुए कहा है कि डॉ श्री कृष्ण सिंह आधुनिक बिहार के निर्माता एवम स्वतंत्रता-संग्राम के अग्रगण्य सेनानी थे.बिहार केसरी डा श्रीकृष्ण सिंह उर्फ श्री बाबू स्वाधीनता की प्राप्ति के बाद, बिहार के नवनिर्माण के लिए उन्होंने जो आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक एवम औद्योगिक विकास बिहार के लिए किया, वह अद्वितीय अभूतपूर्व एवं अविस्मरणीय है.

चाहे दलित भाइयों का देवघर बाबा धाम मंदिर में प्रवेश की बात हो,खुद जमींदार परिवार से होकर जमींदारी प्रथा उन्मूलन की बात हो ,या फिर बरौनी रिफायनरी स्टील प्लांट जैसे बड़े-बड़े उद्योग की शुरुआत बिहार में कराने का हो.हमेशा से श्री बाबू बिहार के विकास एवं राष्ट्र के नवनिर्माण की भूमिका में अति सक्रिय भूमिका निभाते हुए उक्त कार्यों का सफलतापूर्वक संपादन किया.इसलिए बरबीघा रेलवे स्टेशन का नाम डॉक्टर श्री बाबू के नाम पर रखकर उनको उचित सम्मान देने

की यह पहल, संपूर्ण बिहारवासियों के लिए सार्थक होगी। वहीं सांसद ने इस विषय पर सकारात्मक पहल करने की बात कही है.बताते चलें श्री बाबू का जन्म बरबीघा के माऊर गांव में में हुआ था. बरबीघा, नवादा लोकसभा के अंतर्गत आता है. इसलिए बरबीघा रेलवे स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखने की मांग पिछले कई वर्षों से चल रही है

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पूर्वा एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार होकर घर लौट रहा था युवक.. ठंडा पानी पीते ही हो गया बे/होश

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Barbigha:-दिल्ली से पूर्वा एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार होकर वापस अपने गांव लौट रहा एक युवक नशा खुरानी गिरोह का शिकार हो गया.घटना के बाद लगातार बेहोश हो रहे युवक को इलाज के लिए बुधवार को रेफरल अस्पताल बरबीघा में भर्ती कराया गया है. युवक की पहचान जिले के शेखोपुरसराय प्रखंड क्षेत्र के अंबारी गांव निवासी राजेंद्र पासवान के 35 वर्षीय पुत्र प्रदीप पासवान के रूप में किया गया है.

घटना को लेकर पीड़ित ने बताया कि वह सोमवार को सुबह 9:00 बजे ट्रेन के जनरल डिब्बे में सवार हुआ था.शाम में तीन चार बजे के आसपास सामने के सीट पर बैठे कुछ लोगों ने उसे ठंडा पानी पीने के लिए दिया था.पानी पीने के बाद उसे कुछ भी होश नहीं रहा.मंगलवार को पटना पहुंचने पर उसी डब्बे में दूसरे सीट पर बैठे उसके भाई ने उसे बेहोशी की अवस्था में पकड़कर ट्रेन से नीचे उतारा था. बेहोश करने के बाद नशा खुरानी गिरोह के सदस्यों ने उसका बैग और पॉकेट में रखा सारा पैसा लेकर फरार हो गए थे.

किसी तरह मंगलवार की देर संध्या युवक को लेकर परिजन अपने गांव पहुंचे. लेकिन बुधवार को सुबह वह फिर से घर में बेहोश होने लगा. इसके बाद परिजनों के द्वारा उसे इलाज के लिए रेफरल अस्पताल बरबीघा में भर्ती कराया गया. इलाज कर रहे डॉक्टर आनंद कुमार ने बताया कि अत्यधिक नशीला पदार्थ खिला देने के कारण उसकी यह स्थिति हुई है. फिलहाल पीड़ित की स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है

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पूर्वा एक्सप्रेस पर सवार होकर लौट रहा था घर..ठंडा पानी पीते ही हो गया बेहोश

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Barbigha:-दिल्ली से पूर्वा एक्सप्रेस ट्रेन पर सवार होकर वापस अपने गांव लौट रहा एक युवक नशा खुरानी गिरोह का शिकार हो गया.घटना के बाद लगातार बेहोश हो रहे युवक को इलाज के लिए बुधवार को रेफरल अस्पताल बरबीघा में भर्ती कराया गया है. युवक की पहचान जिले के शेखोपुरसराय प्रखंड क्षेत्र के अंबारी गांव निवासी राजेंद्र पासवान के 35 वर्षीय पुत्र प्रदीप पासवान के रूप में किया गया है.

घटना को लेकर पीड़ित ने बताया कि वह सोमवार को सुबह 9:00 बजे ट्रेन के जनरल डिब्बे में सवार हुआ था.शाम में तीन चार बजे के आसपास सामने के सीट पर बैठे कुछ लोगों ने उसे ठंडा पानी पीने के लिए दिया था.पानी पीने के बाद उसे कुछ भी होश नहीं रहा.मंगलवार को पटना पहुंचने पर उसी डब्बे में दूसरे सीट पर बैठे उसके भाई ने उसे बेहोशी की अवस्था में पकड़कर ट्रेन से नीचे उतारा था. बेहोश करने के बाद नशा खुरानी गिरोह के सदस्यों ने उसका बैग और पॉकेट में रखा सारा पैसा लेकर फरार हो गए थे.

किसी तरह मंगलवार की देर संध्या युवक को लेकर परिजन अपने गांव पहुंचे. लेकिन बुधवार को सुबह वह फिर से घर में बेहोश होने लगा. इसके बाद परिजनों के द्वारा उसे इलाज के लिए रेफरल अस्पताल बरबीघा में भर्ती कराया गया. इलाज कर रहे डॉक्टर आनंद कुमार ने बताया कि अत्यधिक नशीला पदार्थ खिला देने के कारण उसकी यह स्थिति हुई है. फिलहाल पीड़ित की स्थिति खतरे से बाहर बताई गई है

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डीएम के पास पहुंची महादलित महिलाओं ने बिजली विभाग के अ/त्याचार से बचाने की लगाई फरियाद

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Sheikhpura:-अधिक बिजली बिल मिलने से परेशान ग्रामीणों ने शेखपुरा कलेक्ट्रेट पहुंच कर डीएम से मदद की गुहार लगाई है.जानकारी के अनुसार चेवाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत गुन्हेसा गांव के मांझी टोला में लगभग 70 घरों के लोगों को अधिक बिजली बिल मिला है. किसी को 35 हजार, तो किसी को 40 हजार तो वहीं किसी को 60 हजार तक बिजली बिल जमा करने को कहा गया है.जिस कारण वहां के ज्यादातर गरीब परिवारों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है.

जिसके बाद ग्रामीणों ने शेखपुरा कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला पदाधिकारी से बिजली बिल माफी की मांग की है.ग्रामीणों ने कहा कि इतना बिजली बिल जमा करने में सक्षम नहीं है.इस संबंध में जानकारी देते हुए गांव के रेशमा देवी, उरो देवी, सुलेखा देवी, शमहो देवी, फुकनी देवी सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि पहले लगे मीटर में कर्मी आकर गांव में पैसा वसूलते थे.काफी समय से आना बंद कर दिया है.

हाल के दिनों में नए कर्मियों ने जबरन इलेक्ट्रिक रिचार्ज वाला मीटर लगा दिया और सभी ग्रामीणों को अधिक बिजली बिल भी सौंप दिया है. ग्रामीणों ने कहा वे बहुत गरीब परिवार से हैं.इतना इतना बिजली बिल वे कभी जमा नहीं कर सकेंगे. वही रिचार्जेबल बिजली मीटर में अत्यधिक बिजली बिल आने की शिकायत ग्रामीणों ने की है. महिलाओं ने बताया पैसे इकट्ठे कर मीटर रिचार्ज कराते हैं. तीन से चार दिन बाद बिजली स्वतः ही कट जाती है. उसके बाद पैसे नहीं रहने के कारण करीब 10 दिन तक अंधेरे में रहते हैं.

फिर पैसा होने पर रिचार्ज कराते हैं.इसके साथ ही उनके मांझी टोला में जल की भी काफी समस्या है. पानी का पाइप तो लगाया गया परंतु उससे मात्र 15 से 20 घर लाभान्वित होते हैं. मोहल्ले में 70 घर है ज्यादातर घर दूसरे जगह से पानी लाने को मजबूर है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने DM से बिजली बिल माफी और पानी की समस्या दूर करने की भी मांग उठाई है.

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बिजली के खंभे से टकराई यात्रियों से भरी टेंपो.. आधा दर्जन लोग हुए गंभीर रूप से घायल

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Ariyari:-अरियरी थाना क्षेत्र के हुसैनाबाद गांव स्थित पासवान मोड़ के पास ऑटो दुर्घटना में पांच लोग जख्मी हो गए जिसे बेहतर इलाज हेतु सदर अस्पताल शेखपुरा लाया गया.जहां एक की हालत गंभीर बताई जा रही है. इस संबंध में पटना निवासी व बिधुत मिस्त्री मनोज कुमार ने बताया कि वे लोग महुली की ओर से ऑटो से वापस लौट रहे थे. इसी बीच हुसैनाबाद गांव स्थित पासवान टोला के पास ऑटो चालक का संतुलन बिगड़ गया और वह बिजली का खंबे में टक्कर मार

दिए. जिसमें पांच लोग बुरी तरह जख्मी हो गए जख्मी में उपयुक्त विद्युत मिस्त्री के अलावा चोर दरगाह मध्य विद्यालय के शिक्षिका व कामासी गांव निवासी रेखा कुमारी, आरा निवासी पूजा कुमारी, नालंदा निवासी सुमित्रा कुमारी,अरबल निवासी निरमा कुमारी बुरी तरह जख्मी हो गई जिसे स्थानीय लोगों के सहयोग से बेहतर इलाज हेतु सदफ्तर से पूरा लाया गया

जहां चिकित्सकों द्वारा इलाज जारी है ,उसमें रेखा कुमारी के की हालत गंभीर बताई जा रही है।

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स/नकी पति की करतूत..पहले पत्नी की ह/त्या कर श/व झाड़ियां में फेंका.. फिर दो वर्षीय बेटी को भी उतारा मौ/त के घाट

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Sheikhpura:- बिहार में यूं तो शराब पूरी तरह से बंद है परंतु इसके बावजूद लोग जुगाड़ लगाकर शराब का सेवन कर रहे हैं। जिस कारण यह नशा कई परिवारों को तबाह कर चुका है। ऐसे ही मामला शेखपुरा में घटित हुई जहां सनकी पति ने न सिर्फ अपनी पत्नी की हत्या की बल्कि 2 साल के पुत्री की हत्या कर शव को पैन में फेंक दिया। इस घटना के बाद बच्ची के शव को जिसने भी देखा सब के मुंह में कलेजा आ गया। कई ग्रामीण तो मौके पर फूट-फूट कर रोने लगे।

जानकारी के अनुसार मेहुस थाना क्षेत्र के माफो गांव में सनकी पति का करतूत सामने आया है। जहां उसने पत्नी और पुत्री की हत्या कर अलग-अलग जगह शव को फेंक दिया। 24 घंटे के अंदर पत्नी के शव के बाद पुत्री के शव को भी बरामद कर लिया गया। हालांकि घटना के बाद से पति गांव छोड़कर फरार है। पुलिस संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है।

घटना मेंहुस थाना क्षेत्र के माफो गांव में घटित हुई है। जहां के स्थानीय निवासी मनोहर यादव के पुत्र दिनेश यादव ने पहले अपनी 28 वर्सिये पत्नी नीतू देवी की निर्मम तरीके से ईंट पत्थर से उसके चेहरे को कुचलकर हत्या की और उसके शव को मकई के खेत में फेंक दिया। उसके बाद वहां से आधा किलो मीटर की दूरी पर सड़क किनारे पैन में अपनी 2 वर्सिये पुत्री की हत्या कर शव को फेंक दिया। इस दोहरे हत्याकांड से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया आरोपी दिनेश यादव शराब और नशे का आदी था। लगातार अपनी पत्नी और बच्चों के साथ मारपीट

किया करता था। मारपीट के कारण ज्यादा तर उसकी पत्नी अपने मायके में रहती थी। इसी बीच कुछ दिनों पहले पंचायती कर वह अपनी पत्नी को गांव लाया। जिसके बाद सोमवार को रात्रि करीब 10 बजे अपनी बुजुर्ग मां को पत्नी को इलाज के लिए ले जाने का कह कर घर से निकाला। इसके बाद वापस नहीं लौटा। पहले सुबह उसकी पत्नी का शव गांव के मकई के खेत से बरामद किया गया। उसके बाद लापता पुत्री की बरामदगी के लिए पुलिस कई जगहों पर छापेमारी कर

रही थी जिसके 24 घंटे के बाद बुधवार की दोपहर में गांव के पश्चिमी टोल में सड़क किनारे पैन में बच्ची के शव तैरता मिला। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है।

2017 में नीतू की दिनेश यादव के साथ हुई थी शादी

वर्ष 2017 में नीतू कुमारी की शादी हिंदू रीति रिवाज के साथ दिनेश यादव के साथ हुआ था। शादी के कुछ माह तक तो सब कुछ ठीक रहा, उसके बाद नशे के आदि दिनेश यादव ने पत्नी से मारपीट करना शुरू कर दिया। सिजेरियन ऑपरेशन से दिनेश यादव की पत्नी को दो बेटी भी हुई। उसके बावजूद दिनेश यादव अपनी करतूत से बाज नहीं आया और बेरहमी से अपनी पत्नी के साथ मारपीट करता रहा। इस मामले में कई बार परिजनों ने पंचायती भी कराई थी।

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शादी समारोह में काम करने के वक्त करंट की च/पेट में आए मजदूर की हो गई मौ/त

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अमित की रिपोर्ट:-जिले के शेखोपुर सराय नगर पंचायत क्षेत्र के निमि गांव में बुधवार की संध्या करंट की चपेट में आने से एक 21 वर्षीय मजदूर की मौके पर मौत हो गई.मृतक गांव में ही आयोजित एक शादी समारोह में उमंग डीजे के संचालक श्यामसुंदर कुमार के सहायक के रूप में कार्य कर रहा था.स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस घर में शादी था उसके आगे से 440 वोल्ट का विद्युत तार गुजरा हुआ है.

संध्या में मृतक छत के ऊपर से चाइनीज लड़ी लगाने का कार्य कर रहा था. कार्य करने के दौरान ही वह करंट ई चपेट में आकर छत से नीचे गिर पड़ा. घटना के बाद आनन फानन में स्थानीय लोगों ने उसे इलाज के लिए शेखोपुरसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया.लेकिन डॉक्टरों ने देखने के साथ ही उसे मृत घोषित कर दिया.मृतक युवक की पहचान नालंदा जिला के हुसेनापुर गांव निवासी धर्मेंद्र पासवान के पुत्र सूरज कुमार के रूप में किया गया है.

वह बचपन से ही शेखोपुरसराय थाना क्षेत्र के दरोगीबीघा गांव में अपने नाना के यहां रह रहा था. मृतक सूरज कुमार ने इसी वर्ष इंटर की परीक्षा भी दी थी. मृतक के मामा जितेंद्र पासवान ने बताया कि डीजे संचालक श्यामसुंदर कुमार पिछले दो दिनों से उसे अपने साथ काम पर ले जा रहा था.परिजनों ने डीजे संचालन के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाया है.

वही घटना को लेकर थाना अध्यक्ष हरेंद्र कुमार ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाना चाहा लेकिन फिलहाल परिजनों ने पोस्टमार्टम करवाने से मना कर दिया है.वही घटना के बाद परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है

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दरोगा वन शांभवी ने परिवार का नाम किया रौशन..2016 में मेडिकल की नीट परीक्षा में भी हुई थी सफल

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Barbigha:-शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कुटौत गांव की रहने वाली एक बेटी ने बिहार दरोगा में सफल होकर अपने परिवार का ही नहीं बल्कि पूरे बरबीघा का नाम रौशन किया है.प्रखंड विकास पदाधिकारी रहे दिवंगत पिता स्वर्गीय सीताराम सिंह की पुत्री शांभवी कुमारी ने लंबे संघर्ष के बाद यह सफलता हासिल किया है. विलक्षण प्रतिभा की धनी पांच भाई बहनों में सबसे छोटी शांभवी कुमारी कुमारी ने इससे पहले वर्ष 2016 में भी मेडिकल द्वारा आयोजित नीट

की प्रवेश परीक्षा में सफलता का परचम लहराया था.लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह दाखिला नहीं ले सकी थी.हालांकि शांभवी कुमारी ने हार मानने की बजाय संघर्ष का रास्ता चुना और आखिरकार 7 वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद बिहार दरोगा में सफल होकर यह बता दिया कि बेटियां किसी भी मायनो में बेटों से कम नहीं है.कैंसर जैसी घातक बीमारी के कारण अपनी मां को खोने वाली शांभवी कुमारी ने मां को याद करते हुए बताया कि मेरी मां ने मुझे जीवन में हमेशा अनुशासन

एवं उचित मार्गदर्शन देने का काम किया.मां ने मुझे हमेशा संघर्ष में टूटने की बजाय उससे लड़ने की प्रेरणा दी थी.अगर मेरी मां आज जीवित होती तो वह मेरी सफलता पर बहुत खुश होती. परिवार वालों ने बताया कि एक बार पहले भी बिहार दरोगा में सफल हुई थी लेकिन मेरिट लिस्ट में नहीं आने के कारण सिलेक्शन नहीं हो सका था. हालांकि मां की बातों से प्रेरणा लेकर शांभवी कुमारी का संघर्ष लगातार चलता रहा.

आखिरकार बिहार दरोगा में सफल होकर शांभवी कुमारी ने जाता दिया कि संघर्ष करके कोई भी सफलता अर्जित की जा सकती है. शांभवी की सफलता पर खुशी व्यक्त करते हुए उसके भाई आलोक कुमार ने कहा कि आज हमारा भी सीना गर्व से चौड़ा हो गया है

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बैंक कर्मी को पी/टने के मामले में फरार चल रहे आ/रोपी को पुलिस ने गि/रफ्तार कर भेजा जे/ल

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Barbigha:-बैंक कर्मी के ऊपर जानलेवा हमला करने के मामले में फरार चल रहे एक आरोपी को जयरामपुर थाना पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.गिरफ्तार आरोपी की पहचान जगदीशपुर गांव निवासी भाषों महतो के पुत्र संतोष कुमार के रूप में की गई है. इस संबंध में जयरामपुर थाना अध्यक्ष विवेक कुमार चौधरी ने बताया कि पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर आरोपी को घर से ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.उन्होंने बताया कि आरोपी ने गांव में

संचालित बिहार मध्य ग्रामीण बैंक की शाखा में कार्यरत कर्मचारी विनीत कुमार को मारपीट कर घायल कर दिया था. वर्ष 2018 में घटित इस घटना को लेकर स्थानीय थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. घटना में संतोष कुमार के अलावा आधा दर्जन अन्य लोगों को भी नामजद अभियुक्त बनाया गया था.मामले में शेखपुरा कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने फिलहाल संतोष कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वही मामले में फरार चल रहे अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी पुलिस छापेमारी

कर रही है. बताते चले कि सभी आरोपियों ने बैंक के कर्मचारी विनीत कुमार के ऊपर उस समय जानलेवा हमला किया था जब वे बैंक से अपना कार्य निपटा कर अपने आवास पर वापस लौट रहे थे. इस घटना में विनीत कुमार का सिर फट गया था और वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे

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