नवादा से इस नेता को मिल गई पार्टी से हरी झंडी..औपचारिक घोषणा मात्र बाकी. बड़े-बड़े का हो गया पत्ता साफ

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Navada:-लोजपा और भाजपा के बीच नवादा लोकसभा सीट को लेकर चल रही खींचतान रविवार की देर संध्या आखिरी चरण में पहुंच गई. नवादा लोकसभा सीट से भाजपा ने आखिरकार चुनाव लड़ने का फैसला लगभग कर लिया है. पटना के एक बड़े नेता के चुनाव लड़ने की तैयारी लगभग पूर्ण कर ली गई है.

दरअसल लोजपा रामविलास खेमे द्वारा नवादा लोकसभा चुनाव में कैंडिडेट देने की सुगबुगाहट मात्र से पशुपति पारस गुट के कई नेता खासे नाराज हो गए थे. सूरजभान सिंह ने नवादा लोकसभा सीट पर मजबूती से दावा ठोका था. जिसका परिणाम हुआ कि पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस करके ऐलान कर दिया था कि वे सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे. परिणाम यह हुआ कि अमित शाह को नवादा लोकसभा को लेकर फिर से सोचने के लिए मजबूर होना पड़ गया.

दिल्ली सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक अब अमित शाह ने नवादा लोकसभा का चुनाव खुद लड़ने का फैसला कर लिया है.भाजपा के पूर्व दिग्गज नेता सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ठाकुर को चुनाव लड़ने की लगभग हरी झंडी मिल चुकी है. फिलहाल विवेक ठाकुर राज्यसभा सांसद है.उनका अभी 2 साल का लगभग कार्यकाल बचा हुआ था. इसके बावजूद वे टिकट लेने के लिए जी जान से पार्टी के पीछे पड़े हुए थे.

इस रेस में भाजपा की प्रदेश नेत्री डॉक्टर पूनम शर्मा हिसुआ के पूर्व विधायक अनिल सिंह भोजपुरी तथा मगही के गायक गुंजन सिंह, भाजपा की तीन बार विधायक रही वारसलीगंज से विधायक अरुणा देवी सहित कई दावेदार भी शामिल थे.बड़े स्तर पर इस बार नवादा लोकसभा के ही किसी व्यक्ति को टिकट देने की लगातार मांग भी हो रही थी. इसके बावजूद पार्टी ने एक बार फिर से नवादा के बाहर के उम्मीदवार पर भरोसा जताते हुए लगभग टिकट फाइनल कर दिया है.

अखिलेश सरदार के आवास पर बैठक करते भाजपा नेता

हालांकि विवेक ठाकुर के टिकट फाइनल होने की खबर आने के ठीक पहले वारसलीगंज में एक बहुत बड़ा बैठक भाजपा नेता तथा कार्यकर्ताओं की विधायिका अरुणा देवी के आवास पर हुई थी. इस बैठक में पूर्व विधायक अनिल सिंह अखिलेश सरदार सहित कई दिग्गज नेता एक साथ देखे जा सकते हैं. मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष गौतम सिंह ने तो यहां तक ऐलान कर दिया था कि अगर बाहरी को टिकट मिला तो हम लोग पुरजोर विरोध करेंगे. लेकिन बैठक के थोड़ी देर बाद विवेक ठाकुर के नाम की चर्चा ने सभी लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.

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आर पार के मूड में आ गए नवादा में भाजपा के बड़े नेता..अमित को वादा खिलाफी पड़ेगा महंगा. मीटिंग करके सबक सिखाने का ले लिया निर्णय

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Navada:-लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 19 अप्रैल को नवादा लोकसभा में मतदान होना है. प्रत्याशियों के पास एक महीने से भी कम का समय बचा है. लेकिन अभी तक सीट शेयरिंग को लेकर लोजपा और भाजपा के बीच खींचतान जबरदस्त तरीके से चल रही है. इस बीच नवादा से ऐसी खबर आ रही है कि जिसे सुनकर और जानकर भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के भी होश उड़ जाएंगे.

दरअसल अभी-अभी थोड़ी देर पहले नवादा लोकसभा के अंतर्गत आने वाले सभी छः विधानसभा के बड़े-बड़े भाजपा नेताओं ने गुपचुप तरीके से बैठक करके पार्टी को सबक सिखाने का निर्णय ले लिया है. सूत्रों की माने तो इस बैठक में वारसलीगंज की विधायक अरुणा देवी उनके पति अखिलेश सरदार, हिसुआ के पूर्व विधायक अनिल सिंह, मुखिया संघ के अध्यक्ष गौतम सिंह सहित कई बड़े नेता इस बैठक में शामिल हुए हैं.

जानकारी के मुताबिक बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि इस बार किसी भी बाहरी आदमी को टिकट लेकर आने पर बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा.एक भाजपा नेता ने बताया कि अमित शाह ने नवादा में रैली के दौरान वादा किया था कि नवादा से इस बार भाजपा खुद चुनाव लड़ेगी. लेकिन कयास लगाये जा रहे हैं की इस बार भी यहाँ से एनडीए की तरफ से बाहरी उम्मीदवार दिया जायेगा. जबकि स्थानीय लोगों ने अभी से इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.नवादा में लोग स्थानीय उम्मीदवार को चाहते हैं चाहे वह किसी भी दल से आए। लेकिन इस बार बाहरी को भगाने की पूरी कोशिश की जा रही है।

सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के खिलाफ भी लोगों में काफी जो गुस्सा है। स्थानीय विधायक वारसलीगंज के अरुणा देवी मंत्री की रेस में थी।डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने अरुणा देवी को फोन करके पटना बुलाया था। लेकिन अचानक विधायक का नाम चर्चा से हटा दिया गया है। इसके बाद समर्थकों में काफी गुस्सा है। कार्यकर्ताओं ने कहा की अरुणा देवी ने चार बार चुनाव जीता हैं।इसके बाद भी भाजपा को लगता है की 30 लाख की आबादी में कोई लोकसभा का चुनाव लड़ने लायक नहीं हैं। कहा जा रहा है कोई पटना से आयेगा, मुंगेर से आएगा। क्या हमलोग किसी के बंधुआ मजदुर हैं। अब बाहरी उम्मीदवार के आने पर यहाँ विद्रोह हो जायेगा। हमलोग किसी को घुसने नहीं देंगे।

बात नवादा की बात करें की यहाँ लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में 19 अप्रैल को चुनाव कराये जायेंगे। इसके पहले 2009 में भोला बाबू जबकी 2014 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहाँ से भाजपा की टिकट पर गिरिराज सिंह ने चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्होंने जीत हासिल किया था। वहीँ 2019 की बात करें तो यहाँ से एनडीए की तरफ से यह सीट लोजपा के खाते में चली गयी। जिसमें लोजपा की टिकट पर चन्दन सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। हालाँकि 2024 के लोकसभा चुनाव में इस बार दूसरी स्थिति हैं.

 

 

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आज होगा होली मिलन समारोह का आयोजन..समारोह के बहाने राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन करेगी लोजपा नेत्री सीमा सिंह

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बरबीघा:-लोजपा नेत्री तथा पार्टी के युवा प्रदेश महासचिव सीमा सिंह के रामपुर सिंडाय स्थित आवास पर आज भव्य होली मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा. इस आयोजन में हजारों लोगों की जुटने की संभावना है. समारोह को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारी पूरी कर ली गई. संध्या 4:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

इस समारोह में क्षेत्रीय कलाकारों के द्वारा पारंपरिक होली गीतों पर लोगों को झुमाने का काम किया जाएगा.इस संबंध में सीमा सिंह ने बताया यह पूर्ण रूप से गैर राजनीतिक कार्यक्रम होगा.उन्होंने बताया कि होली मिलन समारोह करने का उद्देश्य समाज में भाईचारे को जीवंत बनाए रखना है. उन्होंने कहा कि ऐसे ऐसे छोटे-छोटे समारोह के जरिए समाज के लोगों को दूसरे के साथ जोड़ने का सुखद मौका मिलता है.

हालांकि राजनीतिक सूत्रों की माने तो सीमा सिंह होली मिलन समारोह के बहाने अपना राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन करने जा रही है.सीमा सिंह जब से चिराग पासवान से जुड़ने के बाद बरबीघा की राजनीति में काफी सक्रिय दिखाई दे रही है. कभी फिल्मों की शूटिंग तो कभी होली मिलन समारोह के बहाने लोगों से जुड़ने का अवसर वह नहीं छोड़ रही है. होली मिलन समारोह करने की चर्चा शुरू मात्र से ही बरबीघा की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.

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बज गया लोकसभा का बिगुल..सात चरणों मे होगा चुनाव. 19 अप्रैल को डाले जायेंगे पहले चरण का वोट

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Desk:-चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव की तिथियों की घोषणा करते हुए कहा कि सभी एजेंसियों से राय लेने के बाद यह निर्णय लिया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त के अनुसार, देश भर में सात चरण में चुनाव होंगे।

19 अप्रैल से 7 चरणों में लोकसभा चुनाव 2024 होंगे। बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में वोट डाले जाएंगे। वोटों की गिनती 4 जून को होगी। उन्होंने कहा कि चुनावी खर्चे पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार चुनाव में 96.8 करोड़ से अधिक लोग वोट डालेंगे।

बता दें कि चुनाव आयोग काफी पहले से ही चुनाव की तैयारी कर रहा था। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के चुनाव आयुक्त से बात की थी। इस बाबत उन्हें तैयारी करने के लिए बहुत पहले ही कह दिया था। इतना ही नहीं, आयोग लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति की भी जांची की थी।

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एक्सेलेंस कॉन्वेंट बरबीघा से सैनिक स्कूल के लिए एक साथ 29 बच्चों ने लहराया सफलता का परचम

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Barbigha:-इस वर्ष सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित होते ही बरबीघा के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान एक्सेलेंस कॉन्वेंट स्कूल में खुशी की लहर दौड़ गई. विद्यालय से एक साथ कुल 29 बच्चों का चयन हुआ जिसका नामांकन सुनिश्चित है.सफल बच्चो में से  वर्ग 9 के लिए कुल दो एवं वर्ग 6 के लिए 27 बच्चों ने अपना परचम लहराया है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित सैनिक स्कूल की प्रवेश परीक्षा में वर्ग 9 के लिए कुल 400 में से 70 प्रतिशत से अधिक अंक एवं वर्ग 6 के लिए कुल 300 में से 80 प्रतिशत से अधिक अंक लाना अनिवार्य होता है.

एक्सेलेंस कॉन्वेंट स्कूल बरबीघा से सैनिक स्कूल के लिए सफल होने वाले बच्चों को विद्यालय के निर्देशक शत्रुघ्न कुमार ने विद्यालय में समारोह आयोजित कर बधाई देते हुए आगामी काउंसिलिंग व मेडिकल जांच की अग्रिम शुभकामना भी दिए हैं.एक्सेलेंस कॉन्वेंट के प्रिंसिपल इंजिनियर पिंकेश आनन्द ने सभी बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थीयों को सम्मानित करते हुऐ मिठाई भी खिलाया.वर्ग 9 के लिए आयुष कुमार पिता दिलीप कुमार शेखपुरा निवासी ने 310 अंक, केशव कुमार पिता मुरारी कुमार खुटहा लखीसराय निवासी ने 298 अंक प्राप्त किया है।

वहीवर्ग 6 के लिए शाक्षी कुमारी पिता कपिल पाल औरंगाबाद निवासी ने 268 अंक, दिव्य भारती पिता विनय कुमार बरबीघा शेखपुरा निवासी ने 263 अंक, देवांसी पिता मुकेश कुमार बरबीघा शेखपुरा निवासी ने 261 अंक, अनुराधा कुमारी शेखपुरा निवासी 257 अंक, अखंड ज्योति पिता धर्मेन्द्र कुमार महिला नालंदा निवासी 272 अंक, आतिश कुमार पिता नीलेश कुमार बिहार शरीफ नालंदा निवासी 273 अंक, प्रणव कुमार पिता नित्यानंद कुमार खोजागाछी शेखपुरा निवासी 267 अंक, अमृत राज पिता धीरज कुमार खोगाछी शेखपुरा निवासी 266 अंक, अक्ष राज पिता पंकज सिंह जमुई निवासी 263 अंक, आनंद मोहन पिता रजनीश कुमार शेखपुरा निवासी अंक 263, प्रियांशु कुमार पिता त्रिपुरारी कुमार शेखपुरा निवासी 263 अंक, कृष्ण मुरारी पिता सुरेंद्र कुमार हरनौत नालंदा निवासी 263 अंक एवं इत्यादि ने सफलता हासिल किया है.

समारोह के दौरान प्रिंसिपल इंजिनियर आनंद ने सभी सफल छात्र–छात्राओं को पुरस्कृत करते हुए कड़े मेहनत के बदौलत उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रेरित भी किया. एक्सेलेंस कॉन्वेंट स्कूल बरबीघा से विगत कुछ वर्षों में सैकड़ों विद्यार्थियों ने देश के प्रतिष्ठित सैनिक, बी एच यू, आर के मिशन, नवोदय, मिलिट्री स्कूल, वनस्थली विद्यापीठ, सिमुलतला,नेतरहाट इत्यादि विद्यालय में सफलता हासिल किया है.

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भूमिहार नेता आशुतोष कुमार को नवादा लोकसभा सीट भूमिहार के हाथ से जाने का सता रहा डर..सीट बचाने के लिए मैदान में उतरने की हो रही चर्चा

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Desk:-नवादा लोकसभा को लेकर टिकट के दावेदारों के बीच काफी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है.पल-पल लोगों के समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं. राजनीतिक गलियारों से आ रही निकलकर नई खबर के मुताबिक नवादा लोकसभा में भूमिहार नेता आशुतोष कुमार की एंट्री भी होने वाली है. राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक नवादा लोकसभा में महागठबंधन से यादव उम्मीदवार के लगातार हार के बाद इस बार वहां गठबंधन किसी भूमिहार नेता पर दांव लगा सकती है.सुगबुगाहट के बीच आशुतोष कुमार ने महागठबंधन से संपर्क साधना भी शुरू कर दिया है.

चुनाव लड़ने संबंधी सवालों को लेकर आशुतोष कुमार कुमार के हरदम साथ रहने वाले और बेहद गरीबी माने जाने वाले एक नेता से हमारी बातचीत हुई. उन्होंने बताया कि आशुतोष कुमार को जहानाबाद की तरह नवादा लोकसभा सीट भी भूमिहार के हाथ से छीन जाने का डर सता रहा है.दरअसल एनडीए से जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण बाबू की प्रबल दावेदारी के बीच यह बात निकलकर सामने आ रही है.

नाम नहीं छापने के शर्त पर नेताजी ने बताया कि अरुण बाबू के अहंकार के कारण एनडीए ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाव नहीं दिया था.इसके बाद वे निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे. परिणाम आने के बाद अरुण बाबू को जितना वोट नोटा में पड़ा था उससे मात्र 5000 वोट अधिक आए थे.अब हालात यह गई है कि जहानाबाद पर जहां एक समय भूमिहारों का राज था अब वहां कोई भी पार्टी किसी भूमिहार को टिकट देना पसंद नहीं कर रही है.

अरुण कुमार ने जिस भूमिहारों को लेकर नीतीश कुमार की छाती तोड़ने की बात कही थी.आज उन्हीं के गठबंधन में जाकर फिर से चुनाव लड़ने का सपना देख रहे हैं.जहानाबाद में भूमिहारो द्वारा पूरी तरह से नकार दिए जाने के बाद ऐसी संभावना है की टिकट मिलने के बाद नवादा लोकसभा से अगर हार हो जाए तो भविष्य में यह सीट भी भूमिहारों के हाथ से छीन ली जाएगी.

नेताजी ने आगे बताया कि इसी स्थिति को देखते हुए आशुतोष कुमार ने खुद चुनाव लड़ने का फैसला किया है.अगर महागठबंधन आशुतोष को टिकट नहीं मिलने की दशा में राष्ट्रीय जन जन पार्टी महागठबंधन से किसी भी भूमिहार को टिकट मिलने पर उन्हें ही अपना समर्थन देगी.राजपा नवादा लोकसभा सीट भूमिहार के हाथ में रहे इसके लिए किसी भी दल से हाथ मिला सकती है. अब आशुतोष कुमार के करीबियों के विरोध के बाद देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए अरुण बाबू पर दांव लगाती है या नहीं.

 

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मद्रास हाई कोर्ट के फैसले की समीक्षा करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश..बच्चों की अश्लील फिल्में देखने वालों के लिए एक सख्त चेतावनी

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Desk: घर के एकांत में भी बच्चों की अश्लील फिल्में डाउनलोड करने और देखने को आप निजता का मामला बता कर इस अपराध से बच नहीं सकते, क्योंकि जिला पुलिस और विभिन्न केंद्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां आप पर निगरानी रख रही हैं। बच्चों की अश्लील फिल्में देखने और अश्लील सामग्रियां डाउनलोड करने को अपराध नहीं ठहराने के मद्रास हाई कोर्ट के फैसले की समीक्षा के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से यह सख्त संदेश गया है कि बाल पोर्न देखने पर आप निजता का हवाला देकर नहीं बच सकते। शीर्ष अदालत का यह फैसला उन सभी लोगों के लिए चेतावनी है जो सोचते हैं कि अकेले में बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्रियां देखना अपराध नहीं है। बाल पोर्नोग्राफी पर मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को ‘भद्दा और बेतुका’ बताते हुए तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने यह आदेश गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस की याचिका पर दिया जिसने, मद्रास हाई कोर्ट के हालिया फैसले को चुनौती दी थी।

आदेश का स्वागत करते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस के गठबंधन सहयोगी गैरसरकारी संगठन….(एनिमल एंड ह्यूमन डेवलपमेंट सोशल वेलफेयर सोसाइटी के सचिव डॉ विनोद कुमार ने कहा, “यह एक महत्वपूर्ण दिन है जो यह दिखाता है कि कोई व्यक्ति कहीं अकेले में भी बाल पोर्न देख रहा है तो वह जिला, राज्य और केंद्र सहित पूरी दुनिया की तमाम एजेंसियों की नजर और निगरानी में है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जो तात्कालिकता और गंभीरता दिखाई है, वह बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण के खिलाफ लड़ाई में एक अहम कदम है।”

मद्रास हाई कोर्ट ने एक चर्चित आदेश में चेन्नई के 28 वर्षीय एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर और आपराधिक कार्रवाई को खारिज करते हुए कहा था कि बाल पोर्नोग्राफी देखना पॉक्सो अधिनियम, 2012 के प्रावधानों के दायरे में नहीं आता। आरोपी ने अपने मोबाइल में बच्चों की अश्लील फिल्में और वीडियो डाउनलोड कर रखे थे। खास बात यह है कि इस बाबत पुलिस ने बगैर किसी शिकायत के सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर खुद ही मामला दर्ज किया था। छानबीन के दौरान पुलिस ने आरोपी के मोबाइल से बच्चों से जुड़ी सामग्रियों की दो फाइलें बरामद की।

हाई कोर्ट ने यह कहते हुए मामले को खारिज कर दिया कि आरोपी ने महज बाल पोर्नोग्राफी से जुड़ी सामग्रियां डाउनलोड कर इसे अकेले में देखा, उसने इसे कहीं भी प्रसारित या वितरित नहीं किया। लेकिन पांच गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस, जिसके 120 से ज्यादा सहयोगी हैं और बचपन बचाओ आंदोलन ने हाई कोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। यह गठबंधन पूरे देश में बच्चों के यौन उत्पीड़न, चाइल्ड ट्रैफिकिंग यानी बाल दुर्व्यापार और बाल विवाह के खिलाफ काम कर रहा है।

हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए एलायंस ने याचिका में कहा कि इस फैसले से आम जनता में यह संदेश गया है कि बाल पोर्नोग्राफी देखना और इसके वीडियो अपने पास रखना कोई अपराध नही है। इससे बाल पोर्नोग्राफी से जुड़े वीडियो की मांग और बढ़ेगी और लोगों का इसमें मासूम बच्चों को शामिल करने के लिए हौसला बढ़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन एलायंस की याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था।

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दिलचस्प होता जा रहा नवादा लोकसभा का मुकाबला..अरुण बाबू का नाम सामने आते ही राजनीति हुई गर्म.. अरुण बाबू को क्यों नहीं पचा पा रही जदयू पढ़िए इनसाइड स्टोरी

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Desk:-बिहार के जहानाबाद जिले की एक विशेष अदालत ने जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार को जून 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने को लेकर तीन साल की सजा सुनाई थी.विशेष एमपी कोर्ट के न्यायधीश राकेश कुमार रजक ने पूर्व रालोसपा सांसद अरुण कुमार पर 5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

हालांकि कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट में अपील करने के लिए जमानत पर रिहा कर दिया था. इसी मामले में अदालत ने मधेपुरा के पूर्व लोकसभा सांसद पप्पू यादव को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया था. अरुण ने बाढ़ और मोकामा इलाकों में भूमिहारों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कहा था, ‘‘हमने चूड़ियां नहीं पहनी हैं और हमारे सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री का सीना तोड़ देंगे।’’ यह मामला जदयू नेता चंद्रिका प्रसाद यादव ने दर्ज कराया था.

एसीजेएम कोर्ट ने डॉ अरुण कुमार को आईपीसी की धारा 353 ए और 505 के तहत दोषी पाया और उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी. सांसद डॉ अरुण कुमार ने कहा था, “नीतीश कुमार अनंत सिंह जैसे दर्जनों लोगों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं और फिर अपना काम निकल जाने के बाद उन्हें उन जैसे लोगों की जरूरत नहीं होती। नीतीश कुमार को समझ लेना चाहिए कि ये कौम चूड़ियां पहनकर नहीं बैठी। यह नीतीश कुमार की छाती भी तोड़ सकती है.

भले ही अरुण कुमार द्वारा दिया गया यह व्यान लगभग 9 साल पहले आया था. लेकिन वर्तमान में नवादा लोकसभा सीट पर उनके नाम को लेकर हो रही दावेदारी के बीच यह मुद्दा एक बार फिर से गर्म हो गया है.नीतीश कुमार एक बार फिर से मोदी सरकार के साथ खड़े हैं. नीतीश कुमार और अरुण बाबू के बीच का तकरार बिहार की सियासत में किसी से छुपा हुआ नहीं है.

ऐसे ही मैं चर्चा शुरू हो गई क्या नीतीश कुमार छाती तोड़ने की बात भूल नवादा लोकसभा में अरुण बाबू का साथ दे पाएंगे. राजनीतिक पंडितों के अनुसार अरुण बाबू को नवादा लोकसभा से टिकट देने के बाद अगर जदयू कार्यकर्ताओं के नाराजगी पटल पर आ गई तो एनडीए को हार का सामना भी करना पड़ सकता है. दूसरी तरफ अपने स्टैंड पर कायम नहीं रहने के कारण अरुण बाबू को लेकर भूमिहार के एक बड़े वर्ग में भी नाराजगी की देखी जा रही है. बहरहाल इस बार नवादा लोकसभा का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है.

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नवादा में खेला करने के मूड में आए गुंजन सिंह..कहां हर हाल में लड़ेंगे नवादा का चुनाव

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Barbigha:-नवादा लोकसभा सीट को लेकर चल रही खींचतान के बीच भोजपुरी व मगही के मशहूर गायक गुंजन सिंह ने अभी-अभी साफ कर दिया कि वह नवादा से हर हाल में चुनाव लड़ेंगे.हालांकि किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे यह अभी तक क्लियर नहीं हो पाया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से गुंजन सिंह लगातार चिराग पासवान के संपर्क में बने हुए हैं.गुंजन सिंह के अलावा चिराग पासवान के संपर्क में डॉक्टर सहजानंद सिंह, अनुज सिंह और नवादा लोकसभा के पूर्व सांसद अरुण सिंह की भी चर्चा हो रही है. लोग अपने-अपने हिसाब से चढ़ावा चढ़ाने के लिए भी तैयार बैठे हुए हैं.

इन सब खींचतान के बीच गुंजन सिंह के करीबियों की माने जाए तो गुंजन सिंह ने टिकट मिलने अथवा न मिलने दोनों ही परिस्थितियों में नवादा लोकसभा से चुनाव लड़ने की घोषणा करके राजनीतिक पारा को और गरमा दिया है.गुंजन सिंह ने साफ-साफ कहां की नवादा लोकसभा में जानता का भरपूर प्यार मिलता है. इसलिए वे जनता को निराश नहीं करके चुनावी मैदान में जरूर उतरेंगे.

दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भले ही तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है.लेकिन निर्वतमान सांसद चंदन सिंह भी इस रेस में अभी बने हुए हैं. चंदन सिंह ने भी पूर्व में कहा था कि भले ही सिंबल बदल जाए लेकिन वह नवादा से ही चुनाव लड़ेंगे. नवादा लोकसभा सीट पर खुद नीतीश कुमार भी नजर बनाए हुए हैं. ऐसे में यहां के लिए सभी प्रत्याशियों के बीच मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है.

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बाल विवाह उन्मूलन के लिए युवाओं को शिक्षित करना जरूरी:-डॉ विनोद

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Barbigha:-अठारह वर्ष की उम्र तक सभी बच्चों को अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा नीति अपनाकर वर्ष 2030 तक देश से बाल विवाह के खात्मे में निर्णायक भूमिका निभाई जा सकती है.18 वर्ष से पहले पढ़ाई छोड़ने और बाल विवाह में एक सीधा और स्पष्ट अंतरसंबंध है. देश में बाल विवाह के खिलाफ जारी लड़ाई में परिवर्तनकारी साबित हो सकने वाला यह अहम निष्कर्ष देश में 2030 तक बाल विवाह के खात्मे के लिए अभियान चला रहे 160 गैरसरकारी संगठनों के

गठबंधन बाल विवाह मुक्त भारत अभियान द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जारी एक शोधपत्र “एक्सप्लोरिंग लिंकेजेज एंड रोल्स ऑफ एजुकेशन इन एलिवेटिंग एट मैरेज फॉर गर्ल्स इन इंडिया” में उजागर हुआ है.उक्त बातें एनिमल एंड ह्यूमन डेवलपमेंट सोशल वेलफेयर सोसाइटी के सचिव डॉक्टर विनोद कुमार ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया कर्मियों को बताई.उन्होंने बताया कि शोधपत्र के अनुसार भारत देश बाल विवाह उन्मूलन को लेकर निर्णायक मोड़ पर खड़ा है.

निर्णायक मोड़ वह बिंदु होता है जहां से छोटे बदलावों और घटनाओं की श्रृंखला इतनी बड़ी हो जाती है जो एक बड़ा और आमूल परिवर्तन कर सकें. ऐसे में यदि 18 वर्ष की उम्र तक मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा एक वास्तविकता बन जाए तो बाल विवाह के अपराध को जड़मूल से समाप्त करने की इस लड़ाई को एक नई धार और दिशा मिल जाएगी.

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