संत मेरिस स्कूल के दो छात्रों ने नेशनल टीम में जगह बनाकर बिहार का नाम किया रौशन

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बरबीघा:-जिले के बरबीघा स्थित प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान संत मेरीस स्कूल के दो छात्रों का नेशनल खो-खो टीम के लिए चयन हुआ है.दरसअल कला संस्कृति एवं युवा विभाग पटना के तत्वाधान में 67वां अंतर-विद्यालय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन बेतिया और लखीसराय में किया गया था. जिसमें संत मेरिस इंग्लिश स्कूल बरबीघा के वर्ग नवम के छात्र साकेत कुमार एवं वर्ग षष्ठ की छात्रा लक्की राज ने शानदार प्रदर्शन किया. जिसके उपरांत इन दोनों खिलाड़ियों का नेशनल खो-खो टीम में चयन किया गया. अब यह दोनों छात्र एवम छात्रा बिहार के खो-खो टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे.

ज्ञातव्य हो की नेशनल स्तर पर खो-खो खेल का आयोजन झारखंड राज्य की राजधानी रांची के खेल गांव मैदान में आगामी 31 जनवरी से 4 फरवरी तक आयोजित की जाएगी.बिहार से बालक एवं बालिका वर्ग से बारह-बारह खिलाड़ियों सहित कुल 24 खिलाड़ियों का चयन किया गया है. जिसमें संत मेरिस के दो खिलाड़ी साकेत कुमार एवं लक्की राज रांची के खेल गांव में अपना जलवा बिखरने के लिए तैयार है.

बिहार टीम को इन दोनों खिलाड़ियों से काफी उम्मीदें हैं. इस मौके पर संत मेरिस के प्राचार्य प्रिंस पीजे निर्देशिका दीप्ति केएस खेल प्रशिक्षक सह खो-खो कोच शरद कुमार एवं ताइक्वांडो टीम के कोच किरण कुमारी ने चयनित बच्चों को बधाई देते हुए दोनों के उज्जवल भविष्य की कामना की.

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जीआईपी पब्लिक स्कूल में 20वां स्थापना सह वार्षिकोत्सव का हुआ आयोजन..बच्चों ने दिया एक से एक बढ़कर शानदार प्रस्तुति

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Barbigha:-नप बरबीघा क्षेत्र के एक्सचेंज रोड में स्थित प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जीआईपी पब्लिक स्कूल के प्रांगण में मंगलवार को विद्यालय का 20वां स्थापना दिवस सह वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया.कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जीआईपी ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के डायरेक्टर विनय कुमार जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ के. पुरुषोत्तम,पूर्व सिविल सर्जन डॉ मृगेंद्र प्रसाद सिंह और डॉ कृष्णमुरारी प्रसाद सिंह, डॉ आर.पी. सिंह, आदर्श विद्या भारती स्कूल के प्राचार्य संजीव कुमार तथा डिवाइन लाइट पब्लिक स्कूल के प्राचार्य सुधांशु शेखर,संत मेरिस स्कूल के प्रचार्य प्रिंस पीजे. शामिल हुए.

सभी आकर अतिथियों का स्वागत विद्यालय के प्राचार्य संजय कुमार द्वारा अंगवस्त्र और मोमेंटो देकर किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत सभी मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. विद्यालय की छात्राओं ने मुख्य अतिथियों के समक्ष स्वागत नृत्य जबकि प्राचार्य ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के दौरान स्कूल के विभिन्न वर्ग के बच्चों एवं बच्चियों ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी आगत अतिथियों का मन मोह लिया.स्कूल की छात्राओं द्वारा *राम आएंगे* गाने पर दी गई प्रस्तुति को लोगों ने जोरदार ताली बजाकर जमकर सराहा.वही सेव द गर्ल चाइल्ड नामक नाटक को भी प्रस्तुत कर छात्राओं ने सभी का दिल जीत लिया.

इस मौके पर आगत तिथियां के द्वारा विद्यालय के वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया गया.मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि आज से 20 वर्ष पहले जीआईपी ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन की नींव रखी गई थी.अपनी बेहतरीन शिक्षण पद्धति के दम पर जीआईपी ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन लोगों के बीच भरोसे का प्रतीक बन चुका है.हमारे विद्यालयों में बच्चों में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार गढ़ने का भी कार्य किया जाता है.

वहीं विशिष्ट अतिथियों के द्वारा भी बारी-बारी से उपस्थित लोगों को संबोधित किया गया. सभी ने विद्यालय की कार्य प्रणाली और शिक्षा व्यवस्था की सराहना किया.मंच संचालन का कार्य स्कूल की छात्रा जोशी,अंशिका,गुनगुन रवम सोनाक्षी ने किया.धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य संजय कुमार द्वारा किया गया.

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उचित मुआवजा को लेकर किसानों और जिला प्रशासन के बीच चल रहे विवाद को लेकर हो रही सुनवाई में आज आएगा लारा कोर्ट से अंतिम फैसला

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Barbigha:-रेलवे द्वारा बरबीघा के नारायणपुर मौजा में अधिकृत किये गए जमीन को लेकर चल रहे विवाद की विशेष सुनवाई अब अंतिम दौर में पहुंच गया है.आज मुंगेर के लारा कोर्ट में इस संबंध में अंतिम फैसला आना है. किसानों से लेकर आम जनता की निगाहें लारा कोर्ट द्वारा दिए जाने वाले फैसले पर टिकी हुई है.इधर किसान पिछले डेढ़ महीने से लगातार धरना पर बैठे हुए हैं.

धरना दे रहे किसानों में से रंजीत कुमार,भोला प्रसाद,विष्णुदेव प्रसाद आर्य इत्यादि ने बताया कि उचित मुआवजे की मांग को लेकर पिछले एक दशक से चल रही लड़ाई का आज सुखद अंत होने की संभावना है. बताते चले कि शेखपुरा से बरबीघा होते हुए बिहार शरीफ,दनियावां के रास्ते पटना के नेउरा तक बनने वाले रेलवे लाइन के लिए बरबीघा में 288 किसानों का लगभग 44 एकड़ भूमि अधिग्रहित किया गया है. लगभग एक दशक पहले अधिकृत किए गए इस भूमि का पहले कृषि भूमि घोषित कर किसानों को मुआवजा दिया जा रहा था.

इसके बाद किसान उचित मुआवजे की मांग को लेकर मामले को हाईकोर्ट लेकर गए थे.हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन और रेलवे को एक जनवरी 2014 के अधिकतम बाजार मूल्य के हिसाब से भुगतान करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद तत्कालीन डीएम इनायत खान ने सिक्स मैन कमेटी का गठन कर जमीन की प्रकृति तय करने के लिए जांच करवाया था. जांच के नाम पर यह मामला काफी दिनों तक चलता रहा.पुनः जब किसान कोर्ट की अवमानना को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया.

तब इसकी विशेष सुनवाई के लिए हाई कोर्ट के निर्देश पर मुंगेर के लारा कोर्ट में मामले को ट्रांसफर कर दिया गया. मुंगेर के लारा कोर्ट में भी जिला प्रशासन द्वारा कथित तौर पर जमकर दांव पेच खेला गया. कागजों में उलझा कर मामले को काफी लंबा खींच लिया गया. कोर्ट में फैसला आने से पहले ही केंद्र के दबाव के बाद वर्तमान डीएम जे. प्रियदर्शनी ने बीते 23 दिसंबर से पुलिस बल की तैनाती कर रेलवे लाइन पर मिटटी भराई का कार्य शुरू करवा दिया.तब से किसान लगातार अनिश्चितकालीन धरना खेतों में बैठकर ही दे रहे हैं. इस दौरान ठंड लगने की वजह से दो किसान गीता देवी और रवि सिंह की मौत भी हो चुकी है.

दो किसाने की मौत के बाद क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी मामले में हस्तक्षेप किया. उनके पहल पर कोर्ट में सारे कागजात को जिला प्रशासन द्वारा मजबूर होकर भेजना पड़ा. खुद लारा कोर्ट के जज स्थल निरीक्षण करने पहुंच गए.अब आज मामले की जब सुनवाई होगी तब उम्मीद की जा रही कि किसानों के हक में फैसला दिया जाएगा. किसाने की आंदोलन में स्थानीय समाजसेवी संतोष कुमार शंकु, क्रांतिकारी नेता कन्हैया कुमार बादल आप पार्टी के जिला अध्यक्ष धर्मउदय कुमार, चंद्रभूषण कुशवाहा, राकेश रंजन विधायक सुदर्शन कुमार सांसद चंदन सहित कई समाजसेवी और नेताओं ने भी अपना सहयोग दिया था.

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गणतंत्र दिवस के दिन ठंड लगने से विकास मित्र की हुई मौत..इलाज के दौरान पटना पीएमसीएच में तोड़ा दम

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Barbigha:-गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा फहराते समय ठंड लगने की वजह से एक विकास मित्र की मौत हो गई. मृतक विकास मित्र की पहचान जिले के कुसुंभा ओपी थाना क्षेत्र के अमानतपुर गांव निवासी सौदागर मांझी के पुत्र 40 वर्षीय स्व. हरिश्चंद्र मांझी के रूप में किया गया है.

घटना पर दुःख प्रकट करते हुए जदयू महादलित्य प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अशर्फी मांझी ने बताया कि गांव के महादलित टोला में स्वर्गीय हरिश्चंद्र मांझी झंडा फहरा रहे थे. झंडा फहराने के दौरान भी लोगों के बीच जलेबी का वितरण कर रहे थे. इसी दौरान वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़े.स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया था.

आज तड़के सुबह पटना पीएमसीएच में ही इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. मौत की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया.मृतक को पांच बच्चे भी है.इसमें दो की शादी हो चुकी है.घटना की जानकारी मिलते ही अशर्फी मांझी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए अमानतपुर गांव पहुंचे. उन्होंने जिला प्रशासन से मामले की जांच करवा कर पीड़ित परिवार को आपदा के तहत मदद करवाने का आग्रह किया है.

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समाजवादी नेता रवि बाबु की मौत पर श्रद्धांजलि सभा हुआ आयोजित

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Barbigha:-रविवार को बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के शेरपर में पूर्व वार्ड आयूक्त एवं पूर्व पैक्स अध्यक्ष तथा सामाजिक राजनीतिक क्रिया कलापों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले समाजवादी नेता रविशंकर सिंह को एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया.वयोवृद्ध राजनीतिज्ञ सिधी सिंह की अध्यक्षता में शोकसभा आयोजित किया गया.

उपस्थित लोगों ने उनके तैलीय चित्र पर पुष्प अर्पित उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डाला.समाजवादी नेता और बरबीघाा नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष शिव कुमार ने अपने उदगार ब्यक्त करते हुए कहा कि रवि बाबु जिन जीवन मूल्यों को लेकर जिये उसे आज कि परिस्थिति में याद रखना बहुत जरूरी है.वे जीवन पर्यंत समाज के प्रति वफादार और ईमानदार बने रहे.उन्होंने हमारे साथ भी तेतालिस साल तक सामाजिक राजनीतिक कार्यों में सहभागिता निभाई थी.

समाज और हमने एक अमूल्य सामाजिक कार्यकर्ता को खोया है.इस अवसर कर लोजपा (पारस)के नेता और पूर्व बरबीघा विधानसभा प्रत्याशी मधुकर कुमार ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि स्व० रवि बाबू एक सरल और तड़क-भड़क से दूर रहकर समाज के लिए काम करने वाले व्यक्ति थे.उनके आकस्मिक निधन से समाज ने एक महान व्यक्तित्व को खो दिया है.

अपने विरोधियों को भी हंसकर प्यार से गले लगाने वाले रवि बाबू जैसा सामाजिक राजनेता मिलना बहुत मुश्किल है.मौके पर रामजन्म सिंह एडवोकेट,राजीव सिंह , राज कुमार यादव ,सुरेन्द्र यादव, हरिनंदन सिंह, मिथलेश कुमार उर्फ मिठ्ठू सिंह सहित अन्य लोगो ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किया.अंत मे सभी ने दो मिनट खड़े रह कर ईश्वर से उनकी आत्मा की शान्ति की प्रार्थना किया गया.

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शेखपुरा एसपी के ट्रांसफर की खबर मात्र से ही मायूस हो गए जिला बासी.. बलिराम कुमार चौधरी बने नए SP

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Sheikhoura:-शुक्रवार की देर संध्या बिहार में बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया. इधर शेखपुरा के पुलिस कप्तान तथा लोगों के बीच सिंघम के नाम से मशहूर एसपी कार्तिकेय शर्मा का जैसे ही तबादला की खबर लिस्ट में आई जिले में मायूसी छा गई.कार्तिकेय शर्मा को शेखपुरा से तबादला करके बिहार अपराध अनुसंधान विभाग का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. वही शेखपुरा के नए पुलिस कप्तान बलिराम कुमार चौधरी को बनाया गया है. बलिराम कुमार चौधरी इससे पहले बिहार के राज्यपाल के परिसहाय (एडीसी) के तौर पर कार्य कर रहे थे.

शेखपुरा के पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा को उनके बेहतर कार्य के लिए जिलेवासी हमेशा याद रखेंगे. कड़क ऑफिसर के साथ-साथ एक बेहतर और सरल इंसान के लिए उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा.उनके जैसा पुलिस कप्तान न तो शेखपुरा को पहले कभी मिला न भविष्य में मिलने की संभावना है.तमाम व्यस्तताओं के बावजूद प्रतिदिन आम लोगों की समस्याओं से रूबरू होना और उसका तुरंत निदान करना ही उन्हें लोगों के बीच लोकप्रिय बनाये हुए था. अपराधियों, शराब कारोबारी और साइबर अपराधियों के लिए पुलिस कप्तान कातिक शर्मा किसी काल से काम नहीं थे. पिछले तीन साल के कार्यकाल के दौरान सैकड़ो साइबर अपराधियों को उनके द्वारा जेल भेजा गया था.

शराब कारोबारी और अपराधी उनका नाम सुनकर ही थरथर कापते थे. पूरे जिले के किसी भी थाने में घूसखोरी लगभग पूरी तरह से बंद थी. उनके कार्यकाल के ठीक पहले सड़कों पर वसूली के लिए मशहूर शेखपुरा पुलिस उनके कार्यकाल के दौरान एक बार भी सड़क पर वसूली करते नजर नहीं आई. किसी ने अगर हिम्मत भी किया तो पुलिस कप्तान ने खुद रंगे हाथ पकड़ कर उसे कड़ी सजा दिया. दर्जनों पुलिसकर्मी वसूली करते पकड़े जाने पर सस्पेंड कर दिए गए थे.

इन सब कार्यों को करते हुए भी वे आम लोगों के लिए भी सर्वशुलभ थे.जब कहीं किसी ने मुख्य अतिथि के तौर पर उन्हें याद किया वह सहज उपलब्ध हो जाते थे. अपनी ओजस्वी वाणी से लोगों और छात्र-छात्राओं के बीच हमेशा ऊर्जा भरने का काम किया. बड़े से बड़ा वीआईपी अपराधी हो या छोटा सा छोटा क्रिमिनल सभी के साथ कानूनी तौर पर बिना दबाव के निष्पक्ष और उचित कार्रवाई किया.कार्तिकेय शर्मा के बेहतरीन कारों के लिए जिलेवासी उन्हें सदैव याद रखेंगे. जिले में जब भी कड़क और ईमानदार ऑफिसर की चर्चा होगी तो इनका नाम अदब से लिया जाएगा.

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माउर गांव में समाजसेवी तथा स्थानीय वार्ड पार्षद द्वारा गरीबों के बीच बांटा गया कंबल

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Barbigha:-नगर परिषद बरबीघा क्षेत्र के माउर ग्राम में समाजसेवी सुरेश प्रसाद सिंह और स्थानीय वार्ड पार्षद प्रसून कुमार भल्ला के सहयोग से सैकड़ो गरीब बुजुर्ग के बीच कंबल का वितरण किया गया.कड़कड़ाती ठंड में कंबल पाकर गरीबों बुजुर्गों के चेहरे खुशी से खिल उठे.कंबल वितरण के दौरान समाजसेवी ने सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कहा कि गरीबों व असहायों को मदद करना मेरी नियती में शामिल है.

उन्होंने कहा कि मैंने यह निश्चय किया कि जितना हो सके मैं अब असहायों को ठंड से मरने से बचाऊंगा. तबसे मैं सार्वजनिक स्थलों पर घूम घूम कर जरूरतमंद असहायों के बीच गर्म कपड़े व कंबल का वितरण कर रहा हूं.उन्होंने कहा की उम्र के अंतिम पड़ाव पर मैं पहुंच चुका हूं. लेकिन भगवान जब तक सांस दे रखा है तब तक हर साल गरीबों के बीच कंबल का वितरण करता रहूंगा.वही प्रसून कुमार भल्ला ने कहा कि गरीब और असहाय की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है.

इस भयंकर शीतलहर में कई ऐसे गरीब परिवार होते हैं जो कंबल और रजाई खरीदने में और असक्षम होते हैं. समाज के समृद्ध लोगों को ऐसे लोगों का ख्याल रखना भी नैतिक जिम्मेदारी बन जाता है. छोटे-छोटे सहयोग से ऐसे लोगों की चेहरे पर खुशियां देखने को मिलती है.

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बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री को भारत रत्न नहीं मिलना ऐतिहासिक अन्याय..बिहार की सियासत हो रही हुई गर्म..जानिए अब तक श्री बाबू के समकालीन किस-किस को मिल चुका भारत रत्न

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Desk:-बिहार के दो बार के मुख्यमंत्री रहे जननायक के नाम से मशहूर कर्पूरी ठाकुर को केंद्र सरकार द्वारा भारत रत्न देने की घोषणा करने के बाद से बिहार की सियासत गर्म हो गई है.पूर्व भाजपा नेता ने सुधीर कुमार शर्मा ने केंद्र सरकार के जहां इस कदम की जमकर सराहना किया वहीं बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा नहीं करना ऐतिहासिक अन्याय भी बताया है.

उन्होंने अपने फेसबुक बल पर लिखा कि केंद्र सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को मरणो उपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला लिया गया है. इसका हम स्वागत करते हैं.लेकिन बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह को भारत रत्न नहीं मिलना ऐतिहासिक अन्याय है. जिसको सुधारना नरेंद्र मोदी सरकार की जिम्मेवारी थी जो नहीं हुआ.इससे बिहार में जातीय सोंच से इतर बिहारी स्वाभिमान का भाव रखने वाले बड़े समूह को ठेस पहुंची है.

किसी वंचित जाति में जन्म लेकर अपने उपेक्षित समूह के उत्थान के लिए कुछ करना प्रसंशनीय हो सकता है लेकिन समाज के सर्वशक्ति संपन्न ताकतवर जाति में पैदा लेने वाले डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह ने वंचितों के कल्याण के लिए जो किया वह ज्यादा अभिनंदनीय है. जिस जाति के बिहार में सर्वाधिक जमींदार थे उस जाति के व्यक्ति ने देश में पहला जमींदारी उन्मूलन कानून लागू कर किसानों मजदूरों को दमन से मुक्ति दिलाया. समाज के सर्वोच्च शिखर पर बैठी हुई जाति का व्यक्ति श्री बाबु ने देवघर मंदिर में दलितों के प्रवेश के लिए अपने परिवार के विरोध की भी परवाह नहीं किया.सत्ता ईमानदारी की सबसे बड़ी कसौटी होती है.

17 वर्षों से ऊपर बिहार का मुख्यमंत्री रहा व्यक्ति पटना में ही नहीं अपने पैतृक गांव में भी एक घर तक नहीं बनाया.मजबूरी में वंशवाद नहीं करना एक बात है.लेकिन जिस जाति की बहुलता के अनेकों विधानसभा और लोक सभा हों उसने अपने बेटों या परिवार को राजनीति में आने नहीं दिया यह स्वर्णिम उदाहरण है.अपनी जाति का पीए से लेकर स्टाफ तक एक आदमी नहीं रखने का उदाहरण श्री बाबु ने ही प्रस्तुत किया. अपने चुनाव क्षेत्र में कभी प्रचार करने नहीं जाने का देश में कोई दूसरा उदाहरण श्री बाबु के अलावा नहीं है. ऐसे महान भभूति को अपेक्षित करना केंद्र सरकार की ओछी मानसिकता को भी दर्शाता है.

बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह भारत रत्न के स्वाभाविक हकदार है. इससे उनको वंचित रखना बिहारी स्वाभिमान के खिलाफ है.वे मुख्यमंत्री भले बिहार के रहे लेकिन उनका कद किसी राष्ट्रीय नेता से विराट था.देश में कोई उदाहरण नही है कि 1937 में प्रधानमंत्री(प्रीमियर)बना व्यक्ति अपने जीवन पर्यन्त(1961) मुख्यमंत्री रहा हो.उनके साथ 1937 मे संयुक्त प्रान्त(उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के कुछ भाग) के प्रधानमंत्री बने गोविन्द वल्लभ पंत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री 1954 तक ही रहे.फिर केंद्रीय गृह मंत्री बन कर 1961 में दिवंगत हुए.

उनको भी 1957 में ही भारत रत्न मिल गया.1937 में मद्रास प्रेसिडेंसी के प्रधानमंत्री बने चक्रवर्ती राजगोपालाचारी दुबारा 1952-54 में मद्रास राज्य के मुख्यमंत्री रहे.उनको 1954 में ही भारत रत्न मिल गया था।.असम के प्रथम मुख्यमंत्री रहे गोपीनाथ बरदोलाई को 1999 में भारत रत्न मिला.पश्चिम बंगाल के 1948 से लेकर आजीवन मुख्यमंत्री रहे विधानचंद्र राय को 1961 में ही भारत रत्न मिल गया.1953-63 तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे के. कामराज को 1976 में भारत रत्न मिला.श्री बाबु के साथ बिहार के राज्यपाल(1957-62) रहे डॉ जाकिर हुसैन को 1963 में भारत रत्न मिला.

1952-56 मुंबई प्रान्त के मुख्यमंत्री रहे मोरारजी देसाई को 1991 में भारत रत्न मिला।उनके समकालीन पंडित नेहरू, सरदार पटेल, राजेन्द्र प्रसाद सबको भारत रत्न मिल चुका है.बाकी के भारत रत्न प्राप्त लालबहादुर शास्त्री समेत सभी लोग श्री बाबु से जूनियर ही हैं.1988 में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एमजी रामचन्द्रन को भी भारत रत्न मिल गया.
भारत रत्न प्राप्त उपरोक्त किसी भी नेता से श्री बाबु का व्यक्तित्व कमतर नहीं था.आजीवन अपराजेय श्री बाबु अपने चुनाव क्षेत्र में वोट नहीं माँगने वाले देश के इकलौते नेता हैं.जबकि देश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता पंडित नेहरू को भी फूलपुर में वोट मांगना पड़ता था.उतना बड़ा अध्ययनशील और विद्या व्यसनी देश में कोई दूसरा राजनेता नहीं था.उनके निजी स्टाफ में और सर्वोच्च प्रशासन में उनकी जाति का कोई व्यक्ति नहीं था जो उनके सिद्धान्त के हद तक जातिनिरपेक्ष होने का गवाह है.

दलितों के प्रति उनके प्रेम का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण देवघर के मंदिर में खुद जाकर दलितों के साथ पूजा करना है.सर्वप्रथम देश में जमींदारी उन्मूलन का काम श्री बाबु ने किया।विकास के प्रति प्रतिबद्धता का नजीर एचईसी हटिया, सिंदरी, बोकारो इस्पात संयंत्र, पतरातू थर्मल पावर,बरौनी (रिफाइनरी, फर्टिलाइजर,और थर्मल पावर),डालमिया नगर उद्योग समूह,अशोक पेपर मिल, दर्जनों चीनी कारखाने हैं। उनकी ईमानदारी संदेह से परे थी.गाँव के पुश्तैनी घर का खपरैल नही उतरा, आजीवन मुख्यमंत्री रहे व्यक्ति का पटना में घर नहीं बना।कोई बैंक बैलेंस नहीं, मरने पर तिजोरी राज्यपाल की उपस्थिति में खोला गया तो 24500 रुपये वसीयत के साथ निकले जिसमे परिवार के लिए एक रुपया नहीं.ऐसे विदेह जनक के समान अनासक्त कर्मयोगी थे बिहार केसरी.

ऊपर वर्णित कुछ उदाहरण ही काफी हैं यह बताने के लिए कि श्री बाबु का व्यक्तित्व किसी भी नेता से कम नहीं बल्कि विराट था.उनको भारत रत्न नहीं मिलना बिहार और बिहारियों का अपमान है.इस मुहिम में सबको जुड़ना चाहिये और बिहारी स्वाभिमान की बात करने वाले मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाकर यश का भागी बनना चाहिए.
मेरे यह लिखने के पीछे नई पीढ़ी को यह जानकारी देना कि एक महामानव को कैसे भारत रत्न जैसे स्वाभाविक पुरस्कार से वंचित रखा गया है? यह लड़ाई नेताओं के भरोसे नहीं बल्कि आम जनता के सहयोग से लड़ी जानी है. श्री नरेन्द्र मोदी की केन्द्र सरकार को पहले की सरकारोँ का भूल सुधार करना चाहिए.भूमिहार-ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट श्री बाबु को भारत रत्न देने की मांग को लेकर पुरे बिहार में व्यापक हस्ताक्षर अभियान चलाएगा और महामहिम राज्यपाल के माध्यम से एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर के साथ मांग पत्र राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा.

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दूसरे दिन भी बरबीघा में निकाला गया भव्य जुलूस..समाजसेवी विलास यादव ने भक्तों के बीच बांटा भगवा वस्त्र

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Barbigha:-अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद क्षेत्र में भक्ति का माहौल लगातार देखने को मिल रहा है.बुधवार की संध्या भी बरबीघा नगर क्षेत्र के मिशन चौक पर स्थित महावीर मंदिर की तरफ से भव्य राम जुलूस निकाला गया.मौके पर उपस्थित सैकड़ो राम भक्तों के बीच समाजसेवी विलास यादव के द्वारा भगवा वस्त्र का भी वितरण किया गया.

मंदिर के पास से निकलकर जुलूस देर शाम तक रामपुर सिंडाय, बुल्लाचक, गोलापर आदि मोहल्ले में घूमता रहा. इस दौरान राम भक्त डीजे पर बज रहे भक्ति गाने पर जमकर जय श्री राम के नारे लगाते रहे. इस संबंध में विलास यादव ने बताया कि महावीर मंदिर के प्रांगण में 22 जनवरी को ही अखंड रामधुनी कीर्तन का आयोजन किया गया था. 23 जनवरी बुधवार की संध्या अखंड कीर्तन का समापन होने पर शहर में भव्य जुलूस निकाला गया.

उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होना देश के लिए एक ऐतिहासिक पल रहा है. आज पूरा विश्व सनातन धर्म का लोहा मान रहा है.सनातन धर्म मानने वाले लोग हमेशा विश्व की कल्याण की भावना मन में रखते हैं. इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष हीरालाल सिंह,तरुण कुमार, संतोष कुमार,मोनू कुमार, सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

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कड़कड़ाती ठंड पर बेअसर रही हल्की धूप..ठंड से बचने के लिए लोग ले रहे अलाव का सहारा

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Barbigha:-पिछले कुछ दिनों से चल रही शीत लहर से हाड़ कंपकंपा रही है. पिछले चार दिनों से तो सर्दी ने छक्के छुड़ा रखे हैं.अलाव के सहारे ही दिन बीत रहा है.चार दिन बाद मंगलवार को हल्की धूप खिलने से लोगों को कुछ राहत मिली. मंगलवार दोपहर करीब दो बजे सूर्यदेव के दर्शन हुए, लेकिन धूप में गर्माहट कम थी. दोपहर करीब दो बजे धूप तेज हुई तो लोगों को सर्दी से राहत मिली. लोगों ने धूप का आनंद लिया, लेकिन जैसे-जैसे शाम होने लगी वैसे-वैसे सूरज भी बादलों की ओट में छिपने लगा.

शाम पांच बजे के बाद फिर सर्दी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया. मंगलवार को भी सुबह से शीत लहर के साथ घने कोहरे ने जन जीवन प्रभावित कर दिया.दो दिन पूर्व दोपहर बाद लगा कि शायद मौसम खुलने के साथ-साथ ठंड से थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन मंगलवार को सुबह से ही चारों ओर कोहरा छाया रहा. सुबह से लेकर दोपहर तक कोहरे का प्रकोप रहा. दोपहर बाद आसमान में कोहरे की धुंध छा गई.इस बीच दो बजे के आसपास हल्की धूप खिली तो लोगों को राहत मिली, लेकिन कुछ देर ही धूप का असर रहा.

उसके बाद सुन्न के साथ-साथ शीतलहर का सिलसिला जारी रहा।. कोहरे के चलते सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए तो जनजीवन प्रभावित रहा. कहा जाए तो कोहरा और ठंड बढ़ने से सड़कों पर आवाजाही कम रही. शेखपुरा जिले में तापमान 7 डिग्री के आसपास पहुंच चुका है.ऐसे में लोग आवश्यक कार्यो से ही घर से बाहर निकल रहे हैं.नगर क्षेत्र में जहां नगर परिषद वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में अंचल के द्वारा जगह-जगह अलाव के लिए लकड़ी की व्यवस्था की जा रही है. घरों में भी लोग ठंड से बचने के लिए अलाव ताप रहे हैं.

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