Barbigha:-जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे गंभीर रूप से बीमार एक व्यक्ति को उस समय नई जिंदगी मिल गई जब समाजसेवी ने आगे बढ़कर खून देकर उनकी जान बचा लिया. दरअसल बरबीघा प्रखंड के अहियापुर गांव निवासी 65 वर्षीय रामानुज सिंह को अप्लास्टिक एनीमिया नाम की बीमारी हो गई है.गंभीर रूप से बीमार रामानुज सिंह को इलाज के लिए बरबीघा के श्री बालाजी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.
इलाज कर रहे डॉक्टर आनंद कुमार ने बताया कि आप्लास्टिक एनीमिया बहुत कम लोगों में पाया जाता है. शरीर में इस बीमारी के हावी होने के बाद खून बनने की प्रक्रिया बहुत ही धीमी हो जाती है. जिस समय मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया उस समय उनके शरीर में मात्र 4 ग्राम ब्लड बचा हुआ था. उन्हें तत्काल ओ पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता थी.
ऐसे में समाजसेवी विकास कुमार वीर सूचना मिलते ही बिना समय गवाएं खून देने के लिए अस्पताल पहुंच गए.तत्काल डॉक्टर आनंद कुमार के द्वारा मरीज को एक यूनिट ब्लड चढ़ाया गया तब जाकर उनकी जान बच पाई.इस मौके पर विकास कुमार वीर ने कहा कि लोगों को हर परिस्थितियों में जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए.छोटा-छोटा प्रयास जरूरतमंदों के चेहरे की मुस्कान बन जाती है. उन्होंने कहा कि वे अब तक अनगिनत बार रक्तदान कर चुके हैं.
रक्तदान करने से किसी प्रकार की कमजोरी नहीं होती. रक्तदान करने से शरीर में नए रक्त बनते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है. उन्होंने समाज के अन्य युवाओं से भी जरूरत की स्थिति में बढ़-चढ़कर रक्तदान करने का आग्रह किया. मौके पर संदीप भारती, प्रवीण कुमार, वीरेंद्र कुमार आदि लोग भी मौजूद रहे