Barbigha:-प्रदेश भर के साथ-साथ बरबीघा प्रखंड मुख्यालय पर भी मुखिया संघ के द्वारा मंगलवार को एक दिवसीय धरना दिया गया. अपने 19 सूत्रीय मांगों को लेकर सभी नौ पंचायत के मुखिया व उनके प्रतिनिधियों ने प्रखंड मुख्यालय पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया.इस संबंध में बरबीघा मुखिया संघ के अध्यक्ष तथा केवटी पंचायत के मुखिया डॉ दीपक कुमार ने बताया कि संविधान के 73वां संशोधन के तहत ग्राम पंचायत को कुल 29 अधिकार दिए गए थे.
लेकिन विभिन्न कारणों का हवाला देकर धीरे-धीरे मुखिया के हाथों से सरकार ने लगभग अधिकार छीन लिए हैं.पंचायत में मुखिया जनता के समक्ष महज एक कठपुतली बनकर रह गए हैं.उन्होंने बताया कि फिलहाल केवल 19 अधिकारों को वापस करने को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है.इसमें मुखिया के वेतन में वृद्धि तथा जान माल की सुरक्षा हेतु आर्म्स का लाइसेंस देने का मांग भी रखा गया है. इसके अलावा नल जल योजना का रख-रखाव, 15वीं वित्त आयोग की राशि के आवंटन में ग्राम पंचायतों की अधिक भागीदारी, पंचायत में सरकारी भवन के निर्माण का अधिकार, सोलर स्ट्रीट लाइट योजना का अधिकार आदि का मांग शामिल है
. पाक पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि रिकू महतो ने कहां की जनता मुखिया के अधिकारों का हनन होने के बाद हम लोग जनता के भरोसे पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं.पंचायत में जनता के बीच जाना भी मुश्किल हो गया है. योजनाओं को पारित करने के लिए मुखिया के ग्रामसभा करने पर रोक लगा दिया गया है. कोई भी योजना अब प्रशासनिक स्तर पर पास कराकर उसे मुखिया से सिर्फ ग्राम सभा में पास करने का दबाव बनाया जाता है.कुटौत पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सुधीर सिंह ने कहा कि ग्राम सभा खूबसूरत लोकतंत्र का एक मजबूत स्तंभ माना जाता है. लेकिन सरकार ने इस पर चोट करके लोकतंत्र पर सीधा हमला किया है.मुखिया संघ ने कहा कि अगर हमारी मांगों को सरकार नजरअंदाज करेंगे तो आने वाला लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उन्हें बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
मौके पर जगदीशपुर पंचायत के मुखिया हरेंद्र राउत,तेउस पंचायत के मुखिया सिंकु देवी,सर्वा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि विनोद सिंह,पिंजड़ी पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अजीत कुमार छोटू,सामस बुजुर्ग पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि पिंटू पासवान तथा मालदह पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सुधीर कुमार उपस्थित रहे.