(शेखपुरा संवाददाता धर्मेंद्र कुमार)शेखपुरा सदर प्रखंड के बंगाली पर मोहल्ले में अभिनंदन समारोह आयोजित कर ग्रामीणों ने शेखपुरा विधायक विजय सम्राट का भव्य स्वागत किया. इस दौरान विधायक को अंग वस्त्र देकर तथा फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया. नागरिक अभिनंदन समारोह में नागरिकों की काफी भीड़ देखी गई.इस दौरान विधायक ने जनता को संबोधित करते
हुए कहा कि जिला में भ्रष्टाचार को खत्म करना हमारी पहली प्राथमिकता है.इसे खत्म करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है. जनता की समस्या सुनते हुए उन्होंने कहा कि आपकी समस्या के निदान का प्रयास लगातार जारी रहता है.इस कार्यक्रम में जिला महासचिव विनय यादव,भूषण यादव, अनिल यादव,रवि यादव, नागमणि यादव, सतपाल यादव,अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे. वहीं विधायक विजय सम्राट का जगह-जगह हो रहा नागरिक अभिनंदन राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल हाल ही में नगर चुनाव होना है. इसलिए लोग कह रहे हैं कि विधायक विजय सम्राट का नागरिक अभिनंदन के साथ-साथ उनके भाई संजय गोप का धुआंधार प्रचार प्रसार का कहीं न कहीं नगर चुनाव का कनेक्शन है. हालांकि विधायक विजय सम्राट लगातार जनता की समस्याओं के लिए तत्पर रहते हैं.हमेशा भ्रष्टाचार को लेकर भी मुद्दा उठाते रहते हैं. ऐसे में अगर नगर में उनके भाई संजय गोप जीतते है तो कहीं ना कहीं इसका लाभ सीधे सीधे शेखपुरा की जनता को ही मिलेगा.
(शेखपुरा से धर्मेंद्र कुमार की रिपोर्ट)शेखपुरा जिला के घाटकुसुंभा प्रखंड में आयोजित जेएमडी क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला शेखपुरा vs शेखपुरा सेट क्लब के बीच खेला गया. टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला शेखपुरा सेट क्लब ने 6 विकेट से जीत कर अपने नाम किया. टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में मुख्य अतिथि के रुप में उभरते जदयू नेता राहुल_कुमार शामिल हुए. राहुल कुमार के द्वारा ही मैच खत्म होने के उपरांत विजेता और
उपविजेता टीम को ट्रॉफी और नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया.इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में घाटकुसुंभा जिला परिषद उम्मीदवार पप्पू राज, प्रेम कुमार गुप्ता, राजीव पटेल, विद्यासागर चंद्रवंशी आदि लोग भी उपस्थित थे. इस अवसर पर जदयू नेता राहुल कुमार ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल से जहां युवाओं के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना जागती है वही खिलाड़ियों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध का भी विकास होता है. खेलों के आयोजन से युवाओं को मानसिक रूप के साथ-साथ शारीरिक रूप से फिट रहने में भी मत मिलता है. क्रिकेट आज गांव गांव लोकप्रिय खेल बन चुका है. वही विजेता टीम के खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उन्होंने उनका हौसला अफजाई किया साथ ही उपविजेता टीम को कहा कि हार से निराश नहीं होना चाहिए. जीवन में हार भी बहुत कुछ सीखा जाता है. हार का मंथन करके उसको दूर करने का प्रयास करते हुए आगे बढ़ने का प्रयत्न जीवन में निरंतर करते रहना चाहिए. बेहतर आयोजन के लिए टूर्नामेंट के आयोजक इंदल कुमार और चंदन कुमार सहित अन्य ग्रामीणों का भी उन्होंने आभार व्यक्त किया.
(Barbigha)बहादुरपुर युवा क्रिकेट टूर्नामेंट का फ़ाइनल मैच रविवार को स्थानीय देवी स्थान के समीप खेल मैदान में वारसलीगंज और बरबीघा की टीम के बीच खेला गया। वारसलीगंज ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 16 ओवर में 147 रन का स्कोर खड़ा किया। वहीं जवाबी बल्लेबाजी
करते हुए बरबीघा के खिलाड़ियों ने 12 ओवर में ही अपने 4 विकेट खोकर ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया। इस टूर्नामेंट में बाढ़, सर्वा, सारे,महरथ, मोसिमपुर सहित 16 टीमों ने
भाग लिया था। सारे के मुखिया प्रतिनिधि जितेंद्र कुमार ने बरबीघा टीम के कप्तान सिकंदर सिंह उर्फ भोलू को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। साथ ही विजेता टीम को 5 हजार और उपविजेता टीम को 3100 रुपया का नकद इनाम भी
आयोजक की तरफ से दिया गया। बरबीघा की टीम के फोनु को मैं ऑफ द मैच एवम वारसलीगंज टीम के आलोक को मन ऑफ द सीरीज से समानित किया गया। इस मौके पर अंकित चंद्रायन, देबू सिंह,सारे पैक्स अध्यक्ष पंकज सिंह कवि उमेश बहादुरपुरिया, डोमन सिंह, पुकुल, मुकेश दीपक, सतीश सिंह, गिरीजेश सिंह, मौसम, खुशबू
मनसुख, राजा अन्य उपस्थित थे। उपस्थित अतिथियों ने
कहा की ग्रामीण स्तर पर इस तरह लोग का आयोजन बच्चो के मनोबल को बढ़ाकर उन्हें खेल के मैदान सहित
जीवन के हर क्षेत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करता है।सरकारी स्तर पर पढ़ाई के साथ साथ खेल को विकसित करने के लिए भी कदम उठाने की जरूरत है.ऐसआयोजनों से बच्चों में समाज में मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित होते हैं।
Barbigha:-इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा बिहार के प्रख्यात सर्जन सहजानंद सिंह सोमवार को अचानक बरबीघा रेफरल अस्पताल पहुंच गए.इस दौरान उनके द्वारा अस्पताल का निरीक्षण भी किया गया.इसके बाद अस्पताल के कर्मियों के साथ बैठकर व्यवस्था पर काफी देर तक चर्चा भी किया.
मीडिया कर्मियों से मुखातिब होते हुए उन्होंने अस्पताल में और बेहतर सुविधाओं के लिए स्वास्थ्य मंत्री से बात करने की बात भी कही.अस्पताल में वार्ड बॉय,ड्रेसर सहित अन्य स्टाफ की कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जल्द ही अस्पताल की कमियों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री से बातचीत करके अस्पताल को सारी चीजें मुहैया करवाने का प्रयास किया जाएगा.इसके बाद उन्होंने कहा कि चुकी बरबीघा में उनका विद्यार्थी जीवन बिता है.इसलिए यहां से तथा यहां के लोगों से उन्हें खासा लगाव रहता है. इस मौके पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ आनंद कुमार समाजसेवी चिंटू कुमार सिंह सुनील सिंह स्वास्थ्य कर्मी राजू कुमार संदीप भारती सहित अन्य उपस्थित रहे.इस दौरान उन्होंने डॉ आनंद कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि युवा डॉक्टर होने के साथ-साथ बहुत कर्मठ और अपने कार्य के प्रति बेहद जवाबदेह इंसान भी है.अस्पताल कैंपस में 24 घंटे रह कर मरीजों की सेवा करने वाले बहुत कम डॉक्टर देखने को मिलते हैं. आज बरबीघा में स्वास्थ्य व्यवस्था का दूसरे जिले के लोग भी कायल है, तो उसका सीधा सीधा श्रेय ऐसे डॉक्टरों को ही जाता है. उन्होंने अन्य चिकित्सकों से भी स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए अपना शत-प्रतिशत देने का निर्देश दिया.
Barbigha:-बरबीघा रेफरल अस्पताल अपने बेहतर चिकित्सा पद्धति के लिए जिले के साथ-साथ अब दूसरे जिले के लोगों के लिए भी भरोसे का प्रतीक बन गया है. इसका जीता जागता नमूना सोमवार को उस समय देखने को मिला जब लखीसराय में चाय बनाते वक्त आग की लपेट से झुलसी महिला को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल बरबीघा में भर्ती कराया गया. आग लगी
कि इस घटना में लखीसराय जिला के कछियाना गांव निवासी परमानंद पांडे की पत्नी माला देवी लगभग आधे से अधिक जल गई थी.परिजनों ने बताया कि अगर वह लखीसराय डिस्ट्रिक्ट अस्पताल मरीज को ले जाते, तो शायद इलाज के अभाव में उसकी मौत हो जाती है. इसलिए परिजनों ने महिला को बेहतर इलाज के लिए बरबीघा के किसी निजी अस्पताल में नहीं बल्कि रेफरल अस्पताल बरबीघा में भर्ती कराया.अस्पताल में कार्यरत डॉ साकेत भारती ने भी परिजनों के भरोसे पर खरा उतरते हुए महिला का बेहतर प्राथमिक उपचार किया और उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया. परिजनों ने बताया कि महिला घर में गैस पर चाय बना रहे थी. चाय बनाते वक्त महिला की साड़ी ने आग पकड़ लिया और जब तक लोग आग पर काबू पाते तब तक वह बुरी तरह से झुलस गई. गरीब ब्राह्मण परिवार से होने के कारण किसी बड़े अस्पताल में ना जाकर परिजन सीधे बरबीघा रेफरल अस्पताल भरोसे के साथ पहुंच गए. घायल महिला के परिजनों को बरबीघा अस्पताल में दिखाने के लिए सर्वा गांव निवासी विजय पांडे ने प्रोत्साहित किया था. रेफर होने के बाद दो दिन पहले ही लोजपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रहे मधुकर कुमार उर्फ डॉक्टर साहब द्वारा दिए गए एसी एंबुलेंस से उसे पावापुरी पहुंचाया गया. आज अगर मधुकर कुमार द्वारा दिए गए एंबुलेंस अस्पताल में नहीं रहता तो शायद महिला की मौत अस्पताल में ही हो जाती.
Barbigha:करीब एक साल से एंबुलेंस की समस्या से जूझ रहे बरबीघा रेफरल अस्पताल को शनिवार को एक नया एंबुलेंस मिल गया.यह एंबुलेंस पूर्व विधानसभा प्रत्याशी मधुकर कुमार उर्फ डॉक्टर साहब के सौजन्य से प्रभा नरेश सेवा संस्थान द्वारा अस्पताल को समर्पित किया गया है.इस कार्य को मधुकर कुमार के पिता नरेश सिंह ने विधिवत अस्पताल के आयुष चिकित्सक रणधीर कुमार को एंबुलेंस की चाबी सौंप कर पूरा किया.इस मौके पर
जदयू के पूर्व जिला अध्यक्ष अंजनी कुमार कुटोत पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सुधीर सिंह लोजपा के पूर्व युवा जिला अध्यक्ष रंजीत सिंह, डाटा एंट्री ऑपरेटर संदीप भारती अस्पताल कर्मी राजू कुमार, महब्बतपुर पंचायत के मुखिया राजीव कुमार उर्फ बौआ जी, कुणाल कुमार अविनाश कुमार काजू सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे. इस अवसर पर नरेश सिंह ने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में सामाजिक कार्यों को बढ़-चढ़कर करना चाहिए.इससे जहां लाचार और बेबस लोगों का भला होता है वही मनुष्य भी पुण्य का भागी बनता है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में एंबुलेंस की समस्या के कारण सड़क दुर्घटना में घायल कई लोगों की मौत की खबर ने उन्हें अंदर से दहला दिया था., इसलिए उन्होंने अस्पताल प्रशासन को एंबुलेंस देने का निर्णय लिया था जो आज सार्थक हो गया. एंबुलेंस संचालन के लिए 11 सदस्य कमेटी का गठन भी किया गया है. यह बेहद निर्धन एवं लाचार लोगों के लिए निशुल्क जबकि सक्षम लोगों के लिए अन्य एंबुलेंस के भाड़े की अपेक्षा आधे से भी कम कीमत पर उपलब्ध होगी.इमरजेंसी में मरीज से उतना ही बड़ा लिया जाएगा जितना में गाड़ी का मेंटेनेंस फ्यूल और ड्राइवर का खर्च पूरा हो सके. वही इस मौके पर कई समाजसेवियो ने भी एंबुलेंस के संचालन में आर्थिक सहयोग देने का भी वादा किया. बताते चलें की एंबुलेंस की समस्या को लेकर सबसे पहले डाटा एंट्री ऑपरेटर संदीप भारती ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को अवगत कराया था. जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर अस्पताल की उपेक्षा करने का आरोप भी लगाया था. इसके बाद मधुकर कुमार ने पहल करते हुए तत्काल एंबुलेंस देने का वादा किया था जो आखिरकार पूरा किया गया. मधुकर कुमार के इस प्रयास के लोग काफी सराहना भी कर रहे हैं. वह इस कड़ी में संदीप भारतीय द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने के बाद समाजसेवी राजीव सिंह कुणाल कुमार,छोटे उद्यमी तथा द क्विक पॉइंट के संचालक शिव शंकर कुमार आदि जैसे लोगों ने भी एंबुलेंस खरीदने में अपना अपना योगदान देने की बात कही थी. आखिरकार संदीप भारती की मेहनत रंग लाई और अस्पताल को एंबुलेंस की समस्या से मुक्ति मिल गई.
Sheikhpura: दिनांक – 9 सितंबर, 2005…स्थान – आजाद हिंद आश्रम स्थित कांग्रेस मुख्यालय, शेखपुरा…समय – शाम के लगभग 7:00 बजे, राजो बाबू का दरबार सजा हुआ था, स्थानीय लोगों से मुलाकात कर रहे थे. संभवत बिजली कटने से अंधेरा था. अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट ने शाम के सन्नाटे को चीर दिया. ताबड़तोड़ फायरिंग हुई और फिर से सन्नाटा. इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता इलाके का शेर, ढेर हो चुका था…एक महारथी धराशायी हो गया…एक युग का अंत…शेखपुरा सदर थाने में उनके पौत्र सुदर्शन कुमार द्वारा नामजद एफआईआर दर्ज कराया गया. जिसमें मंत्री अशोक चौधरी, विधायक रणधीर कुमार सोनी, पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष मुकेश यादव, टाटी नरसंहार के सूचक मुनेश्वर प्रसाद, लड्डू पहलवान को नामजद किया गया. यह बात अलग है कि इनमें से अधिकतर को चार्जशीट तक में शामिल नहीं किया गया. अब किस कारणवश नहीं किया गया यह तो अनुसंधानकर्ता ही बता सकते हैं. अब चलते हैं अतीत में…
इलाके में दो ताकतवर राजनीतिक परिवार थे. एक के मुखिया राजो सिंह थे और एक के महावीर चौधरी. हालांकि चौधरी जी बरबीघा के मूल निवासी नहीं थे मगर फिर भी आरक्षित सीट होने के कारण इसका पूर्ण लाभ उन्हें लंबे समय तक मिला. वह 1980 से लेकर 2000 तक 4 टर्म लगातार बरबीघा के विधायक रहे और निसंदेह आज भी उनके बारे में अच्छी बातें ही सुनने को मिलती हैं…दूसरे परिवार का नेतृत्व करते हुए राजो बाबू. सन् 1972 से लेकर 2000 तक में सिर्फ एक टर्म को छोड़कर शेखपुरा के विधायक रहे. सन 2000 में जब वह सांसद बने तो उन्होंने अपनी परंपरागत सीट पर पुत्र संजय सिंह को खड़ा किया और उनकी जीत सुनिश्चित कराते हुए बिहार सरकार में मंत्री बनवाया इधर 2000 के बाद महावीर चौधरी ने अपनी राजनैतिक विरासत अपने पुत्र अशोक चौधरी को सौंपी और वह बरबीघा से विधायक बने एवं बिहार सरकार में मंत्री बने. जानकार कहते हैं कि दोनों परिवारों में बहुत अच्छी मित्रता थी. राजो सिंह और महावीर बाबू में अच्छा समन्वय एवं तालमेल था. यहां तक कि सुनने में आता है कि राजो बाबू की कोई भी बात चौधरी जी नहीं काटते थे मगर अब आइए वर्ष 2000 में…
नई पीढ़ी सत्ता पर काबिज हो चुकी थी. दोनों पुत्र चुनाव जीत चुके थे. संजय सिंह यह चाहते थे कि जैसे उनके पिता की बात सुनी जाती थी वैसे ही अशोक चौधरी भी उनकी बात को वजन दें मगर ऐसा हुआ नहीं. कारण स्पष्ट है राजो बाबू और संजय सिंह के व्यक्तित्व व शख्सियत में जमीन आसमान का फर्क था. इलाके के लोग और खासकर राजो बाबू के समर्थक उन्हें मुख्यमंत्री से कम नहीं मानते थे सरकार चाहे किसी की भी हो मगर उस इलाके और सरकार में दबदबा राजो सिंह का ही रहता था. उनके इसी काम कराने की क्षमता के कारण उनकी लोकप्रियता का विशुद्ध लाभ उनके परिवार को आज तक मिल रहा है. पुत्रों में समन्वय एवं तालमेल नहीं बैठ सका जिसके चलते गुटबाजी आरंभ हो गई. इसी क्रम में एक तिथि अति महत्वपूर्ण है. दिनांक 26 सितंबर, 2001…जिला परिषद शेखपुरा की बैठक चल रही थी. जिसमें दोनों संजय सिंह एवं अशोक चौधरी मौजूद थे. किसी मसले पर दोनों में तनातनी हो गई, कहासुनी हो गई. किसी तरह बीच-बचाव किया गया. तत्पश्चात बैठक के समाप्त होने के उपरांत सभी अपने गंतव्य की ओर आगे बढ़े. लौटने के दौरान घात लगाए अपराधियों ने अशोक चौधरी के काफिले को समझकर बरबीघा और शेखपुरा के बीच अवस्थित टाटी पुल पर गाड़ियों पर अंधाधुंध फायरिंग करते हुए उन्हें छलनी छलनी कर दिया. ताबड़तोड़ चली गोलियों ने तत्कालीन जिला परिषद शेखपुरा के निर्वाचित सदस्य अनिल महतो और राजद के जिला अध्यक्ष काशीनाथ पहलवान की मौके पर मौत हो गई. उनके साथ छह और लोग कालकल्वित हो गए. मंत्री अशोक चौधरी बाल-बाल बच गए. कारण कि वह पहले ही निकल चुके थे. कालांतर में यह टाटी पुल नरसंहार के रूप में कुख्यात हुआ.
यह एक अप्रत्याशित घटना थी. बिहार केसरी डॉक्टर श्री कृष्ण सिंह की धरती पर इस तरह का राजनैतिक नरसंहार पहले कभी नहीं हुआ था. इस कारण से इलाके में ही नहीं अपितु पटना के सत्ता के गलियारों में भी सनसनी फैल गई. इस मामले में सांसद राजो सिंह, उनके पुत्र मंत्री संजय सिंह समेत 10 आरोपियों को नामजद अभियुक्त किया गया और राज्य सरकार ने आनन-फानन में विशेष अदालत का गठन कर अपना पल्ला झाड़ा. अभी उस मामले की जांच चल ही रही थी कि 9 सितंबर 2005 को महारथी राजो सिंह को मौत के घाट उतार दिया गया.
इसके आगे…
अगले भाग में…
अमृतांश आनंद की कलम से
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.
Sheikhpura: जिले के बरबीघा थाना इलाके के मिशन ओपी पुलिस ने दारू चुलाते चमरू पासवान को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है. चमरू पासवान बरबीघा नगर परिषद के दो बार अध्यक्ष रह चुके है.
आपको बता दें कि आज मिशन ओपी पुलिस ने चमरू पासवान के घर पर छापेमारी करके चमरू पासवान को दारू बनाते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि उनके घर से दारू बनाने का सामान भी बरामद किया गया है.
चमरू पासवान से जब पत्रकार ने बात की तो उन्होंने कहा कि बहुत कर्जा हो गया है. क्या करें कुछ समझ में नहीं आ रहा था. इसलिए दारू बनाने लगे.
Sheikhpura: बरबीघा नगर परिषद क्षेत्र के कांग्रेस आश्रम में संगठनात्मक चुनाव को लेकर गुरुवार को जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में पार्टी के जिला निर्वाचन पदाधिकारी नीता लोधी शामिल हुई.
बैठक में मुख्य रूप से पार्टी का बूथ स्तर तक संगठनात्मक संरचना मजबूत करने को लेकर चर्चा हुई. पार्टी के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि जून माह में कांग्रेस पार्टी का संगठनात्मक चुनाव होना है. पार्टी ने तैयारी शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी विंग के पदाधिकारी व कार्यकर्ता संगठनात्मक चुनाव के लिए तैयार हो जाएं. पार्टी के नियमानुसार चुनाव संपन्न कराया जाएगा. वही बैठक में शामिल रहे पार्टी के जिला अध्यक्ष सुंदर साहनी ने कहा कि इस बार नए एवं ऊर्जावान साथियों को पार्टी में जिम्मेदारी देने का काम किया जाएगा.
बुजुर्गों का मार्गदर्शन में पार्टी का संगठनात्मक चुनाव संपन्न होगा ताकि संगठन को अनुभव के साथ साथ ऊर्जावान साथी मिल सके. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में एक बार फिर से पार्टी पूरे देश से मजबूती के साथ खड़ा होकर एक मजबूत सरकार बनाएगी. कांग्रेस हमेशा से गरीबों को हक दिलाने वाली पार्टी रही है. आज भी कांग्रेस पार्टी के प्रति लोगों का विश्वास कम नहीं हुआ है. लेकिन वर्तमान सरकार उन्हें जात पात और धर्म के बंधन में बांध कर अपना रोटी सेकने का काम कर रही है. इसलिए अब पार्टी संगठनात्मक चुनाव के जरिए बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं को तैयार करके लोगों को पुनः पार्टी पर भरोसा करने के लिए प्रेरित करेगी. इस बैठक में पार्टी के जिला अध्यक्ष सुंदर साहनी के अलावा शेखोपुर सराय प्रखंड अध्यक्ष भैया जी बरबीघा प्रखंड अध्यक्ष संजीत कुमार पूर्व दिग्गज कांग्रेसी नेता गोवर्धन सिंह प्रमोद यादव गोपाल कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे.
Sheikhpura: बरबीघा पुलिस ने गुरुवार को अलग-अलग जगह छापेमारी अभियान चलाकर तीन शराबियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस संबंध में थानाध्यक्ष जयशंकर मिश्र ने बताया कि पुलिस कप्तान कार्तिकेय शर्मा के निर्देश पर चलाये गया छापेमारी अभियान के दौरान गंगटी गांव निवासी शशि रंजन कुमार को नशे की हालत में गिरफ्तार किया गया.
इसी गांव से अपने रिश्तेदार के यहां आए नालंदा जिला के रहुई थाना क्षेत्र अंतर्गत डेढ़गाढ़ा गाँव निवासी धनंजय यादव तथा अस्थावाँ थाना क्षेत्र के ओनदा गांव निवासी पिंटू कुमार को भी शराब के नशे की हालत में गिरफ्तार किया गया.
तीनों के खिलाफ मद्य निषेध अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया गया. गौरतलब हो कि पुलिस शराब कारोबार के साथ-साथ शराब पीकर सड़कों पर हंगामा मचाने वाले शराबी को भी गिरफ्तार करने का काम लगातार कर रही है.